उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचुला में ठहरे 1100 नेपाली मजदूरों की ओर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी जा रही है
नोवेल कोविड-19 से बचाव के लिए भारत के बाद नेपाल ने भी एक बार फिर से अपने देश में लॉकडाउन की अवधि को 27 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है। मंगलवार को इसकी घोषणा नेपाल सरकार ने की है। नेपाल की दार्चुला सीमा न खुलने के कारण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचुला में ठहरे 1100 नेपाली मजदूरों की ओर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी जा रही है। वहीं, सीमा पर भारत और नेपाल के अधिकारी अपने-अपने देशों से आदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों तरफ लॉकडाउन है और अभी सीमाएं खुलने का कोई अंदेशा नहीं दिख रहा।
नेपाल के मजदूरों की शिकायत है कि उन्होंने जो भी पैसा कमाया था वह उनकी जेब में है और उनके परिवार के लालन पोषण का वही मुख्य जरिया हैं। पैसा न होने के कारण नेपाल में ऐसे परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धारचुला एसडीएम अनिल शुक्ला ने डाउन टू अर्थ को बताया कि इस समस्या का समाधान करने के लिए हमने एसबीआई के जरिए मजदूरों का पैसा उनके घर तक पहुंचाने की बात कही है। साथ ही मजदूरों से यह भी कहा गया है कि यदि वे अपने घरों तक राशन पहुंचाना चाहते हैं तो अपने पते स्पष्ट तौर पर प्रशासन को दे दें, ताकि उनके घरों को राशन पहुंचा दिया जाए।
नेपाल की मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह बताया जा रहा है कि कुछ लोग अब भी सरहद लांघने की कोशिश कर रहे हैं। 16 अप्रैल को प्रकाशित कांतिपुर अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक महाकाली नदी के जरिए टायरों को नाव बनाकर लोग सीमा पार कर रहे हैं। वहीं, भारतीय सीमा पर तैनात अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एक्का-दुक्का लोग ऐसा कर रहे हैं जिसकी हमें जानकारी मिली है लेकिन आधिकारिक जानकारी का आना बाकी है। भारत की तरह नेपाल में भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद मजदूरों का जत्था सड़कों पर दिखा। नेपाल में भी कोविड जांच की कमी को लेकर चिंताएं जारी हैं।
धारचुला एसडीएम अनिल शुक्ला ने कहा कि हम मजदूरों की हर जरूरत को पूरा कर रहे है और 14-15अप्रैल को कैंप में नया वर्ष भी मनाया गया। अभी तक किसी मजदूर में बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। यह सभी मजदूर 29 मार्च को नेपाल जाने के लिए धारचुला पहुंचे थे। तभी से इन्हें तीन अलग-अलग जगहों पर क्वरंटीन कर दिया गया है।
335 नेपाली नागरिकों को धारचुला स्टेडियम में और 32 नागरिकों को निडालपानी, फायर ब्रिगेड भवन में, 371 लोगों को बलुआकोट, जीआईसी भवन में और एक अन्य जीआईसी भवन में 224 लोगों के साथ ही ब्रह्म जीआईसी में 103 नेपाल के नागरिकों को ठहराया गया है।