एक साल पहले लगाया जा सकेगा अल नीनो का पूर्वानुमान, वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका
वैज्ञानिक रूप से, अल-नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र की उस मौसमी घटना का नाम है, जिसमें पानी की सतह का तापमान सामान्य से ...
खेती किसानी पर पड़ेगा अल नीनो का असर, विशेषज्ञों ने कहा़- खुद को जलवायु के अनुरूप ढालें किसान
जलवायु मॉडल यह बताते हैं कि आने वाले महीनों में अल नीनो और मजबूत होगा, जिससे शुष्क स्थितियां बनेंगीं
डाउन टू अर्थ आवरण कथा: कितने महीने तक रहेगा अल नीनो का असर?
1997 बीसवीं सदी का सबसे भयावह अल नीनो वर्ष था, हालांकि इसने भारतीय माॅनसूनी वर्षा पर अपना प्रभाव बेहद कम डाला
भारतीय उपमहाद्वीप में सूखे की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं ऐरोसॉल: स्टडी
भारत, अमेरिका और कनाडा के वायुमंडलीय वैज्ञानिकों की टीम ने पता लगाया है कि एल नीनो वाले वर्षों के दौरान ऐरोसॉल के कारण भारतीय ...
भारत में आगे क्या लाएगा अल-नीनो?
भारत की महत्वपूर्ण मॉनसूनी वर्षा अल नीनो के कारण बाधित हो सकती है जो फसल उत्पादन के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
झारखंडः राज्य में मात्र 15 प्रतिशत हुई बारिश, गांवों से शुरू हो चुका है पलायन
झारखंड में ज्यादातर किसान साल में एक ही फसल लेते हैं और इस बार पूरे प्रदेश में केवल 60 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है
हजारों मील दूर महासागरों की गर्मी से पड़ रहा है दक्षिण-पश्चिमी तिब्बती पठार पर सूखा
शोधकर्ताओं ने तिब्बती पठार पर गर्मियों में होने वाली बारिश के पैटर्न में साल-दर-साल आने वाले बदलावों के कारणों का पता लगाया है।
मौसम विभाग ने माना, जुलाई में सक्रिय हो सकता है अल-नीनो, लेकिन सामान्य होगी बारिश
मौसम विज्ञान विभाग को उम्मीद है कि अधिकांश मध्य और आसपास के दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ ...
ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, बहुवर्षीय ला नीना के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन को कम करने पर जोर देना होगा
प्रशांत महासागर के गर्म होने से भारत में चक्रवातों में वृद्धि के आसार: अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग और एक चक्रीय घटना पैसिफिक डेकाडल ऑसिलेशन का संयोग, हर 20 से 30 सालों में होता है, आने वाले सालों में भूमध्य ...
डाउन टू अर्थ आवरण कथा: अल नीनो के बारे में जानें सब कुछ, कैसे करता है हम पर असर
विश्व मौसम संगठन ने 4 जुलाई, 2023 को अल नीनो की घोषणा की। अल नीनो एक गर्म चरण है, जो ग्लोबल वार्मिंग के कारण ...
अल नीनो और ला नीना की घटनाएं अब और अधिक लगातार हो सकती हैं: अध्ययन
वॉकर सर्कुलेशन के अल नीनो जैसे और ला नीना जैसे चरणों के बीच बदलने की समय अवधि औद्योगिक युग में थोड़ी धीमी हो गई, ...
जलवायु परिवर्तन के कारण अल-नीनो और ला-नीना का पूर्वानुमान लगाना कठिन
भविष्य में सूखे, बाढ़ और मौसम में बदलाव की घटनाओं के बारे में पहले पता करना कठिन हो सकता है
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
मॉनसून के अगले दो महीनों में एक साथ दिख सकते हैं सूखे और बाढ़ के हालात
कुल मिलाकर बारिश का दीर्घकालीन औसत सामान्य रहने का अनुमान है लेकिन बारिश का वितरण असमान रहेगा। एक साथ बन सकती हैं सूखे और ...
मॉनसून 2022 'सामान्य' रहेगा, लेकिन महीने-दर-महीने बढ़ेगी अनिश्चिता
स्काईमेट के पहले पूर्वानुमान के मुताबिक असामान्य रूप से लंबे समय तक सूखा रहने के बाद अचानक तेज बारिश होगी
जानिए, क्या है अल नीनो और ला नीना और क्या होता है इसका असर
अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है
400 साल में बेहद ताकतवर हुआ अल-नीनो, अच्छे मानसून का है दुश्मन
जहां एक ओर अल नीनो अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं, वहीं साथ ही इनके पैटर्न में भी बदलाव आ रहा है। एक अध्ययन में यह ...
वित्त मंत्रालय का अंदेशा, अल नीनो सक्रिय होने से घट सकती है फसलों की पैदावार
फरवरी में अप्रत्याशित गर्मी ने रबी की फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है, वहीं अल नीनो की भविष्यवाणी खरीफ पर भारी पड़ ...
जलवायु परिवर्तन अल नीनो और ला नीना में कर रहा है गड़बड़ी, बढ़ेंगी चरम मौसम की घटनाएं
शोध में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन 2030 तक अल नीनो-दक्षिणी दोलन को स्पष्ट रूप से प्रभावित करेगा
अल नीनो प्रभाव: दुनिया भर में समुद्री तटरेखा में क्या होगा बदलाव?
अध्ययन के आंकड़े निर्णय लेने और तटीय इलाकों में खतरों की आशंका के लिए बेहद अहम हैं, खास कर 2023 के अंत में होने ...
जलवायु परिवर्तन के दौर में मानसून से प्रभावित जीवन और आजीविका
देश की 40% से अधिक कृषि भूमि अभी भी वर्षा पर निर्भर है और ऐसे में भारतीय किसानों को अपनी आजीविका बचाने के लिए ...
कार्बन डाइऑक्साइड को कम कर भी दिया तो भी अतीत जैसा जलवायु का लौटना मुश्किल
एक अध्ययन के मुताबिक सीओ2 की मात्रा के कम होने पर भी दुनिया के कुछ इलाकों में साल में होने वाली औसत वर्षा में ...
सितंबर माह में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश के आसार
सितंबर माह में देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने की आशंका जताई गई है
मॉनसून में देरी: संभावित अल नीनो भारत के कुछ हिस्सों में कैसे बन सकता है सूखे की वजह
विशेषज्ञ मॉनसून के आने से पहले चक्रवात व बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं और किसानों को इसके लिए तैयार रहने ...