लॉकडाउन हरियाणा: 57 फीसदी किसान कैसे बेचेंगे अपनी फसल?
हरियाणा ने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों से ही फसल खरीदने की घोषणा की है
ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 24 प्रतिशत बच्चों की ही ऑनलाइन पढ़ाई नियमित रूप से हुई : सर्वेक्षण
15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गरीब परिवारों के 1,400 बच्चों पर किया गया हालिया सर्वेक्षण बताता है कि कोरोना काल में पढ़ाई ...
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
कोविड-19 लॉकडाउन भले खत्म हो जाये, लेकिन गरीब भूखे ही रहेंगे
11 राज्यों के गरीब व कमजोर तबके से जुड़े 4000 लोगों पर सर्वे किया गया, दो तिहाई ने कहा कि उन्हें कम खाना मिल रहा ...
बराबर नहीं हर एक लिए व्यथा की अभिव्यक्ति
हर किसी के लिए कोरोना की आप बीती अलग रही है, इसलिए हर कोई अपने- अपने नजरिये से देखने और समझने का प्रयास कर ...
इम्युनिटी के बारे में कितना जानते हैं आप?
हकीकत यह है कि हम प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) के बारे में बेहद कम जानकारी रखते हैं और इसका सही आभास हमें अब जाकर हुआ है, ...
झारखंड में प्रवासियों की वापसी, जरा सी चूक कहीं पड़ न जाए भारी
झारखंड में अब तक 115 लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें 90 प्रतिशत मामले ए सिंप्टोमेटिक हैं
कहां गई गरीबों की 'सरकारी' दाल?
बिहार में पहली दफा लॉकडाउन की घोषणा हुई थी तो सरकार ने घोषणा की थी कि इस अवधि में हर गरीब को तीन महीने ...
मध्यप्रदेश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक जिले होशंगाबाद में परिवहन व्यवस्था फेल
खरीदी केंद्र के प्रबंधकों ने प्रशासन और सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हुए 28 अप्रैल से खरीदी का काम रोक दिया ...
धान का बकाया भुगतान मिल जाता तो लॉकडाउन में आता काम
उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद तो शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को अभी तक धान का बकाया भुगतान नहीं हुआ है
सचिवालय से 2.5 किलोमीटर दूर भी नहीं पहुंचा सरकारी राशन!
झारखंड सरकार दावा कर रही है कि बिना राशन कार्ड वालों को 10 किलो चावल दिए हैं, लेकिन रांची सचिवालय से 2.5 किमी दूर पर ...
पीएम किसान सम्मान: क्या उत्तराखंड के किसानों को मिल गए 2,000 रुपए?
उत्तराखंड में दूसरी किस्त पाने वाले किसानों की कुल संख्या 7,43,303 थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद घोषित पांचवी किस्त केवल 4,76,509 किसानों को मिली ...
पतंजलि की दवा को सरकार की हरी झंडी, लेकिन ये सवाल हैं बाकी
आयुष मंत्रालय का कहना है कि दवा केवल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए, पतंजलि का दावा मरीज होंगे ठीक
लॉकडाउन: 30 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी के लिए लिया कर्ज: स्टडी
लॉकडाउन के बाद घर लौट रहे प्रवासियों पर किए गए अध्ययन में पाया कि 52 फीसदी लोगों के पास 1 एकड़ से कम जमीन ...
लाॅकडाउन से कैसे जूझ रहा है सुंदरवन?
सुंदरवन में लगभग 100 द्वीप हैं जिनमें से 54 द्वीप पर लोग रहते हैं। यहां की आबादी करीब 45 लाख है
इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
इम्यूनिटी किसी एक वस्तु को खाकर या न खाकर नहीं बढ़ायी जा सकती और न कोई एक अच्छा-बुरा आचार उसके लिए जिम्मेदार ही है
लॉकडाउन नहीं खुला तो प्रवासी मजदूर ने कर ली आत्महत्या
दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 30 वर्षीय युवक ने लॉकडाउन के कारण अपने चार बच्चों के लिए राशन का इंतजाम नहीं कर पाया
अब खड़ी फसल में आग लगने की घटनाओं ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत
लॉकडाउन की वजह से खेतों में फसल की कटाई में देरी हो रही है, वहीं अब खड़ी फसल में आग लगने से किसानों की ...
न कोरोना का भय, न लॉकडाउन का असर, यहां नहीं थमी जिंदगी
झारखंड की अनुसूचित जनजाति की 80 फीसदी आबादी जंगलों में रहती है और इनकी जिंदगी में अभी कोई बदलाव नहीं आया है
लॉकडाउन: लखनऊ की चिकनकारी का काम ठप, कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी से जुड़े कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन की वजह से उनका काम ठप पड़ा ...
कोरोनावायरस से लड़ाई में स्थानीय सरकारों को भी शामिल किया जाए
हिंदुस्तान जैसे विशाल उप-महाद्वीप में केवल 1 संघीय और 29 राज्य सरकारें ही नहीं हैं बल्कि 2,74,275 स्थानीय सरकारें भी हैं
लॉकडाउन के कारण हरियाणा के 92,734 किसानों को मुआवजे का इंतजार
ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सर्वे तक नहीं हो पाया है
कोरोना महामारी : ज्यादा हाथ धोने से भारत में पैदा हो सकता है जलसंकट
पांच व्यक्तियों के एक परिवार को केवल हाथ धोने के लिए प्रतिदिन 100 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होगी
लॉकडाउन में मुर्गियों को नहीं मिल रहा है दाना, 1.5 करोड़ मुर्गियों को मारने के लिए मांगी इजाजत
दाना नहीं मिलने से जींद और बरवाला में मुर्गियां मरने लगी है, जिसने व्यापारियों की चिंता और बढ़ा दी है
मोदी जी, आपने महामारी को भी इवेंट बना दिया
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन आर्थिक रूप से उबारने की किसी योजना का रत्ती भर भी जिक्र किए बिना स्थिति के प्रति उनकी ...