फंगल इन्फेक्शन से लड़ने के लिए मिला नया हथियार
भारतीय शोधकर्ताओं ने धान के पौधे से एक बैक्टीरिया खोजा है, जो रोगजनक फंगस को खाता है। बैक्टीरिया में एक फंगल-रोधी प्रोटीन की भी ...
क्या हिंद महासागर के 'ग्रेविटी होल' से पृथ्वी की उत्पत्ति का लग सकता है पता?
भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने हिंद महासागर में लाखों वर्ग किलोमीटर में फैले विशाल गुरुत्वाकर्षण छिद्र के कारण का लगाया पता
अध्ययन: उल्टी दिशा में घूम सकता है पृथ्वी का केंद्र, क्या बढ़ेगी भूकंप आने की घटनाएं?
पृथ्वी के आंतरिक कोर ने पहले 1970 के दशक की शुरुआत में दिशा बदल दी थी और अनुमान लगाया गया था कि अगला बदलाव ...
अदभुत खोज: ऐसा तारा जिसमें धड़कन हैं पर चुंबकीय क्षेत्र नहीं
यह बाइनरी तारा प्रणाली है, जहां हर तारा पिंड के सामान्य केंद्र के चारों तरफ उच्च अंडाकार कक्ष में घूमता है।
भारतीय खगोलविदों ने ब्लेजर टन 599 के बारे में लगाया पता, क्या है यह ब्लेजर
ब्लेजर एक सक्रिय, विशाल अण्डाकार आकाशगंगाओं के केंद्रों पर विशाल या सुपरमैसिव ब्लैक होल (एसएमबीएच) से जुड़े बहुत ठोस क्वेसार हैं
अब स्मार्टफोन से चलेगा मिट्टी की सेहत का पता, छोटे किसानों को होगा फायदा
यह स्मार्टफोन एप्लिकेशन लाखों छोटे किसानों के लिए किफायती, एसओएम और मिट्टी की उर्वरता की स्थिति का तेजी से पूर्वानुमान लगा सकता है
भारत के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी विकसित करने के लिए सीएसई और केंद्र ने मिलाया हाथ
इसके अंतर्गत जलवायु संबंधी बाधाओं के तहत सुरक्षित, टिकाऊ और अच्छा प्रदर्शन करने वाली बैटरी डिजाइन करने की योजना है
झींगा पालन: वैज्ञानिकों ने जलीय कृषि रोगाणु परीक्षण उपकरण किया विकसित
शोध में कहा गया है की यह उपकरण बीमारी का 100 फीसदी तक शुरुआती पहचान केवल 20 मिनट में कर लेता है
भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया कंपन से बिजली उत्पन्न करने का उपकरण
यह उपकरण 11 एलईडी बल्बों को रोशन कर सकता है, इसका उपयोग अपने आप चलने वाले उपकरणों और जैव चिकित्सा में किया जा सकता ...
क्यों दूसरे कई जीवों से ज्यादा जीता है इंसान, वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य
रिसर्च से पता चला है कि किसी जीव के शरीर में सोमेटिक म्युटेशन की दर जितनी धीमी होगी उसका जीवनकाल उतना ज्यादा लम्बा होगा
चमड़ा औद्योगिक ईकाइयों के प्रदूषण के लिए निदान हो सकता है डब्ल्यूसीटीटी
चमड़ा ईकाइयों के जरिए कच्चे माल (चमड़ा) को संसाधित किया जाता है और प्रक्रिया को पूरा करने के बाद बचे हुए (अपशिष्टों) को स्थानीय ...
वैज्ञानिकों ने विकसित किया आणविक सेंसर, नई दवाओं की पहचान करने में होगा सहायक
शोधकर्ताओं ने सूक्ष्म सेंसर को लक्षित करने वाले छोटे-अणु यौगिकों के प्रभाव का अध्ययन करने में इस सेंसर के उपयोग को दिखाया
भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाए स्वदेशी स्पेक्ट्रोग्राफ, यहां किया गया स्थापित
इस स्पेक्ट्रोग्राफ को देश में ही डिजाइन और विकसित किया गया है| इसकी कीमत विदेश से आयात किए जाने वाले स्पेक्ट्रोग्राफ से करीब ढाई ...
अब वायुमंडल के जलवाष्प से बनेगी बिजली, शोधकर्ताओं ने खोजा तरीका
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि वायुमंडल में जल वाष्प को भविष्य में एक संभावित अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग ...
धातु से वायरस को हटाने के लिए वैज्ञानिकों ने बनाया लेजर
रोग फैलाने वाले कीटाणु सतहों पर कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों के द्वारा कुछ इस तरह की धातु की ...
94 फीसदी तक वायरसों का सफाया करते है समुद्री जीव : अध्ययन
एक अध्ययन में पता चला है कि विभिन्न प्रकार के समुद्री जानवर ऑक्सीजन और भोजन के लिए समुद्री जल को छानते हुए वायरस के ...
गांजे में पाए गए एंटीबायोटिक गुण, अमेरिका में हुआ अध्ययन
गांजे में मौजूद रासायनिक यौगिक 'कैनबिनोइड' जिसे कैनबाइगरोल (सीबीजी) भी कहा जाता है, जो स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए)' के खिलाफ एक कारगर इलाज है
“एआई युक्त मशीनें बदल देंगी ब्रह्मांड में मानव जीवन”
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग के प्रमुख व भौतिकी वैज्ञानिक अब्राहम लोएब ने डाउन टू अर्थ से नई भौतिकी को लेकर बात की
दुर्घटना संभावित चौराहों की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने बनाई नई तकनीक
शोधकर्ताओं ने पीईटी के आधार पर भी वाहनों के टकराने की घटनाओं का अध्ययन किया है। सड़क पर दुर्घटना की आशंका वाले बिंदु से ...
वैज्ञानिकों ने बनाई नई प्रणाली, आधे घंटे पहले बता देगी कब और कहां गिरेगी बिजली
वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित एक सरल और सस्ती प्रणाली विकसित करने में सफलता हासिल की है, जो 30 किलोमीटर के दायरे में कहीं ...
खगोल विज्ञान: ब्रह्माण्ड के तेजी से फैलने की गुत्थी सुलझाएगा यह माप
जर्नल साइंस में प्रकाशित एक नये अध्ययन में ब्रह्माण्ड के विस्तार को मापने की एक नयी विधि प्रस्तुत की गयी है, जो शायद इस ...
ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने वाली ऊष्मा को बिजली में बदलेगी आईआईटी-मंडी
दुनिया में 70 फीसदी ऊर्जा ऊष्माके रूप में बर्बाद हो जाती है और यह ऊष्मा वातावरण में चली जाती है, ऊष्मा ग्लोबल वार्मिग का ...
क्यों शुरू हुई थी डाउन टू अर्थ मैगजीन
मई 1992 में डाउन टू अर्थ के संस्थापक संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा मैगजीन के पहले अंक के लिए लिखा गया संपादकीय
पेपर सेंसर से मिलेगी दूध की शुद्धता की जानकारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने एक नई किट विकसित की है, जो दूध की ताजगी की पहचान को अधिक आसान है
रक्त कैंसर की दवा बनाने में मददगार हो सकते हैं अंटार्कटिका में मिले कवक
भारतीय वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में ऐसी कवक प्रजातियों की खोज की है, जिनसे रक्त कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाले एंजाइम का उत्पादन ...