अब स्मार्टफोन से चलेगा मिट्टी की सेहत का पता, छोटे किसानों को होगा फायदा

यह स्मार्टफोन एप्लिकेशन लाखों छोटे किसानों के लिए किफायती, एसओएम और मिट्टी की उर्वरता की स्थिति का तेजी से पूर्वानुमान लगा सकता है

By Dayanidhi

On: Friday 20 August 2021
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में किसानों के पास मिट्टी की उर्वरता का सही परीक्षण के लिए पर्याप्त सुविधा की कमी है। अब वैज्ञानिकों की एक टीम इस बात का पता लगा रही है कि कैसे एक स्मार्टफोन कैमरा एक शक्तिशाली और आसानी से उपलब्ध विकल्प में बदल सकता है।   

शोध टीम ने छवि-आधारित मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ अथवा इमेज-बेस्ड सॉइल ऑर्गेनिक मैटर (एसओएम) के मूल्यांकन का महत्वपूर्ण वर्णन किया है। यह मिट्टी की उर्वरता के मूल्यांकन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सकता है।

शोध के लिए भारत के पश्चिम बंगाल में किए गए अध्ययन में राज्य के तीन कृषि-जलवायु क्षेत्रों से मिट्टी के नमूनों का इस्तेमाल किया गया। मिट्टी के रंग में अंतर का विश्लेषण करके, तकनीक एसओएम स्थिति को मापने के लिए उन्नत मॉडलिंग का उपयोग करती है, जो मिट्टी के पोषक तत्वों के स्तर और मिट्टी की गुणवत्ता और मिट्टी के स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य विशेषताओं को निर्धारित करती है।

छवि विश्लेषण पारंपरिक तरीकों की तुलना में फायदा पहुंचाने वाली है। पारंपरिक तरीकों की प्रभावशीलता और पहुंच भी सीमित है। प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए महंगे उपकरण और मिट्टी के नमूनों के संग्रह और हैंडलिंग से जुड़े चीजों के लिए काफी अधिक श्रम और समय की आवश्यकता होती है। एक साधारण स्मार्टफोन छवि के आधार पर एसओएम का तेजी से और विश्वसनीय मूल्यांकन कर सकता है। यह पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में मिट्टी की उर्वरता के मूल्यांकन को बहुत आसानी से करेगा।

अफ्रीकी पौध पोषण संस्थान के डॉ. कौशिक मजूमदार ने कहा कि एसओएम आंकड़े प्राप्त करने का एक सरल तरीका है, इसके उपयोग से फसल उत्पादन वाले क्षेत्रों में अधिक सटीक, आंकडे़ से संचालित कृषि को आगे बढ़ाने के नए अवसरों की संभावना पैदा होती है। जो इससे पहले पोषक तत्व प्रबंधन तथा निर्णय लेने संबंधी सेवाओं की कमी के कारण विवश थे।  

अनुसंधान केंद्रों को इस क्षेत्र में एक मजबूत विश्लेषणात्मक प्रणाली तैयार करने में कठिनाइयों तथा आसपास की प्रमुख चुनौती का सामना करना पड़ा। जो कई संभावित मिट्टी की सतह के रंग ढालों में समान रूप से अच्छी तरह से कार्य करने में सक्षम है जिसे इसे व्याख्या करने के लिए कहा जा सकता है।

इस चुनौती से निपटने के लिए शोधकर्ताओं ने एक नई विधि तैयार की जिसने छवि के भीतर पाए गए मिट्टी और जो मिट्टी नहीं है उन भागों को अलग करके छवि की व्याख्या करने में सुधार किया है। तकनीक एसओएम के मानों की तेजी से पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है वह भी पारंपरिक मिट्टी के विश्लेषण द्वारा निर्धारित मूल्यों के उच्च सहसंबंधों के साथ।

मशीन लर्निंग (एमएल) के माध्यम से टीम अपने मॉडल को किसी भी त्रुटि-प्रेरक संकेतों को पहचानने और बाहर करने के लिए जानबूझकर चुनौती देकर इसकी सटीकता में लगातार सुधार करना सिखा रही है।

अध्ययन ने मिट्टी की छवि लेकर उसके बारे में विस्तृत जानकारी के विज्ञान को आगे बढ़ाया है, लेकिन शोधकर्ताओं ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसे बदलने के लिए और शोध की आवश्यकता पर जोर दिया है। अगले चरण में मॉडल को नमूने की छवियों की एक विस्तृत श्रृंखला में प्रदर्शित करना शुरू कर देंगे ताकि एमएल मॉडल को यह सिखाया जा सके कि मिट्टी के प्रकार, बनावट, नमी और परिदृश्य में स्थिति के प्रभाव को बेहतर ढंग से कैसे पहचाना जाए।

शोधकर्ताओं का यह स्मार्टफोन एप्लिकेशन लाखों छोटे किसानों के लिए छवि-आधारित मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ अथवा इमेज-बेस्ड सॉइल ऑर्गेनिक मैटर (एसओएम) और मिट्टी की उर्वरता की स्थिति की लागत प्रभावी और तेजी से पूर्वानुमान लगा सकता है।

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