थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: अंधाधुंध खेती से जैव विविधता पर पड़ रहा है भारी असर: शोध
शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि 2070 के अनुमानित तापमान के चलते जंगल की जैव विविधता और खेती के बीच ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
भारत में पेड़ों की 469 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
देश में पेड़ों की 2,603 प्रजातियों में से 18 फीसदी (469) पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर केवल 41.5 ...
जल्लीकट्टू: संस्कृति बनाम संरक्षण
बुनियादी सवाल अभी अनुत्तरित है–क्या जल्लीकट्टू पारिस्थितिकी के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रथा है या सिर्फ एक खूनी खेल?
नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस: क्या है इतिहास, थीम, महत्व यहां जानें
मीठे या ताजे पानी की प्रजातियों में 1970 के बाद से 83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है
पारिस्थितिकी तंत्र से होने वाले फायदों में साल 2100 तक 9 फीसदी की गिरावट आने के आसार
शोध में पाया गया कि दुनिया के सबसे गरीब 50 फीसदी देशों और क्षेत्रों को सकल घरेलू उत्पाद का 90 फीसदी तक नुकसान उठाना ...
हिमालय की कीड़ाजड़ी: फिदा है दुनिया, लेकिन संकट में है अस्तित्व
इस मशरूम को 'कैटरपिलर फंगस' भी कहते हैं, जबकि तिब्बत में यार्त्सा गुंबू, कुमाऊं और गढ़वाल में आम बोलचाल में कीड़ा जड़ी अथवा यर्त्सा ...
नए युग में धरती: क्या सतत विकास लक्ष्य आएंगे काम
जैव विविधता के लक्ष्यों से पिछड़ने का मतलब है, गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य, पानी, शहरों, जलवायु, महासागर और भूमि से संबंधित लक्ष्यों में बाधा
नई पहचानी गई प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा अधिक: शोध
2011 से 2020 के बीच दर्ज प्रजातियों के लिए यह संकट बढ़कर 30 फीसदी हो गया है। विश्लेषण में आगे अनुमान लगाया गया है ...
जानिए कैसे टाइगर शार्क के जीवन को खतरे में डाल रहा है बढ़ता तापमान
औसत तापमान में हर एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ टाइगर शार्क का ध्रुवों की ओर प्रवास 400 किलोमीटर से ज्यादा बढ़ गया ...
लुटता हिमालय: कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले निर्माण करने होंगे
अच्छे और सुरक्षित निर्माण का एक ही मंत्र है- कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले ढांचे, बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम जो प्राकृतिक नाले से जुड़े ...
दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियों में 48 फीसदी और भारत में 50 फीसदी की भारी गिरावट : रिपोर्ट
अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में मौजूदा पक्षी प्रजातियों में से लगभग 48 फीसदी आबादी गिरावट के दौर से गुजर रही ...
इंसानी बस्तियों और प्रकृति से मिलने वाले क्षेत्रों के मानचित्रण के लिए बनाया पहला उपकरण
यह उपकरण, जंगल की आग, जूनोटिक रोगों के फैलने और पारिस्थितिकी तंत्र जैव विविधता के नुकसान जैसे पर्यावरणीय संघर्षों में सुधार कर सकता है
पारंपरिक ज्ञान के बिना जैव विविधता संरक्षण की बात बेमानी
हमें जंगलों एवं संरक्षित क्षेत्रों में जैव संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान की रक्षा एवं विकास की भी जरूरत है
क्या भारत में रह पाएंगे अफ्रीका से आने वाले चीते, अगस्त में आने की संभावना
अब देश के लिए अगली चुनौती यह तय करना है कि ये जानवर भारत की नई जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकें और ढल ...
प्रजातियों के भीतर छिपी हुई जैव विविधता का लगातार नुकसान हो रहा है : अध्ययन
अध्ययन से पता चला है कि प्रजातियों के भीतर विविधता के नुकसान के गंभीर पारिस्थितिक परिणाम हो सकते हैं, यह प्राकृतिक सामग्री और प्राकृतिक ...
90 प्रतिशत से अधिक प्रजातियों का अस्तित्व भूजल पर टिका है: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, भूजल पर निर्भर पारिस्थितिक तंत्र जैसे आर्द्रभूमि, बाढ़ के मैदान और तटवर्ती क्षेत्र का जैव विविधता पर बहुत अधिक महत्व है।
नई-नई महामारियों को रोकने की चाबी है जैव विविधता का संरक्षण: अध्ययन
वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने प्राकृतिक क्षेत्रों को संरक्षित करके और जैव विविधता को बढ़ावा देकर अगली महामारी को कैसे रोका जाए, इसके ...
अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
शोधकर्ताओं का सुझाव है कि सरकारें भावी पीढ़ियों के लिए जैव विविधता और प्रकृति के संरक्षण से होने वाले फायदों की गणना के लिए ...
टाइम बम की तरह हैं आक्रामक पौधे, जैव विविधता को पहुंचा रहे हैं भारी नुकसान
शोध टीम ने पाया कि जिन आक्रामक पौधों का उन्होंने विश्लेषण किया, उनमें से लगभग एक-तिहाई के तीव्र विस्तार के बीच की अवधि का ...
पक्षियों की 12 फीसदी प्रजातियों के लिए काल बन चुका है इंसान
रिसर्च से पता चला है कि आधुनिक मानव इतिहास में पक्षियों की करीब 1,430 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। इनमें से अधिकांश के लिए ...
अधिक संख्या में पाई जाने वाली प्रजातियों के गायब होने से कीटों की संख्या में आ रही है गिरावट: शोध
अध्ययन के निष्कर्ष इस विचार को चुनौती देते हैं कि कीट जैव विविधता में बदलाव दुर्लभ प्रजातियों के गायब होने के कारण होता है।
दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों को बचाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं संरक्षित क्षेत्र : अध्ययन
अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में जिस दर से बिना संरक्षित क्षेत्रों में वनों का नुकसान हो रहा है लगभग वही ...
ऐसे 12 तरीके जिनसे पता चलता है कि एक्वाकल्चर पर्यावरण के लिए फायदेमंद है : शोध
एक्वाकल्चर का उपयोग दुनिया भर में कमजोर या लुप्तप्राय मछलियों की आबादी को बहाल करने के लिए किया जाता है