बैगा आदिवासियों के दिल्ली वाले बाबा नहीं रहे !
प्रभुदत्त खेड़ा बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा बांटते रहे हालांकि वे हमेशा यही कहते थे कि बैगाओं को पर्यावरण और वनस्पतियों का ज्ञान किसी ...
आदिवासियों की नई दिक्कत, नहीं मिल रहा तेंदूपत्ता संग्रहण का पैसा
तेंदूपत्ता आदिवासियों की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया है, सरकारें भी यह बात जानती हैं, इसलिए नई-नई योजनाओं से आदिवासियों को लुभाने की कोशिश ...
शार्क मछलियों पर भी दिखा जलवायु परिवर्तन का असर: शोध
शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगह शार्क और उनके बच्चों पर अध्ययन कर पाया कि जलवायु परिवर्तन का असर शार्क और उनके बच्चों को काफी ...
वैज्ञानिकों का दावा, 14 करोड़ साल पहले कीटों द्वारा किया गया था शुरुआती फूलों का परागण
आज हम फूलों की जितनी भी विविधता देखते हैं, यह इन्हीं शुरूआती फूलों और उनके परागण की देन है
जंगलों के लिए फायदेमंद है पेड़ों की प्रजातियां और उनमें मौजूद आनुवांशिक विविधता
वनों के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए वनीकरण से जुड़ी परियोजनाओं में पेड़ों की अलग-अलग प्रजातियां के साथ उनमें मौजूद आनुवंशिक विविधता बहुत मायने ...
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
“फिल्म और एक्टिविज्म एक दूसरे से अलग नहीं”
“द अग्ली साइड ऑफ ब्यूटी” के लिए जापान सरकार से पुरस्कृत झारखंड के रहने वाले डॉक्यूमेंटरी फिल्ममेकर दीपक बाड़ा से खास बातचीत -
खानाबदोश: कल के विरुद्ध खड़ा बेपनाह समाज
वर्ष 2011 में 46,73,034 जातियों-उपजातियों को तो चिन्हित किया गया, लेकिन लाखों खानाबदोश, तब भी इन सामाजिक वर्गीकरणों में भूले-बिसरे ही रह गये
जय भीम: सत्य और फंतासी के बीच झूलती एक कहानी
गणतंत्र को बचाने के लिए कभी-कभी तानाशाही की जरूरत पड़ती है, ऐसी समझ वाले लोगों को जवाब दे रही है जय भीम
जैव विविधिता को नुकसान पहुंचा रही हैं चीन की हाइड्रोपावर कंपनियां
दुनिया के आधे से अधिक बांध बनाने वाली चीन की हाइड्रो पावर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगे हैं
भाषा के साथ खत्म होती हैं अनुभूतियां
जरूरी नहीं है कि लिखित भाषाएं ही परिपक्व हों, हमारी बहुत सी भाषाएं वाचिक साहित्य का हिस्सा हैं - अन्विता अब्बी
खतरे में हैं पश्चिमी हिमालय के पक्षी, क्या है वजह
जिन जंगलों में बदलाव आए हैं वहां जंगली और कीटभक्षी पक्षियों की आबादी में 80 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है
पिछले 6 दशकों के दौरान भूमि उपयोग में आए बदलावों से 32 फीसदी जमीन हुई है प्रभावित
1960 से 2019 के बीच 4.3 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के भूमि उपयोग में बदलाव किया गया है| इसी का परिणाम है कि वन ...
वन्य प्राणियों के लिए मौत का फंदा बनती जा रही हैं बिजली की तारें
वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में करीब 200 से अधिक जंगली जानवर की मौत करंट लगने के ...
भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजा हर मेंढ़क की पहचान करने का नया तरीका
वैज्ञानिकों ने मेंढ़क को बिना नुकसान पहुंचाए उनकी पहचान की है। इसके लिए उन्होंने जीवों को पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर हॉटमोट्टर का उपयोग किया
क्यों कम हो रही हैं उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं?
पिछले वर्ष 3 मई तक 99 हेक्टेअर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके थे, लेकिन इस साल 11 हेक्टेअर में ही आग लगी है
विलुप्ति से बचाएगा शेरों का नया आनुवंशिक अध्ययन
शोधकर्ताओं ने शेरों को विलुप्ति से बचाने के लिए उनके जीनोम का एक व्यापक परीक्षण किया है। एक जीव का जीनोम उसके वंशानुगत जानकारी ...
कोरोना के साथ वन्यजीवों को शिकार से बचाने की भी चुनौती बढ़ी
देहरादून और नैनीताल के चिड़ियाघरों में खासतौर पर बिल्ली के प्रजातियों वाले बाघ-गुलदार जैसे जानवरों की विशेष निगरानी की जा रही है
एक पेड़ से सीजन में होती है 1.5 लाख तक आमदनी, फलियों से बनते हैं व्यंजन
मणिपुर में अमीर परिवार बेटियों की शादी में इस पेड़ का पौधा उपहार स्वरूप देते हैं, इसकी फलियों से स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजन बनाए ...
“विनाश को विकास मान हम खुशफहमियों के भ्रमजाल में हैं”
उत्तराखंड में चिपको आंदोलन की अलख जगाने वाले 86 वर्षीय चंडीप्रसाद भट्ट को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डाउन टू ...
तो क्या उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा हो गई गुलदारों की संख्या?
उत्तराखंड में गुलदार और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसको लेकर कोई योजना इसलिए नहीं बन पा रही है, क्योंकि ...
वन्यजीवों के व्यवहार को जानना जरूरी, तब बच सकती है इंसानों की जान
उत्तराखंड में गुलदार का शिकार करने वाले लखपत रावत कहते हैं कि इंसान व जानवर दोनों को बचाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए इंसानों ...
एवियन बोट्यूलिज्म से ही हुई है सांभर झील में 18 हजार पक्षियों की मौतः रिपोर्ट
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली की गुरूवार को आई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि सांभर झील में 18,496 पक्षियों की ...
एनजीटी की रोक के बाद भी अरावली में हो रहा है निर्माण
अरावली में 260 एकड़ जमीन सीआईएसएफ को बेची गई है, इसके बारे में पता चलते ही एनजीटी पर किसी भी तरह के निर्माण पर ...
आखिर क्यों पक्षियों की कब्रगाह बनती जा रही है सांभर झील
राजस्थान के सांभर जिले में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि ...