30 फीसदी उत्सर्जन सोखने की क्षमता वाले जंगल भी हुए जलवायु परिवर्तन का शिकार
अध्ययन में पाया गया कि जिस तेजी से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा है, उस तेजी से जंगल कार्बन सोखने की अपनी क्षमता ...
70 फीसदी प्रजातियां संरक्षित क्षेत्रों में नहीं पाई गई: अध्ययन
मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा को बढ़ाकर 1,191 जानवरों की प्रजातियों के जरूरी आवासों की रक्षा की जा सकती है जो विशेष रूप से ...
मेंढकों को मार रही है घातक महामारी 'चिट्रिड', भारत में खोजे जा रहे हैं निपटने के उपाय
भारत में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के शोधकर्ताओं की एक टीम नए क्यूपीसीआर परीक्षण पर काम कर रही है जो एशिया में ...
सबसे बड़ी विलुप्ति के बाद, उत्पत्ति वाले पहले जीवों में झींगा और कीड़े शामिल थे: अध्ययन
पर्मियन काल में बड़े पैमाने पर सामूहिक विलुप्ति से पृथ्वी पर 90 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां मर गई थी
पर्यावरण के लिए नुकसानदेह सब्सिडी को खत्म करके मिल सकते हैं 3.9 करोड़ नए रोजगार
हर साल दुनिया भर की सरकारें करीब 37.2 लाख करोड़ रुपए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों के लिए सब्सिडी के रूप में दे ...
पारंपरिक अनानास की खेती कर जैव विविधता बचा रही है असम की हमार जनजाति
अध्ययन से पता चलता है कि असम की "हमार" जनजाति पारंपरिक तरीके से अनानास की खेती कर जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को बचाने ...
कीटनाशक व वायरसों की वजह से बढ़ रही हैं मधुमक्खियों की बीमारियां, वैज्ञानिकों ने चेताया
शोध टीम ने पाया कि मधुमक्खियां खेतों में एक बार में औसतन 23 तनावों से जूझ रही थीं, जो मिलकर उनमें 307 आंतरिक क्रियाएं ...
संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
रक्त चंदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की चौथी अनुसूची में संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है इसके बावजूद इसका अवैध व्यापार प्रजाति पर ...
फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने वाली लेडीबर्ड के अस्तित्व पर मंडराया खतरा: रिपोर्ट
दुनिया भर में लेडीबर्ड की 6,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जो फसलों और पौधों को एफिड्स सहित कीटों के प्रकोप से बचाने ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची 21 फीसदी से अधिक सरीसृप प्रजातियां: अध्ययन
अध्ययन में कम से कम 1,829 या 21 प्रतिशत या तो असुरक्षित, संकटग्रस्त या गंभीर रूप से संकटग्रस्त पाए गए।
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर साल करना होगा 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 फीसदी ...
2030 तक सभी देशों को भूमि सुधार के अपने वादों को निभाना होगा: संयुक्त राष्ट्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल, हम अपने वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 10 प्रतिशत से अधिक मूल्य की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ...
दुनिया से विलुप्त हो जाएगी सॉफिश, वजह जरूरत से ज्यादा मछली पकड़ना
सॉफिश 46 देशों से विलुप्त हो चुकी हैं,18 देश ऐसे हैं जहां इनकी कम से कम एक प्रजाति गायब हो गई है और 28 देशों ...
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं आर्कटिक के कारिबू और मस्कॉक्सन
टुंड्रा सामुदायिक विविधता धरती के उन भागों में लगभग दोगुनी दर से गिर गई जहां शाकाहारी जानवरों को उन भागों की तुलना में बाहर ...
जलवायु परिवर्तन की वजह से करोड़ों मोनार्क तितलियों की गई जान, जानें सफेद धब्बे कैसे मददगार हैं
शोध में 400 जंगली मोनार्क तितलियों के पंखों का विश्लेषण किया गया, उनके रंग के अनुपात को मापा, इसमें पाया कि सफल प्रवासी मोनार्क ...
2100 तक प्रजातियों के 23 फीसदी आवास हो जाएंगे गायब
अध्ययन में सन 1700 से आज तक यहां रहने वाले लगभग 16,919 प्रजातियों के आवास अर्थात उनके रहने वाली सीमा/सरहद में आए बदलाव का ...
नए युग में धरती: हिंद महासागर का समुद्री घोंघा हो सकता है पहला शिकार
एंथ्रोपोसीन यानी मानव युग में कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है, जिसके लिए कहीं न कहीं इंसान ही जिम्मेवार है
नए युग में धरती: सॉफ्ट शैल कछुआ प्रजाति की अंतिम मादा खत्म
2015 से लगातार कृत्रिम गर्भाधान कराने के प्रयास हुए लेकिन उसकी मौत के साथ ये सभी प्रयास धरे के धरे रह गए
जग बीती: जब काजीरंगा में मिलेगी विलुप्त प्रजाति!
गुजरात में चिड़ियाघर बना सकता है ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर: सर्वोच्च न्यायलय
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
उत्तर बंगाल में क्यों बढ़ रही है गिद्धों की संख्या?
उत्तर बंगाल में गिद्दों की ंसंख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह बड़ी रोचक है
कूनो में चार और चीता शावकों का जन्म, लेकिन विशेषज्ञों ने उठाए ये सवाल
नामीबियाई मादा चीता ज्वाला दूसरी बार मां बनी, लेकिन उसे कभी जंगल में नहीं छोड़ा गया
उत्तराखंड में जंगली सुअर का आतंक
पहले जंगली सुअर सिर्फ खेती को नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब यह घर-आंगन तक पहुंचने लगे हैं
देश में स्वर्ण अयस्क का सुरक्षित भंडार 50 करोड़ टन: सरकार
बिहार में सबसे ज्यादा है स्वर्ण अयस्क, उसके बाद राजस्थान और कर्नाटक में
छत्तीसगढ़ के गारे पेलमा कोयला खदान की पर्यावरणीय मंजूरी अटकी, अडानी समूह के पास है ठेका
पर्यावरण मंत्रालय की एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी ने सुनवाई के दौरान जल, जंगल और ग्रामीण के ऊपर होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर शोध की कमी ...