मनरेगा: दूर की कौड़ी साबित हुआ बेरोजगारी भत्ता, केवल तीन फीसदी मजदूर को ही मिला
संसदीय समिति ने समय पर बेरोजगारी भत्ता देने को कहा, विभाग ने दिया उत्तर "देखेंगे"
डब्ल्यूएचओ ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए नए दिशा निर्देश किए जारी
दिशा निर्देश देशों को बच्चों और उनके परिवारों के लिए सबसे अच्छी सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार देखभाल पर विशेष जोर देने के ...
जलवायु परिवर्तन के कारण पलायन से मानव तस्करी और गुलामी का बढ़ रहा है खतरा: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में 88 प्रतिशत से अधिक और भारत में 61 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने बताया कि उनकी आजीविका पर जलवायु ...
पर्यावरणीय संकट काल में मार्क्सवाद और वैकल्पिक विकास-विमर्श
मार्क्स का विमर्श उन्नीसवी सदी में रहा है, जबकि पर्यावरण का प्रश्न बीसवी सदी में उभर कर सामने आया है, लेकिन उनके कुछ विचारों ...
डाउन टू अर्थ खास: आवारा कुत्ते, इंसानों के दोस्त या दुश्मन?
इस बात से सभी सहमत हैं कि आवारा कुत्ते समस्या हैं, लेकिन उनकी बढ़ती संख्या सीमित रखने की नीतियों को लेकर मतभेद है
भारत की अर्थव्यवस्था व विकास के लिए खतरा बनी हीटवेव: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि भारत गर्म हवाओं के प्रभाव को तुरंत दूर करने में विफल रहता है, तो इसके सतत ...
रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, राजौरी, त्रिशूर, पुलवामा में है भूस्खलन का सबसे ज्यादा खतरा: इसरो
1988 से 2022 के बीच भूस्खलन की सबसे ज्यादा 12,385 घटनाएं मिजोरम में दर्ज की गई हैं। इसके बाद उत्तराखंड में 11,219, त्रिपुरा में ...
जोशीमठ भूधंसाव के बाद केंद्र को पर्यावरण की चिंता, सीमावर्ती क्षेत्रों में बन रहे राजमार्गों को छूट नहीं
जुलाई 2022 में सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बन रहे राजमार्गों को पर्यावरण संबंधी अनापत्ति (ईसी) से छूट प्रदान कर दी थी
25 दिसंबर से जोशीमठ ही नहीं, उत्तराखंड के इन इलाकों में भी धंस रही है जमीन?
डाउन टू अर्थ ने जोशीमठ के दूरदराज के गांवों में जाकर देखा तो पाया कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह से वहां भी दरारें आ ...
अक्षय ऊर्जा: एक साल में 7 लाख नए रोजगार हुए पैदा, 1.3 करोड़ लोगों की जीविका का है साधन
वैश्विक स्तर पर पिछले 12 महीनों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के 7 लाख नए अवसर पैदा हुए हैं। इस तरह इस क्षेत्र ...
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर
अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस की मूल जड़ें 1970 के दशक से जुड़ जाती हैं जब पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडा की प्राथमिकता नहीं थी
संसद में आज (28 मार्च 2022): सरकार ने कहा, उसके पास नहीं हैं असमानता के आंकड़े
दिल्ली के नरेला रोड में राजीव रतन आवास योजना के तहत निर्मित घरों में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता खराब पाई गई
फसल उत्पादन के बदले किसान को मिलता है केवल एक चौथाई हिस्सा: रिसर्च
दुनिया भर की खाद्य अर्थव्यवस्था में अधिकतर देखा गया है कि कृषि को उतना महत्व नहीं मिलता है, जितना प्रसंस्करण, वितरण और इससे जुड़ी ...
समुद्र के जल स्तर में वृद्धि होने से भूजल और पानी के स्रोतों में मिल रहा है वेस्ट वाटर
अध्ययन के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्र तट में मिलने वाली पानी की बरसाती नालियां और भू-जल को वेस्ट वाटर ...
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं सूक्ष्म जीव
प्रति ग्राम मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की लगभग 40 से 50 हजार प्रजातियां होती हैं। कुछ सूक्ष्म जीव मिट्टी में सुधार कर सकते हैं, ...
उत्तराखंड में मनरेगा-3: पानी रोकने में कितनी मिली सफलता?
मनरेगा के तहत उत्तराखंड में हर साल जल संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर खंती, चाल-खाल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसका ...
मनरेगा: ग्रामीणों ने बिछा दिया गांव में नालियों का जाल
ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत गांव से बाहर जाकर गड्ढे खोदने की बजाय अपने गांव में नालियां खोदने की मांग की
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-11: न बाजार को पसंद है न सरकार को!
कोरोना आपदा में दो कल्याणकारी योजनाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। एक है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
गांव लौटे प्रवासियों को रोक पाएगा मनरेगा?
कोरोनावायरस संक्रमण के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में लगभग 60 हजार प्रवासी लौट आए हैं
उड़ीसा के लिए बड़ा आर्थिक बोझ साबित हो सकता है चक्रवात फोनी
उड़ीसा में 1999 की भयानक तबाही लाने वाले चक्रवात की तरह बेहद तीव्र और गंभीर चक्रवात 3 मई को सूबे से टकरा सकता है।
जोशीमठ में भूूधंसाव क्यों, भाग पांच: पानी के बहाव को रोकने से बिगड़े हालात
एनआईएच ने पहाड़ों पर बसे शहरों के पानी के बहाव के लिए चैनल बनाने की सलाह दी है
मनरेगा ने गांव की ‘आधी आबादी’ को आबाद किया
मनरेगा में मजदूरी के बाद मिल रहा पैसा महिलाओं को अपनी खुद की कमाई का अहसास दिला रहा है
बजट से उम्मीदें: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मौजूदा संकट से बाहर निकालना होगा
बजट में जलवायु परिवर्तन से खाद्य सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक खतरे को पहचानने की जरूरत है, भले ही यह अल्पावधि में कोई चुनावी मुद्दा ...