मनुष्य की 9 में से 8 प्रजातियां हो चुकी हैं विलुप्त
विलुप्ति की टाइमिंग बताती है कि उनका गायब होना एक नई प्रजाति के उदय का नतीजा हो सकती है। यह प्रजाति थी होमो सेपियंस
वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
संसद में आज: केरल के अट्टापडी आदिवासी बस्तियों में 121 से अधिक बच्चों की मौत
23,245 गांवों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा 8,159 गांवों को तरल अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था से कवर किया गया है
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगा यह संशोधन!
खास रिपोर्ट: कोरोना महामारी के बीच महाराष्ट्र में वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया है, आइए जानते हैं कि इसका वनवासियों पर क्या असर पड़ने ...
तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आदिवासियों से ली गई जमीन पर एक दर्जन से अधिक खदानें व आधा दर्जन थर्मल पॉवर स्टेशन बन चुके ...
आखिर क्यों 300 किलोमीटर पैदल चल पड़े हैं आदिवासी?
हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के विरोध में आदिवासियों ने 300 किमी की पैदल यात्रा शुरू की। जो 10 दिन में मदनपुर से ...
वन विभाग बनाम वनाधिकार कानून
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को जारी नया फरमान, आदिवासियों और वनाश्रितों के विरुद्ध ऐतिहासिक अन्याय करने वाले ...
आदिवासी जीवन के पाठ से शुरू होती है “जीवनशाला”: मेधा
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के स्कूल प्रोजेक्ट "जीवनशाला" पर लग रहे आरोपों के चलते डाउन टू अर्थ ने उनसे बात की
संसद में आज (22 मार्च 2022): झारखंड में आयुष्मान योजना का लाभ उठा रहा है स्वास्थ्य माफिया?
बाजरा उच्च पोषण विशेषताओं और स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाला खाद्यान्न हैं। कम से कम पानी और लागत के साथ इसकी खेती की जाती ...
किसके पास हैं आदिवासियों के इन सवालों के जवाब
पूरी दुनिया में आदिवासियों की कुल आबादी लगभग 48 करोड़ है, जिसका लगभग 22 फीसदी आदिवासी समाज भारत में रहता है
एमपी अजब है
मध्य प्रदेश के श्योपुर में कुपोषण ने दो बच्चों की जिंदगी खत्म कर दी। प्रदेश में कुपोषण से पिछले साल 100 से अधिक बच्चों ...
जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में गई 227 पर्यावरण प्रहरियों की जान
वर्ष 2020 में जल, जमीन, जंगल बचाने की जद्दोजहद में 227 पर्यावरण रक्षकों की जान गई थी, जिसमें 4 भारतीय भी शामिल थे
पारंपरिक अनानास की खेती कर जैव विविधता बचा रही है असम की हमार जनजाति
अध्ययन से पता चलता है कि असम की "हमार" जनजाति पारंपरिक तरीके से अनानास की खेती कर जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को बचाने ...
महाराष्ट्र के वारली लोग तेंदुओं को देवता मानकर करते हैं संरक्षण
वारली लोग एक पारस्परिक संबंध में विश्वास करते हैं, उनका मानना है कि वाघोबा उन्हें बड़ी बिल्लियों के साथ जगह को साझा करने और ...
संसद में आज: ओडिशा में 2020-21 में हाथियों के हमले से 93 लोगों की गई जान
अध्ययन के मुताबिक भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट के साथ विभिन्न समुद्र तटों पर प्लास्टिक का अलग-अलग तरह का कचरा 40 फीसदी से ...
मांस की बजाय गेहूं: मध्य प्रदेश के आदिवासियों ने बदला अपना खानपान
गरीबी और सरकारी राशन पर भरोसे के चलते बदल रही आदतें, हालांकि खानपान में विभिन्नता पर पड़ रहा नकारात्मक असर
बाघों की उपासना करती हैं स्थानीय जनजातियां, वन्यजीवों की रक्षा में अहम भूमिका: शोध
शोधकर्ताओं ने सोलिगा जनजाति का बंगाल टाइगर के प्रति आध्यात्मिक मूल्यांकन का अध्ययन किया और पाया कि वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने में जनजाति ...
संसद में आज: आदिवासियों के विस्थापन के बारे में मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं
पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ईंधन के रूप में हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के ...
संसद में आज: जनजातीय समुदायों के औसत जीवन प्रत्याशा को लेकर अलग से आकड़े नहीं रखता है मंत्रालय
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2021-22 में हाथियों के हमले में अब तक 532 लोगों की जान जा चुकी ...
झारखंड के आदिवासी बच्चों की शिक्षा को हुआ बड़ा नुकसान
झारखंड के आदिवासी इलाकों में दो साल बाद स्कूल तो खुल गए हैं, लेकिन बच्चों ने पहले जो सीखा था, वो भी भूल गए ...
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
स्वामित्व योजना: झारखंड में ड्रोन सर्वे का क्यों विरोध कर रहे हैं आदिवासी
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए जाने हैं, जिसके लिए इन दिनों ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन आदिवासी इसका ...
वनों के सर्वश्रेष्ठ संरक्षक हैं आदिवासी: एफएओ
आदिवासी लोग क्षेत्र में 32 से 38 करोड़ हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा करते हैं, बदले में जंगल लगभग 3,400 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन स्टोर ...