स्टॉकहोम सम्मेलन के पचास साल: आधी सदी बीतने के बाद भी कहां पहुंचे हम?
स्टॉकहोम-घोषणापत्र यह दर्शाता है कि धरती के पर्यावरणीय संकट को रोकने के लिए हमें कैसे आगे बढ़ना चाहिए, आज भी हम उसके के आदर्शों ...
क्या जलवायु में आते बदलावों का सामना कर सकते हैं शुतुरमुर्ग, जानिए क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च से पता चला है कि तापमान में आते बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव के चलते मादा शुतुरमुर्ग 40 फीसदी तक कम अंडे दे सकती है
ट्रंप को पर्यावरणविद के तौर पर कितना स्वीकार करेंगे अमेरिकी मतदाता
नौ नवंबर को अमेरिकी चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इस चुनाव ने ट्रंप को जरूर यू-टर्न लेने के ...
खोज: बढ़ते तापमान का गेहूं के उत्पादन पर नहीं पड़ेगा फर्क
वैज्ञानिकों ने गेहूं की 10 ऐसी किस्मों का पता लगाया है, जिन पर जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते तापमान का असर नहीं पड़ता
अनुमान से कहीं अधिक धूल भरा है पृथ्वी का वातावरण: अध्ययन
वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया भर में करीब 1.7 करोड़ मीट्रिक टन धूल के मोटे कण मौजूद हैं। जोकि अमेरिका की पूरी आबादी के वजन ...
वैश्विक जलवायु में हो रहे बदलाव के चलते लगातार बढ़ रहे है तूफान
शोधकर्ताओं के मुताबिक तूफानों में धीरे-धीरे बदलाव आया, पहले यह कमजोर हुआ करते थे, बाद में जलवायु में बदलाव के चलते इनका भी स्वरूप ...
जलवायु परिवर्तन के चलते 0.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से लक्षद्वीप में बढ़ सकता है समुद्र का जलस्तर
हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि लक्षद्वीप के आसपास समुद्र का जलस्तर 0.4 से 0.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर ...
जैव विविधता के संरक्षण योजनाओं को प्रभावित कर रहा है जलवायु परिवर्तन
अध्ययन में पाया गया कि 51 फीसदी देशों ने उन जगहों में नए संरक्षित क्षेत्रों का निर्माण किया है जहां जलवायु में बदलाव धीमी ...
जलवायु परिवर्तन नए म्यूटेशन्स को बना सकता है कहीं ज्यादा खतरनाक
वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि, जीवों में हो रहे नए म्यूटेशन्स को कहीं ज्यादा खतरनाक बना सकती है
दशक पर एक नजर: अतिशय मौसम की घटनाएं बढ़ीं
नई सदी के दूसरे दशक पर श्रृंखला की अगली कड़ी में पढ़ें, जलवायु परिवर्तन को अब जलवायु आपातकाल की संज्ञा दे दी गई है
वड़ोदरा का एक आश्रम दिखा रहा है दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने की राह
वड़ोदरा के एक आश्रम ने यह करके दिखा दिया है कि किस तरह दुनिया प्रकृति पर आधारित समाधानों की सहायता से जलवायु परिवर्तन के ...
एक दशक में गायब हो सकते हैं न्यूजीलैंड के कई ग्लेशियर
वैज्ञानिकों के अनुसार सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से दक्षिणी आल्प्स में बर्फ का करीब एक तिहाई हिस्सा गायब हो चुका है
जलवायु रोकथाम के लिए अपने योगदान को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे हैं अमीर देश
दुनिया भर के तमाम विकसित देशों और संस्थानों ने 146,000 करोड़ रुपए को गलत तरीके से क्लाइमेट अडॉप्टेशन फण्ड का हिस्सा बताया है, जबकि ...
कौन हैं कृति करंथ, दावोस में दुनिया के सामने रखेंगी भारत की बात
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पर्यावरण के मुद्दे पर ग्रेटा थनबर्ग, ऑटम पेल्टियर, मेलाती विजसन जैसी हस्तियों के अलावा भारत की ओर से कृति करंथ अपनी ...
महासागरों पर महासंकट
महासागर ही हैं जो कार्बन डाईऑक्साइड और दूसरे खतरनाक अपशिष्टों को आसानी से अपने अंदर समाहित कर लेते हैं। अब इनका अस्तित्व खतरे में ...
लाइकेन और पौधों की 771 प्रजातियां होने वाली हैं खत्म, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
दुर्लभ पौधों के लिए जलवायु परिवर्तन के खतरे को स्वीकार करना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इनमें से कई प्रजातियों को फिर से हासिल ...
हाथी की प्रजातियों को गायब करने के लिए जिम्मेवार है जलवायु परिवर्तन
लगभग 2 करोड़ साल पहले सूंड वाले जानवरों के विकास का क्रम बदल गया था, क्योंकि एफ्रो-अरेबियन प्लेट यूरेशियन महाद्वीप में टकरा गई थी।
बंजर होता भारत -8: गुजरात भी मरुस्थलीकरण की जद में, 50 फीसदी क्षेत्र में दिख रहा असर
दुनिया भर में जमीन का बंजरपन बढ़ रहा है। भारत में भी ज्यादातर राज्य इसकी चपेट में हैं। इसमें गुजरात भी शामिल हैं। डाउन ...
धरती को बंजर होने से रोकने के लिए खर्च हुए 46 हजार करोड़
यूएनसीसीडी के सदस्य देशों ने 2 साल में 6.4 बिलियन डॉलर तो खर्च कर दिए, लेकिन परिणाम उत्साहजनक नहीं मिले हैं
मरुस्थलीकरण को रोकने में विश्व का नेतृत्व कर सकता है भारत
बंजर हो चुकी भूमि किसी भी समुदाय के कारोबार पर पड़ने वाला बोझ है, लेकिन इस स्थिति को बदला भी जा सकता है
राजस्थान में बदल रहा है बारिश का पैटर्न, बने बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में होने वाली बारिश का औसत बढ़ा है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं
जी-20: कोयला सेक्टर को दोगुना सब्सिडी दे रहे हैं बड़े देश
पिछले तीन सालों के दौरान जी-20 देशों ने कोयले पर दी जाने वाली सब्सिडी दोगुनी कर दी है। जबकि इन देशों ने वचन दिया ...
प्राकृतिक आपदाओं से लगातार बढ़ रहा है जानमाल का नुकसान
जलवायु परिवर्तन भारत में जानमाल काे भारी नुकसान पहुंचा रहा है। पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक के राज्य इसकी ...
परिवर्तन का नक्शा
तापमान बढ़ने पर सूखा, बाढ़, अप्रत्याशित बारिश और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि बड़ी आबादी को प्रभावित करेगी
सेब पर जलवायु परिवर्तन की मार
कुल्लू घाटी में किसान अब सेब के स्थान अनार, कीवी, टमाटर, मटर, फूलगोभी, बंदगोभी, ब्रोकोली फूलों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।