पलायन की पीड़ा-5: प्राकृतिक आपदाओं से बढ़ रहा विस्थापन
भारत में चक्रवातों और बाढ़ के कारण 27 लाख लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा
केवल सात साल में कहां गायब हो गई 17 लाख भैंसे?
हरियाणा में दूध का उत्पादन तो बढ़ा है, लेकिन भैंसों की संख्या तेजी से कम हो रही है
दशक पर एक नजर: क्या टूट रहा है ग्लोबलाइजेशन का भ्रम?
नई सदी के दूसरे दशक के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाओं की एक श्रृखंला: इस कड़ी में पढ़ें, कैसे टूट रहा है वैश्वीकरण का भ्रम?
असम के युवाओं ने झीलों को जलकुंभी के प्रकोप से बचाने के लिए बनाई बायोडिग्रेडेबल मैट
पर्पल मूरहेन पक्षी के नाम पर इस चटाई का नाम मूरहेन योगा मैट रखा है, जिसे जल्द ही अंतराष्ट्रीय बाजार में पेश किया जाएगा।
यहां जानिए आखिर क्यों इस बार खेती-किसानी बड़ी उम्मीदों से ताक रही बजट की ओर
कोरोनाकाल में व्यापक आर्थिक झटके को कम करने में कृषि क्षेत्र ने बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन खेती-किसानी को बजट 2021-22 ने निराश ...
भारत में शिखर पर पहुंचा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात
भारत द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में 24,950 मीट्रिक टन ज्यादा नारियल के रेशों और उससे बने उत्पाद का निर्यात किया था ...
सोम बाजार, लॉकडाउन और ट्विटर पर बनती पॉलिसी
हम लोग अपने ट्विटर और अपनी इंस्टाग्राम में इस कदर खोये हुए थे कि हम में से कुछ को यह समझ ही नहीं आया ...
क्या मजदूरों के खाते में पहुंच गए 1,000 से 6,000 रुपए?
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि 2 करोड़ से अधिक निर्माण मजदूरों को 1,000 से लेकर 6,000 रुपए प्रति मजदूर आर्थिक सहायता दी ...
पलायन से बदल सकता है उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल
उत्तराखंड में जनसंख्या के आधार पर परिसीमन जारी रहा तो ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने से थमेगा उत्तराखंड का पलायन
अल्मोड़ा में पलायन के कारण और रोकने के उपायों को लेकर उत्तराखंड पलायन आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट राज्य सरकार ...
एक हिमालयी जिला, जो खो रहा है अपने लोग
दिसंबर के पहले हफ्ते में पलायन रोकने के लिए जब पौड़ी की सिफ़ारिश रिपोर्ट सामने आयी, तो पहाड़-वासियों के आंसू फिर छलक उठे।
डीबीटी: स्वीकार्यता बढ़ी, लेकिन लाभ कितना बढ़ा?
1 जनवरी 2013 को भारत पहली बार सात केंद्र प्रायोजिक योजनाओं को डीबीटी के अधीन ले आया
मानसिक तनाव से ग्रस्त हो रहे हैं प्रवासी मजदूर
महामारी और लॉकडाउन से उपजी 'असुरक्षा' ने अप्रवासी मजदूरों को डरा दिया है
कोविड-19 लॉकडाउन भले खत्म हो जाये, लेकिन गरीब भूखे ही रहेंगे
11 राज्यों के गरीब व कमजोर तबके से जुड़े 4000 लोगों पर सर्वे किया गया, दो तिहाई ने कहा कि उन्हें कम खाना मिल रहा ...
भारत क्यों है गरीब-8: बिहार के इस जिले की प्रति व्यक्ति आय जानकर चौंक जाएंगे आप
बिहार का जिला शिवहर यूं तो छोटा है और लोगों ने लड़ाई लड़ कर इसे अलग जिला बनवाया, लेकिन आमदनी के मामले में गांव ...
आवरण कथा: आदिवासियों ने वन भूमि को विकसित कर दूर किया संकट
अकोला जिले के वाडला गांव में विकसित वन भूमि से चारा मिलने से लोगों का पलायन काफी हद तक रुक गया है
आवरण कथा: पशु चारे की जद्दोजहद, भाग-दो
पहले से ही चल रही भूसे की समस्या को बेमौसम बारिश, अत्यधिक गर्मी और गेहूं के कम उत्पादन ने बढ़ा दिया है
अर्थशास्त्रियों ने कहा, वृद्धावस्था-विधवा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाना जरूरी
भारत सहित विश्वभर के 51 प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने आगामी बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ...
दुनिया में करीब 2.4 अरब महिलाओं के पास पुरुषों जैसे आर्थिक अधिकार नहीं: विश्व बैंक
कोविड-19 महामारी के बावजूद 23 देशों ने अपने कानूनों में सुधार करते हुए 2021 में महिलाओं के आर्थिक समावेश को आगे बढ़ाने के लिए ...
छत्तीसगढ़ के गांवों से क्यों मजदूरी करने शहरों में जाते हैं लोग
छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल के समय में करीब सात लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की है
डीबीटी: दुनिया भर में अपनाई जा रही है यह योजना
मार्च के अंत तक 84 देशों ने कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और नौकरियों के कार्यक्रम लागू किए
डीबीटी: 23 प्रतिशत लोगों के पास नहीं हैं बैंक खाते तो कैसे मिलेगा पैसा
डीबीटी का फायदा तब ही मिल सकता है, जब बैंक खाते होंगे और बैंक भी आधार नंबर से जुड़े होंगे तो फिर कितने को ...
लॉकडाउन: 30 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी के लिए लिया कर्ज: स्टडी
लॉकडाउन के बाद घर लौट रहे प्रवासियों पर किए गए अध्ययन में पाया कि 52 फीसदी लोगों के पास 1 एकड़ से कम जमीन ...
झारखंड में प्रवासियों की वापसी, जरा सी चूक कहीं पड़ न जाए भारी
झारखंड में अब तक 115 लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें 90 प्रतिशत मामले ए सिंप्टोमेटिक हैं
मध्यप्रदेश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक जिले होशंगाबाद में परिवहन व्यवस्था फेल
खरीदी केंद्र के प्रबंधकों ने प्रशासन और सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हुए 28 अप्रैल से खरीदी का काम रोक दिया ...