मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
कोरोना लॉकडाउन: छत्तीसगढ़ में फंसे गुजरात के मालधारी परिवार
स्वच्छंदरूप से विचरण करने वाले मालधारी (गुजरात में इन्हें रबाड़ी/मालधारी, जम्मू-कश्मीर में बकरवाला, हिमाचल में गड्डी आदि के नाम से जानते हैं) छत्तीसगढ़ आकर ...
एमएसपी से आधे कीमत पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
कोरोनावायरस संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से मक्के की खरीद में काफी कमी आई है
कोविड-19: अनलॉक पड़ रहा है भारी, भारत 15 सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों में शामिल
अनलॉक होने के बाद भारत दुनिया के उन 15 देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जहां सबसे ज्यादा कोविड-19 संक्रमण फैलने का ...
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
लॉकडाउन से ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के पोषण पर पड़ा बुरा असर, कर्ज में डूबे परिवार
मध्यप्रदेश के 6 जिलों में 33 परिवारों पर 45 दिन चले गहन शोध से सामने आया है कि लॉकडाउन ने किस तरह महिलाओं के पोषण और ...
कोरोना महामारी और शराब पर आधारित अर्थव्यवस्था
सड़कों पर दम तोड़ते श्रमिकों का इलाज पानी और भोजन है - यह समझने के लिए शराब के नशे मे डूबे समाज और सरकारों ...
इन मजदूरों को नहीं मिल रहा केजरीवाल सरकार का राशन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ई-कूपन दिया जाएगा
दिल्ली: द्वारका में फंसे 250 मजदूरों को नहीं मिले 5000 रुपए, राशन भी खत्म
ये मजदूर दिल्ली सरकार द्वारा बनवाए जा रहे इंदिरा गांधी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कर रहे थे
कोरोनावायरस: अब केरल ने उठाया यह बड़ा कदम, आगे नहीं होगी खाने-पीने की दिक्कत
केरल ने खाद्य सामग्री में आत्मनिर्भर बनने के लिए बेकार पड़ी जमीन को खेती योग्य बनाना, किचन गार्डन को बढ़ावा देना, पशुपालन और मछली ...
पीएम किसान सम्मान: झारखंड में किसानों को 2,000 रुपए का इंतजार!
झारखंड सरकार की ओर से कुल 2 लाख किसानों का ब्योरा केंद्र को भेजा गया था, लेकिन कई खामियों की वजह से इनको केंद्र ...
लॉकडाउन से यमुना को कितनी मिली राहत, डीपीसीसी ने जारी की रिपोर्ट
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति दिल्ली से गुजरने वाली यमुना में नौ जगहों से नमूने उठाए और इनकी तुलना पिछले साल के अप्रैल माह से ...
क्या प्रवासी मजदूरों के सैलाब को रोक सकते थे सस्ते किराए के मकान?
सोशल रेंटल हाउसिंग को लेकर भारत में बात तो कई सालों से चल रही है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि ...
काेरोना का सबक: अभी भी हमारे पास लौटने का समय है
सूक्ष्म जीवाणु जंगली जीवों को अपनी पोषिता (होस्ट) बनाते हैं। लेकिन नेचुरल हैबीटेट में आई गिरावट से जंगली जीव विलुप्त होने के कगार पर ...
पलायन की पीड़ा -6: प्राकृतिक आपदाओं ने 6 माह में 70 लाख लोगों को बेघर किया
ओडिशा के दो जिलों से होने वाले पलायन से प्राकृतिक आपदा और मानव तस्करी के क्या संकेत मिलते हैं
महामारी से कार्बन उत्सर्जन तो घटा, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती बरकरार
संयुक्त राष्ट्र की संस्था के प्रमुख का कहना है कि, 'लॉकडाउन के चलते उत्सर्जन में जो कमी आई है हमें इस कर्व को लंबे ...
पलायन की पीड़ा-3: क्यों इन राज्यों से होता है सबसे ज्यादा पलायन
देश के 75 जिले हैं, जहां से सबसे अधिक पलायन होता है, लेकिन क्यों...
गुजरात के सूरत शहर से फिर क्यों लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर
गुजरात के अहमदाबाद और सूरत शहर में एक बार फिर से कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
लॉकडाउन का असर मध्यप्रदेश के नवजात बच्चों पर भी, संस्थागत प्रसव में कमी
मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी इलाकों में कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और महिलाओं को मिलने वाले पोषण आहार में कमी आई ...
पथ का साथी: जिनके लिए बरसों काम किया, उन्होंने भी नहीं दिया साथ
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
गरीब तक अन्न पहुंचने में लग रहा है एक पखवाड़ा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीब परिवारों को राशन देने की घोषणा की गई थी
कोरोनावायरस ने बढ़ाई बेरोजगारी, जानें अपने राज्य का हाल
अप्रैल 2020 में भारत के 11 राज्यों में बेरोजगारी दर 20 फीसदी से अधिक रही
कैश के लिए किसानों की मजबूरी बने खुले बाजार, चिंता में डूबे यूपी-बंगाल के कोल्डस्टोर मालिक
यूपी में 2,000 कोल्ड स्टोरेज हैं जिनमें अभी तक 50 फ़ीसदी ही आलू पहुंच पाया है
काश! न्याय की रक्षा स्वयं सरकारें करतीं...
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन भीतर उनके घर भेजने और उनके खिलाफ मुकदमों पर विचार करने को कहा है