पीएम किसान सम्मान: झारखंड में किसानों को 2,000 रुपए का इंतजार!

झारखंड सरकार की ओर से कुल 2 लाख किसानों का ब्योरा केंद्र को भेजा गया था, लेकिन कई खामियों की वजह से इनको केंद्र से अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है

On: Friday 24 April 2020
 
झारखंड के कई किसानों को अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान की चौथी किस्त नहीं पहुंची है। फोटो: आनंद दत्त

आनंद दत्त

देशव्यापी कारोना संकट के कारण 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया था, जिसके बाद मोदी सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत मिलने वाले पैसे को अप्रैल के पहले सप्ताह में भेजने की घोषणा की, लेकिन इसका लाभ झारखंड के लगभग 2 लाख किसानों को नहीं मिल पाएगा। योजना के तहत पूरे साल में 6000 रुपए मिलते हैं, हरके चार माह पर किसानों के खाते में 2000 रुपए भेजे जाने का प्रावधान है।

पीएमकेएसवाई के तहत बीते 21 अप्रैल तक झारखंड से फिलहाल 21.94 लाख किसान पीएम किसान पोर्टल से रजिस्टर्ड हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से इस योजना के तहत 2 लाख और किसानों को जोड़ने का अनुरोध किया गया है।  

लोहरदगा के किसान गोपाल महतो कहते हैं कि अखबारों में इसके बारे में सुना था, लेकिन उनके खाते में अभी तक इस मद का पैसा नहीं आया है। वहीं किसान चारो भगत के मुताबिक उन्हें इस तरह के किसी योजना के बारे में जानकारी नहीं है। शायद यही वजह है कि उनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं है, जबकि रामगढ़ के किसान श्रीकांत के मुताबिक उनके खाते में पैसा आ गया है। इससे पहले भी तीनों किश्त का लाभ उन्हें मिला है, लेकिन  लॉकडाउन की वजह से वह बैंक जाकर इसकी निकासी नहीं कर पा रहे हैं।

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राज्यभर में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है। यही वजह है कि कई किसानों को पहले किस्त का पैसा मिल चुका है, लेकिन बाकी किस्त अभी नहीं मिली हैं। वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनको सभी किस्त पहुंच चुकी हैं। 

कृषि विभाग के कंसलटेंट तारिणी प्रसाद ने बताया कि यही वजह है कि हरेक फेज में लाभुकों की संख्या अलग-अलग है। रामगढ़ जिले के किसान प्रेमनाथ को एक किस्त, प्रशांत सिन्हा, प्रवीण कुमार, जयप्रकाश महतो, दिलीप सिन्हा को अभी तक दो किस्तों का पैसा ही मिल पाया है। वहीं रांची के अनगड़ा ब्लॉक के जगदीश बेदिया, माया बेदिया के खाते में भी अभी तक एक किस्त का पैसा नहीं आ पाया है।

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इस योजना के तहत वर्तमान में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या के अलावा पूर्व की राज्य सरकार की ओर से कुल 2 लाख किसानों का ब्योरा केंद्र को भेजा गया था, लेकिन आधार कार्ड, बैंक डिटेल, आईएफएससी कोड संबंधित गड़बड़ियों की वजह से इनको केंद्र से अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। जाहिर है, रजिस्टर्ड किसानों के अलावा जो कतार में हैं, ऐसे 2 लाख किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। 

किसानों के आंकड़ों को लेकर होती रहती है उलझन

राज्य बैंकर्स समिति की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में कुल 39 लाख किसान हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष ज्योतिश्वर सिंह कहते हैं कि रघुवर सरकार के समय 35 लाख किसानों का डेटा तैयार किया गया था। इन किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत प्रति एकड़ के हिसाब से सलाना पांच हजार रुपए मिल रहे थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना को ही बंद कर दिया। अगर योजना चल रही होती तो किसानों को और लाभ मिल पाता।

नाम न छापने की शर्त पर एक वरीय अधिकारी ने कहा कि झारखंड में जमीन संबंधी कागजात दो साल पहले बिहार सरकार से मिला है। ऐसे में कई बार जमीन के असली मालिक की जगह उसपर खेती कर रहे किसान को मिल जाता है तो कई बार एक ही जमीन जो बाप के नाम पर है, के तीन मालिकों यानी उनके बेटों को पैसा मिल जाता रहा है। हाल के वर्षों में इसपर काफी काम किया गया है। आनेवाले कुछ और सालों तक इस तरह की विसंगतियां मिलेंगी। लगातार काम हो रहा है, जल्द ही उसको ठीक कर लिया जाएगा।

एग्रीकल्चर कवर कर रहे पत्रकार मनोज कुमार कहते हैं कि यही वजह है कि बहुत कम किसान हैं जिन्हें अब तक के सभी किस्त मिले हैं। इन्हीं विसंगतियों और उसमें सुधार प्रक्रिया की वजह से किसी को दो तो किसी को तीन किश्त का पैसा ही मिल पाया है।

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