मध्यप्रदेश में एक लाख की आबादी पर केवल एक वेंटिलेटर
मध्यप्रदेश में कुल 836 वेंटिलेटर और 2073 आईसीयू बेड हैं, जो बेहद आपात स्थिति में लगभग 7 करोड़ जनसंख्या के लिए नाकाफी हैं
वैश्वीकरण का नतीजा है कोरोना की महामारी
वैश्वीकरण का फायदा उठाने के लिए इसके जोखिमों का उचित प्रबंधन जरूरी है, लेकिन हम यह नहीं कर रहे हैं
सरकारी सर्वे में कोरोनावायरस से लड़ने की तैयारियों की खुली पोल
पीपीई की कमी, वेंटिलेटर और समग्र अस्पताल की तैयारी प्रमुख चिंताओं के रूप में सर्वे में दर्ज की गई
प्यास लगने पर कुआं खोदने का प्रयास कर रही उत्तराखंड सरकार
राज्य की करीब 1 करोड़ 20 लाख की आबादी को देखते हुए सरकारी हॉस्पिटल्स में कम से कम 5000 नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है
बिहार में कोरोना के 6242 संदिग्ध, अकेले सीवान में 3105
कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बंद होने से पहले ही जिले में कई मजदूर खाड़ी देशों से लौटें हैं
दिल्ली के रैनबसेरों में कैसे गुजर रही है जिंदगी
गाजीपुर स्थित रैनबसेरे में 70 से अधिक लोगों को लॉकडाउन की अवधि तक रोकने के लिए पुलिस के जरिए भेजा गया है
कोरोनोवायरस के संकट से कैसे निपट रहा है जर्मनी?
जर्मनी की अपेक्षाकृत कम मृत्यु दर के लिए ठोस और सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित जर्मन स्वास्थ्य प्रणाली को भी श्रेय दिया जाता है
कोरोना से जंग: एक करोड़ की आबादी वाले उत्तराखंड में केवल 590 नमूनों की जांच
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर देहरादून और हल्द्वानी में 500 बेड के प्री-फैब कोरोना अस्पताल बनाए जा सकते हैं
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: आदेश के बाद भी थ्रेसिंग मशीन नहीं पहुंची राजस्थान
किसान फसल काट कर खेतों में रख रहे हैं, लेकिन थ्रेसरिंग मशीन नहीं मिलने के कारण पकी हुई फसल खेतों में पड़ी है
कोरोना संकट से मुकाबले के लिए विकासशील देशों को चाहिए 2.5 लाख करोड़ डॉलर
विकासशील देशों के एक लाख करोड़ (एक ट्रिलियन) डॉलर के कर्ज को रद्द करते हुए एक ट्रिलियन डॉलर की राशि स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स के ...
दुनिया 99.9 प्रतिशत जूनोटिक वायरस से अनभिज्ञ
संक्रामक रोगों की हमारी समझ में सुधार हुआ है, फिर भी महामारी के उभार से संबंधित सभी पहलुओं को पूरी तरह से नहीं समझ ...
कोरोना की चुनौती : आज और कल
हमने लॉकडाउन करने में देरी कर दी है और हम क्वॉरंटाइन के नियमों का सही तरीके से पालन करने में विफल रहे हैं।
कोरोनावायरस के समय में क्या करें, क्या न करें गर्भवती महिलाएं?
अब तक कोविड-19 के आंकड़े गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से ज्यादा खतरा होने की तरफ इशारा नहीं करते
पलायन की पीड़ा-1: गांव लौटकर क्या करेंगे प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की वापसी ने देश के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर पलायन होता ही क्यों है?
बिहार में कोरोना के कहर के बीच चमकी बुखार शुरू
अब तक आधिकारिक रूप से एक बच्चे की मौत हो चुकी है और तीन अन्य बीमार अवस्था में श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल, मुजफ्फरपुर में ...
काेरोना से जंग: इन देशों से सीख ले सकता है भारत
इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए किसी देश को क्या करना चाहिए, इसका सबसे अच्छा उदाहरण है दक्षिण कोरिया
कोरोना से जंग: बिहार में डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं का अकाल
बिहार में प्राइमरी हेल्थ सेंटरों की संख्या 1,900 के करीब है जबकि आबादी के हिसाब इनकी संख्या 3,470 होनी चाहिए
नेपाल में लॉकडाउन, उत्तराखंड में फंसे सैकड़ों नेपाली मजदूर
इन मजदूरों को रातभर काजी हाउस और श्मशान घाट के विश्राम गृह में रात गुजारनी पड़ी है
मजदूरों को घर पहुंचाने को मजबूर हुई बिहार सरकार
सभी जिलाधिकारियों को कहा गया कि वे अपने क्षेत्र के हर गांव में सरकारी स्कूलों में मजदूरों की 14 दिनों तक रहने की व्यवस्था ...
सीमा पर रोका तो बोले कामगार- टाइम बम से उड़ा दो हमें
दिल्ली से अपने-अपने गांवों को पैदल, रिक्शा, ठेले से निकले सैकड़ों लोगों को बरेली-शाहजहांपुर के बॉर्डर पर रोक दिया गया
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: खेतों में खड़ी फसल नहीं काट पा रहे किसान
बिहार में इस साल 21,21,000 हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई है। वहीं, मक्के की खेती 4,90,000 हेक्टेयर में की गई है
कोरोना से पहले आर्थिक तंगी से मरने लगे किसान
कोरोना के विस्तार से उपजे हालात के कारण मार्च में प्राकृतिक आपदा के मारे सारे किसानों की तकरीबन यही स्थिति है
पत्तों के मास्क, व्यवस्था पर सवाल
हालांकि यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि ये पत्ते कितने असरदार हैं। पत्तों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी ...
कोरोनावायरस: बिहार में आलू के दाम गिरे, किसानों को नहीं मिल रही कीटनाशक दवा
कोरोनावायरस की वजह से ग्रामीण बाजारों में असर दिखने लगा है, खरीददारी कम होने के कारण किसान कम कीमत पर अपने उत्पाद बेचने लगे ...
पौधों में भी होती है घड़ी, समय का लगा लेते हैं पता: वैज्ञानिक
यूके के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने इस बात का लगाया है कि कैसे पौधे अपने भीतर एक घड़ी के माध्यम से समय का ...