पौधों में भी होती है घड़ी, समय का लगा लेते हैं पता: वैज्ञानिक

यूके के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने इस बात का लगाया है कि कैसे पौधे अपने भीतर एक घड़ी के माध्यम से समय का पता लगा लेते हैं

By Dayanidhi

On: Thursday 19 March 2020
 

पौधों में मनुष्यों की तरह, आंतरिक घड़ी होती हैं जिनसे उन्हें समय का पता चलता हैं। मनुष्यों में पाई जाने वाली इस सेलुलर घड़ी के प्रभाव से हम जागते और सोते हैं।

पौधे दिन के उजाले पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं जबकि आंतरिक घड़ियां (सर्केडियन) इससे और भी अधिक प्रभावशाली होती हैं, जो प्रकाश संश्लेषण की दर को नियंत्रित करती हैं, गैस की अदला-बदली और वाष्पोत्सर्जन करती हैं। जिसमें तने के माध्यम से पानी का प्रवाह होता है और पत्तियों से वाष्पीकरण होता है। यह शोध प्लांट फिजियोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

यूके के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के प्रो. एलिस्टेयर हेथरिंगटन की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जैविक घड़ियां पानी की खपत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जिससे पौधे इस कीमती संसाधन का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकते हैं।

उन्होंने मॉडल प्रयोगशाला में पौधों के साथ बहुत सारे प्रयोगों को अंजाम दिया, जिसमें आंतरिक घड़ी (सर्कैडियन) को संकेत देने वाले (एन्कोडिंग) जीन के साथ बदल दिया गया था।

पौधों मे किए गए कुछ बदलाव उसके विकास के लिए अधिक पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन प्रयोगों से पता चला कि इनमें से कुछ को आंतरिक घड़ी (सर्कैडियन) में परिवर्तन करने से पौधे कम पानी का उपयोग करते है तथा इनका विकास भी अच्छा होता है।

यह शोध पानी की अधिक कुशलता से उपयोग करने के लिए फसलों की ट्यूनिंग करने का एक अवसर पैदा करता है। इसके वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से पौधों में पानी का कम से कम नुकसान होता है जबकि मौजूदा दौर में पौधों में पानी के नुकसान की दर बहुत अधिक है।

दुनिया भर में उपयोग किए जाने वाले ताजे पानी का लगभग 80 फीसदी कृषि के लिए उपयोग होता है। इसलिए, पौधों में उन प्रक्रियाओं को समझना जो पानी का उपयोग करते हैं, उन फसलों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है जो उत्पादक हैं लेकिन कम पानी का उपयोग करते हैं।

स्टोमेटा के कारण पौधे हर दिन एक विशेष तरीके से पानी को स्थानांतरित करते हैं, क्योंकि पत्तियों की सतह पर छोटे छिद्र होते है जो आमतौर पर केवल दिन में खुलते हैं। 

जॉन इंन्स सेंटर के वरिष्ठ अध्ययनकर्ता डॉ एंटनी डोड बताते हैं, हमने प्रयोग करके देखा कि पौधों द्वारा उपयोग की जाने वाली पानी की मात्रा पर सर्कैडियन का बड़ा प्रभाव पड़ता है। 

अध्ययन से पता चलता है कि परिवर्तित सर्कैडियन घड़ी के जीन विभिन्न तरीकों से जल उपयोग की कुशलता को प्रभावित करते हैं। वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के साथ-साथ, परिवर्तित घड़ी पौधों को किस तरह प्रभावित करती है, बड़े पत्ते कैसे बढ़ते हैं, जो इस चीज को प्रभावित करते है कि पौधे कितना पानी का उपयोग करते है।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि हमारा लक्ष्य फसलों की सिंचाई में पानी की मात्रा को कम करके कृषि खाद्य उत्पादन में सुधार करना है।

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