फलों के राजा आम पर पड़ी जलवायु परिवर्तन की मार : चक्रवाती तूफान और अनिश्चित मौसम से किसान त्रस्त
क्लाइमेट चेंज के चलते देश के कई राज्यों में आम उत्पादन प्रभावित है। वहीं, महंगे रेट पर बेचने के बावजूद किसान घाटे में हैं ...
ड्रोन के साथ खरपतवार नाशक का अभी नहीं किया जा सकता इस्तेमाल
अभी तक कुल पंजीकृत 798 पेस्टीसाइड में 507 कीटनाशक, फंफूदनाशक और पीजीआर को ही ड्रोन के साथ छिड़काव की सिफारिश है। हर्बीसाइड मंजूरी से बाहर ...
जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के कदम न उठाए तो पंजाब-हरियाणा में 27 फीसदी हो सकती है गेहूं की उपज कम
ऐसा ऑब्जर्व किया गया है कि जब फसलों में गेहूं के दाने बन रहे होते हैं तो उस वक्त तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से ...
भू-जल संकट : खेतों के लिए सारी जमा-पूंजी लगाकर कराई 1020 फुट बोरिंग, जमीन से निकला जहरीला पानी
गांव में खारे पानी के प्रदूषण ने पेयजल का संकट खड़ा करने के साथ फसलों की पैदावार तक खत्म कर दी है।
बैठे ठाले: दो बीघा जमीन का सीक्वल
शम्भू क्या धरा है इस खेती-बाड़ी में? खाना तो आज की डेट में ऑनलाइन ऑर्डर से घर पर आ जाता है
चावल की उपज पर मंडरा रहा खतरा, अगस्त की बारिश करेगी फैसला
फिलहाल मानसून ब्रेक पर है। इससे हिमालय की तलहटी और पूर्वी भारत में वर्षा होगी लेकिन देश के अन्य हिस्सों में वर्षा गतिविधि मंद पड़ ...
किसानों को मुआवजा मिलने के बजाए बीमा कंपनियों को मिल रहा सरकार से फायदा
फसल बीमा कंपनियों को केवल मुआवजा बांटने के लिये 7 साल में 60 हजार 73 करोड रुपये मिले हैं।
बाजार में 122 रुपए किलो का टमाटर और किसान को प्रति किलो की बिक्री पर मिल रहे सिर्फ 10 रुपए
दलवई कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों द्वारा 58 फीसदी टमाटर प्राइवेट ट्रेडर्स को बेचा जाता है।
बागवानी उत्पादन में हुआ 3.76 फीसदी का इजाफा, 2022-23 में 35 करोड़ टन होने का अनुमान
सब्जियों का उत्पादन पिछले वर्ष के 200.45 मिलियन टन की तुलना में, 4.34% की वृद्धि के साथ, वर्ष 2021-22 में 209.14 मिलियन टन हुआ।
नहीं रहे हरित क्रांति के जनक मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन
प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन का 28 सितंबर, 2023 को सुबह 11.15 बजे उनके आवास पर निधन हो गया।
70 फीसदी से अधिक जिलों में सूखे की स्थिति, फसल की उपज हो सकती है प्रभावित
माधवन के अनुसार देश में चेरापूंजी जैसे गीले क्षेत्रों में हल्के सूखे से उतना फर्क नहीं पड़ता है जबकि विदर्भ क्षेत्र जो पहले से ...
पंजाब में इस साल धान बुआई के लिए क्यों फेल रही पानी बचाने वाली डीएसआर विधि?
लुधियाना के किसान सुखजीत सिंह बताते हैं कि औसत तापमान से अधिक अनुभव होने वाले तापमान ने बीजों की परिपक्वता (जर्मीनेशन) को नुकसान पहुंचाया ...
बाजरा और जूट पर संकट : बुआई के लिए पर्याप्त बीज ही नहीं
देश में राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा प्रमुख मिलेट उत्पादक राज्य हैं।
सीएसीपी ने चावल उगाने के लिए सही जलवायु वाले क्षेत्रों के चुनाव की सिफारिश की
सीएसीपी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि किसान बड़े पैमाने पर चावल और गेहूं उगाने के लिए अनुपयुक्त कृषि जलवायु क्षेत्रों को चुनते ...
बेजुबानों के भोजन पर भी महंगाई की मार, मवेशी बेचने पर मजबूर किसान
आज से एक-डेढ़ दशक पहले की बात करें तो अधिकांश पशुपालक साल के तीन-चार महीने जानवरों को धान के पुआल की कट्टी ही खिलाते ...
आज भी जिंदा है प्रेमचंद का हल्कू
मुंशी प्रेमचंद के हल्कू की तरह देश का किसान आज भी कर्ज में डूबा है और आज भी खेती लाभकारी नहीं है। हल्कू की ...
किसानों को मिलेगा मुआवजा, उपभोक्ता अदालत ने कीटनाशक कंपनी को दिए आदेश
मध्य प्रदेश में एक उपभोक्ता फोरम ने एक एग्रो केमिकल को आदेश दिए हैं कि वह उन किसानों के नुकसान की भरपाई करे, जिन्हें ...
समय से किराया न देने पर कृषि काश्तकार को खेत से बेदखल कर सकता है जमींदार : सुप्रीम कोर्ट
यह मामला तमिलनाडु का है। जहां रेवन्यू कोर्ट ने संबंधित कानून के सीमित अधिकार के तहत जमीदार के पक्ष में फैसला सुनाया जिसे मद्रास ...
नैनौ यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग 3 : वैज्ञानिकों के पास एक भी फसल का तीन सीजन का आंकड़ा उपलब्ध नहीं
आईसीएआर के मुताबिक खाद को मंजूरी के लिए कम से कम तीन सीजन का आंकड़ा उपलब्ध होना चाहिए।
अब सरकार मोबाइल वैन और खुदरा दुकानों पर 29.50 रुपए में बेचेगी आटा
नेफेड और एनसीसीएफ 6 फरवरी, 2023 से 29.50 रुपये/किलोग्राम के दाम पर आटा बेचना शुरू करेंगे।
आम बजट 2023-24 : वादे सिर्फ वादे हैं वादों का क्या
वित्त वर्ष 2022-23 की कई घोषणाएं सिर्फ घोषणा रह गईं। इस बार भी स्कीम कैसे आकार लेगी और कितना फंड इसके लिए होगा यह ...
आर्थिक सर्वे 2022-23: कृषि क्षेत्र में घटता सरकार का निवेश, निजी निवेश और कर्ज से प्रगति की आस
किसानों के लिए 40 हजार से अधिक ग्रामीण बाजारों का काम दशकों से अधूरा है और सरकार बुनियादी संरचनाओं में अपना निवेश घटा रही ...
कामारेड्डी मास्टर प्लान का विरोध : एक किसान ने की आत्महत्या, सड़कों पर उतरे सैकड़ों किसान
राज्य सरकार द्वारा कामारेड्डी जिले के मास्टर प्लान के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन संबंधी अधिसूचना निकाले जाने पर ग्रामीणों के बीच अपने ...
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: कटाई में कुछ दिनों की देरी बर्बाद कर सकती है फसल
खेतों में रबी की फसल तैयार है जिसे समय रहते नहीं काटा गया तो किसानों का लागत तक डूबने की आशंका है। लॉकडाउन में ...
नक्शे से जानिए आपके राज्य में कितने किसानों ने की आत्महत्या
एनसीआरबी द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों में भले ही किसानों की आत्महत्या में कमी दिखाई गई हो लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी ...