ड्रोन के साथ खरपतवार नाशक का अभी नहीं किया जा सकता इस्तेमाल

अभी तक कुल पंजीकृत 798 पेस्टीसाइड में 507 कीटनाशक, फंफूदनाशक और पीजीआर को ही ड्रोन के साथ छिड़काव की सिफारिश है। हर्बीसाइड मंजूरी से बाहर है। 

By Vivek Mishra

On: Monday 25 April 2022
 

किसी तरह का ट्रॉयल डाटा न होने के कारण कंपनियों या किसानों के जरिए खरपतवार नाशक (हर्बीसाइड) का इस्तेमाल ड्रोन के जरिए नहीं किया जा सकता है। कृषि किसान कल्याण विभाग के अधीन वनस्पति सरंक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय की पंजीकरण समिति ने एक बैठक में यह निर्णय लिया है। 

पंजीकरण समिति के पास मैसर्स क्रॉप फेडरेशन ऑफ इंडिया, मैसर्स क्रॉप लाइफ इंडिया और मैसर्स पेस्टीसाइड मैनुफैक्चरर्स एंड फॉर्मुलेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन के जरिए हर्बीसाइड के इस्तेमाल को लेकर अंतरिम मंजूरी के लिए आवेदन भेजे गए थे।

समिति ने अपनी अप्रैल में हुई ताजा बैठक में यह कहा कि यह गौर किया गया है कि ड्रोन के जरिए कीटनाशक (इंसेक्टिसाइड) और फंफूदनाशक (फंगीसाइड) कम पानी के साथ ड्रोन के जरिए छिड़काव किया गया है और इस दौरान किसी तरह की पादप विषाक्तता (फाइटोटॉक्सिसिटी) नहीं पाई गई है। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के हर्बीसाइड का ड्रोन के जरिए इस्तेमाल का ट्रॉयल नहीं किया गया है। इसलिए ऐसा करने से फसलों को नुकसान का जोखिम है।

समिति ने कहा कि गाइडलाइन और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को ध्यान में रखते हुए ड्रोन के जरिए सुरक्षा के साथ हर्बीसाइड के इस्तेमाल का आंकड़ा जुटाया जाना चाहिए। 

अभी तक कीटनाशक, फंफूदनाशक, पौधों के विकास के लिए प्लांट ग्रोथ रेग्युलेटर्स (पीजीआर), खर-पतवार नाशक, चूहों को मारने की दवा आदि 798 तरह के रसायन पंजीकृत हैं। इनमें से 507 कीटनाशक, फंफूदनाशक और पीजीआर को ही ड्रोन के साथ छिड़काव की सिफारिश है। वहीं शेष 142 में शामिल पब्लिक हेल्थ प्रोडक्ट, घरों में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों, बीज उपचार उत्पाद, अनाज उत्पादों को संरक्षित रखने वाले रसायन (फ्यूमीगेंट्स) आदि को ड्रोन के साथ छिड़काव की इजाजत नहीं दी गई है। 

जिन 507 रसायनों का इस्तेमाल करने की सिफारिश अभी तक की गई है उसके लिए आवेदकों को सीआईबीएंडआरसी को विस्तृत तरीके से उत्पाद, डोज और क्रॉप के बारे में सूचित करना होता है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन कमेटी ने इन 507 रसायनों को ड्रोन के साथ इस्तेमाल के लिए सिर्फ 2 वर्षों के लिए अंतरिम मंजूरी प्रदान की है।   

पंजीकरण समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि ड्रोन के साथ सुरक्षित इस्तेमाल किए जाने वाले मंजूर पेस्टीसाइड के लिए राज्य कृषि विभाग, केवीके और सीआईपीएमसी फील्ड ट्रेनिंग ऑर्गेनाइज करना चाहिए। 

Subscribe to our daily hindi newsletter