किसानों पर 21 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया, ये हैं राज्यवार आंकड़े

तमिलनाडु पर सर्वाधिक साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का संस्थागत कृषि कर्ज बकाया है

By DTE Staff

On: Friday 24 November 2023
 
फोटो: विकास चौधरी

भारत के किसान कृषि कार्यों के उद्देश्य से व्यवसायिक, सहकारी एवं क्षेत्रीय बैंकों से कर्ज लेते हैं। किसानों पर इन बैंकों का करीब 21 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में पेश किए गए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के आंकड़े बताते हैं कि देशभर के करीब 15.5 करोड़ खाताधारकों के औसतन 1.35 लाख रुपए प्रति खाताधारक बकाया है। कर्जदार खाताधारकों की संख्या तमिलनाडु में सर्वाधिक 2.79 करोड़ है। इन खाताधारकों के करीब 3 लाख 47 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं।

इसके अतिरिक्त कर्नाटक के 1 करोड़ 35 लाख खाताधारकों पर करीब 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपए की देनदारी शेष है।

राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल और आंध्र प्रदेश के किसानों पर 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्ज बकाया है। अगर प्रति खाताधारक औसत कर्ज देखें तो पंजाब पहले स्थान पर है। इस राज्य के प्रति कर्जदार खाताधारक पर औसतन 2 लाख 95 हजार रुपए बकाया हैं। दूसरे स्थान पर गुजरात है जहां हर कर्जदार खाताधारक पर करीब 2 लाख 29 हजार रुपए बकाया हैं। हरियाणा और गोवा के प्रति खाताधारक किसान पर भी 2 लाख रुपए से अधिक का कर्ज है।

अगर केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो दादरा एवं नगर हवेली के प्रति खाताधारक पर सर्वाधिक 4 लाख रुपए से अधिक बकाया हैं। इसके बाद दिल्ली के खाताधारकों पर कर्ज 3 लाख 40 हजार रुपए का औसत कर्ज है। चंडीगढ़ में यह देनदारी 2 लाख 97 हजार रुपए प्रति खाताधारक व दमन-दीव में यह 2 लाख 75 हजार रुपए है।

गौरतबल है कि भारत के बहुत से किसान संस्थागत बैंकों से कर्ज नहीं ले पाते। उन्हें साहूकारों अथवा सूदखोरों से मोटी ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ता है। इस कर्ज का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।

स्रोत: लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा लोकसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 2917 का उत्तर, आंकड़े नाबार्ड के हवाले से।

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