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- नेपाल के लोगों से मिलती-जुलती है भारत के हिमालयी राज्यों में रहने वाले लोगों की वंशावली
- बारिश, ओले और पाले की वजह से फिर किसानों को हुआ नुकसान
- वाहनों के प्रदूषण का केवल दो घंटे का संपर्क ही दिमाग पर डाल सकता है असर
- एयर क्वालिटी ट्रैकर: अलवर-अंबाला सहित 60 शहरों में संतोषजनक रही हवा, सिवान सहित 17 में रही जानलेवा
- यूरोपीय संघ के अधिक खपत से पड़ोसियों के पर्यावरण को हो रहा है भारी नुकसान
- मौसम अलर्ट: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल तथा उत्तराखंड में भारी बारिश-बर्फबारी व ओलावृष्टि की आशंका
- एमपॉक्स अपडेट: अमेरिका में 30,109 पर पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा, ब्राजील में 10,690 मामलों की हुई पुष्टि
- कोरोना अपडेट: देश में 1,848 पर पहुंचा सक्रिय मामलों का आंकड़ा, केरल-कर्नाटक में हैं 74 फीसदी मरीज
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- एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश में तेजी से बिगड़ रहे हालात, दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं छोटे शहरों में भी 'बेहद खराब' हुई गुणवत्ता
- अपराध है शहद में चीनी की मिलावट
- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
- इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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स्वच्छता की कसौटी पर क्यों विफल हो रहे हैं शहर?
देशभर के 299 शहर ही 2022 में कचरा मुक्त शहर प्रमाणीकरण में उत्तीर्ण हुए
अनाधिकृत विज्ञापनों से पटे शहर खो हो रहे हैं शहरी परिदृश्य और राजस्व
शहरों में लगातार अवैध विज्ञापन सरकार द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन को बट्टा लगा रहे हैं
संसद में आज: भारत के 4,372 शहरों तथा शहरी निकायों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत भारत अभियान (एबीए) के तहत एमएसएमई सहित 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की है
आम बजट 2022-23:स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर फिर से ध्यान देना जरूरी क्यों?
जल-स्रोत में मिलने से पहले मल के उचित निस्तारण के मोर्चे पर काफी कुछ करना अभी बाकी है
जब 2.85 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों और 38 हजार स्कूलों में नहीं है शौचालय तो कैसे खुले में शौच मुक्त हुआ भारत!
एक तरफ जहां देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है वहीं बड़े दुःख की बात है कि अभी भी 285,103 स्कूलों में हाथ धोने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं ...
कैसे जीतेंगें कोरोना से जंग: 10 में से 3 लोगों के पास घर पर नहीं है हाथ धोने की पर्याप्त सुविधा
अनुमान है कि हाथों की स्वच्छता पर यदि प्रति व्यक्ति हर वर्ष एक डॉलर का निवेश किया जाता है तो उससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है
देश को कूड़ामुक्त बनाने का अभियान शुरू करेंगे मोदी
शहरी भारत रोजाना करीब 0.15 टन मिलियन ठोस कचरा पैदा करता है, जिसमें से केवल 68 फीसद नष्ट करने के लिए इकट्ठा किया जाता है
अभी भी खुले में शौच करते हैं दुनिया के 49.4 करोड़ लोग
2015 में देश की करीब 40 फीसदी ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती थी, लेकिन 2020 में यह आंकड़ा घटकर 22 फीसदी रह गया ह