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- बडगाम में अवैध खनन में शामिल दो खनिकों पर एनजीटी ने लगाया लाखों का अंतरिम मुआवजा
- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
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डाउन टू अर्थ खास: बिहार से विस्थापित मुंडा जनजाति के 42 परिवारों ने ओडिशा में बसाया एक जैविक गांव
साल 1980 में मुंडा जनजाति के 42 परिवारों का एक समूह बिहार से विस्थापित हो गया था, जिसने ओडिशा में शरण ली और अब गांव की दशा बदल दी
मध्य प्रदेश: वन मित्र पोर्टल में उलझे वन ग्राम, नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्जा
आदिवासियों के फोन, इंटरनेट की सुविधा न होने के कारण ऑफलाइन सर्वे शुरू किया गया, लेकिन बाद में ऑनलाइन आवेदनों को ही अनिवार्य कर दिया गया
दक्षिण के बंटस, होयसल में मिली उत्तर पश्चिम भारत की आबादी के साथ आनुवंशिक समानताएं
एक नए शोध में पाया गया कि भारत का दक्षिण-पश्चिमी तट आनुवंशिक और सांस्कृतिक विविधता वाला क्षेत्र है, जहां हजारों वर्षों से प्रवासी आकर बस रहे हैं
विशेष पिछड़ी जनजातियां : अस्तित्व और अधिकारों के अनुत्तरित सवाल
विशेष पिछड़ी जनजातियों के पर्यावास क्षेत्र के अधिकारों पर भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित अधिकांश राज्य सरकारें तक मौन हैं
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इस साल की थीम?
स्वदेशी लोगों द्वारा विश्व की लगभग 7,000 भाषाओं में से अधिकांश भाषाएं बोली जाती हैं और वे 5,000 विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं
आदिवासी महिलाओं का रचना संसार, भाषाएं जुुदा-मायने एक
आदिवासी रचना संसार की नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के साथ हुए विश्वासघात से आहत तो है, लेकिन भावी पीढ़ी को सशक्त प्रतिवाद का स्वर देना चाहती है
भारत में आदिवासी महिलाओं के पोषण में अहम भूमिका निभाते हैं जंगली खाद्य पदार्थ : अध्ययन
अध्ययन के नतीजों से पता चला है कि जो महिलाएं जंगली खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, उनका औसत आहार विविधता स्कोर जून में 13 फीसदी और जुलाई में ...
मूल निवासियों के भविष्य को खतरे में डाल रही हैं औद्योगिक परियोजनाएं: रिपोर्ट
रिपोर्ट में मूल निवासियों पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन सी169 और मूल निवासियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा की अनदेखी का आरोप लगाया गया है