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- जग बीती: ज्वालामुखी में तब्दील हुए कूड़े के पहाड़!
- लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
- देश में 64 फीसदी बढ़ी खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या, 13 शहरों में साफ रह गई है हवा
- एआई से मिलेगी विनाशकारी तूफानों की सटीक जानकारी, जान-माल के नुकसान पर लगेगी लगाम
- इंसानों की तरह ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही झीलें, ध्यान न दिया गया तो पुराना हो सकता है मर्ज
- शीर्ष 56 बहुराष्ट्रीय कंपनियां 50 फीसदी से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के लिए जिम्मेवार: शोध
- अस्कोट-आराकोट अभियान 2024: जड़ों से जोड़ती एक पदयात्रा
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- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
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सिविल सोसायटी सर्वे का दावा, राजस्थान में सरकार बदलने के बाद बंद हुईं कल्याणकारी योजनाएं
राजस्थान के 25 संसदीय क्षेत्रों में से 16 क्षेत्रों में 3,968 लोगों पर यह सर्वे किया गया
बंधुआ मजदूरों की तरह काम करते हैं ईंट भट्ठा मजदूर, 10 माह तक नहीं जा सकते घर
भट्ठों पर मजदूरी का हिसाब व भुगतान सीजन के अंत में ही होता है। जहां इनके राशन के पैसे भी काट लिए जाते हैं
मतदाता बिन मतदान: वेतन है कम, सफर हुआ महंगा तो मतदान के लिए कैसे लौटें प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजूदरों का कहना है कि उनका लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को उनके लौटने का इंतजाम करना चाहिए
58 प्रतिशत राष्ट्रीय आय और 65 प्रतिशत संपत्ति पर है देश के 10 प्रतिशत अमीरों का कब्जा
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब द्वारा जारी किए गए वर्किंग पेपर “इनकम एंड वेल्थ इनइक्वेलिटी इन इंडिया, 1922-2023 : द राइज ऑफ द बिलिनेयर राज” में असमानता के राज खुले
क्या भारत में सचमुच घट गई गरीबी या बेकार का मच रहा है हल्ला?
12 साल बाद किए गए पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं
हरियाणा की अव्याहारिक कृषि नीति से कृषि उत्पादन में कमी के संकेत
हरियाणा के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक राज्य में गेहूं का उत्पादन वर्ष 2022-23 में 110 लाख टन रहा, जो 2010-11 के मुकाबले कम है
हिमाचल प्रदेश के बजट की क्यों हो रही है चर्चा?
प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश ने हरित विकास छात्रवृति योजना शुरू करने की घोषणा की है
डाउन टू अर्थ खास: गीर गायों के प्रति बढ़ता मोह कितना सही?
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गीर नस्ल के साथ स्वदेशी गोवंश की अंधाधुंध क्रॉसब्रीडिंग ने स्वदेशी नस्लों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं