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- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
- बेमौसमी खतरों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों की सूची में शामिल है एशिया प्रशांत
- जलवायु संकट: पहाड़ों से गायब हो रही बर्फ, स्की क्षेत्रों के साथ जैवविविधता पर बढ़ा खतरा
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- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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हिमाचल प्रदेश: सरकारी पेयजल परियोजना का क्यों विरोध कर रहे हैं 50 ग्राम पंचायतों के लोग?
ग्रामीणों का आरोप है कि अदाणी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट के फायदे के लिए यह परियोजना बनाई जा रही है
रेन वाटर हार्वेस्टिंग मामला : डीपीसीसी ने एनजीटी से की 50 हजार से 5 लाख जुर्माना लगाने की सिफारिश
वहीं, ट्रिब्यूनल में डीपीसीसी ने गैर आवासीय भवनों में जुर्माने में 50 फीसदी अधिक जुर्माना वसूलने की सिफारिश भी की है।
असल जल योद्धा
जलवायु परिवर्तन की वजह से राजस्थान में इस साल हुई अतिवृष्टि को लोगों ने आपदा में अवसर के तौर पर लिया, इस पूरी मुहिम पर सुनीता नारायण का संपादकीय ...
"परंपरागत साधनों के संरक्षण से ही बच सकता है जल"
मानसूनी वर्षा के महत्व को समझते हुए इसके संग्रहण के लिए जमीनी प्रयास किए जाने की भी आज आवश्यकता है
वर्षा के बूंद-बूंद को सहेजने में मदद कर सकता है देवास रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
देशभर में साल भर के 8760 घंटो मे से केवल 100 घंटे ही वर्षा होती है, इसलिए वर्षाजल का संरक्षण बेहद जरूरी है।
परंपरा: पानी पिलाने का पुश्तैनी काम छोड़ने को मजबूर हुए भिश्ती
दिल्ली में मशक से जलापूर्ति और प्यासों को पानी पिलाने वाले भिश्तियों को खोजना आसान नहीं है। काफी खोजबीन के बाद जामा मस्जिद में इनकी आखिरी पीढ़ी मिली जो ...
रेत के धोरों में बार-बार प्यास बुझाती बेरी
सलमेर से लगभग 40 किमी दूर सम पंचायत समिति के गांव सियांबर में रेत के धोरों के बीच सौ से अधिक बेरियां मौजूद हैं।
बिहार: कहां जा रहा है कुओं पर खर्च किया जा रहा पैसा?
बिहार सरकार ने हर कुएं के जीर्णोद्धार पर औसतन 62 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके क्या परिणाम निकलेंगे?