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- साल 2060 तक दुनिया की जीडीपी को हो सकता है 24.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
- बडगाम में अवैध खनन में शामिल दो खनिकों पर एनजीटी ने लगाया लाखों का अंतरिम मुआवजा
- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
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कॉप-28: 2022-23 में 23 देशों ने सूखे को लेकर घोषित किया आपातकाल, 184 करोड़ लोग प्रभावित
करीब 184 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित हैं, जिनमें से करीब पांच फीसदी को भीषण सूखे का सामना करना पड़ा था
बारिश के पैटर्न में आते बदलावों से 2040 तक गंगा के निचले इलाकों में पड़ सकती है सूखे की मार
रिसर्च से पता चला है कि 2040 तक इस क्षेत्र में होने वाली औसत मासिक वर्षा में सात से 11 मिलीमीटर प्रतिदिन की उल्लेखनीय कमी आ सकती है
सूखे की चपेट में है भारत का 30 फीसदी हिस्सा
अगस्त के दौरान बारिश में 36 फीसदी की कमी दर्ज की गई है
खरीफ सीजन: साल 2021 के मुकाबले इस साल छह लाख हेक्टेयर में कम हुई बुआई
चालू खरीफ सीजन में दलहन का रकबा 8.59 फीसदी घटा है, जबकि सीजन की बुआई लगभग खत्म होने वाली है
झारखंडः राज्य में मात्र 15 प्रतिशत हुई बारिश, गांवों से शुरू हो चुका है पलायन
झारखंड में ज्यादातर किसान साल में एक ही फसल लेते हैं और इस बार पूरे प्रदेश में केवल 60 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है
मॉनसून 2023: क्या लंबी अवधि के सूखे की भविष्यवाणी कर सकता है भारत?
एक नए डीप लर्निंग मॉडल से पता चला है कि 2027 तक देश के कई महत्वपूर्ण हिस्से सूखे की चपेट में होंगें
झारखंड में एक बार फिर सूखे के आसार, केवल 44 प्रतिशत इलाके में ही लगाई गई धान
राज्य में अब भी 37 फीसदी कम बारिश हुई है। बीते 20 अगस्त तक सामान्य बारिश 689.8 मिमी की तुलना में 422.7 मिमी ही बारिश हुई है
बिहार में सूूखे जैसे हालात, पलायन की तैयारी कर रहे किसान
बिहार में मॉनसून 2023 के दो माह के दौरान सामान्य से 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है, कई जिलों में हालात बहुत खराब हैं