2017 में प्रतिदिन 29 किसानों/कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की

एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में कृषि क्षेत्र में 10,655 आत्महत्या हुई जो 2016 से कम है

By Bhagirath Srivas

On: Thursday 02 January 2020
 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में कृषि क्षेत्र (कृषक और कृषि श्रमिक) में कुल 10,655 लोगों ने आत्महत्या की। दूसरे शब्दों में कहें तो 2017 में हर महीने औसतन 888 और प्रतिदिन 29 आत्महत्या कृषि क्षेत्र में हुई है।

साल 2016 में 11,379 लोगों ने आत्महत्या की थी। यानी 2017 में कृषि क्षेत्र में आत्महत्या कम हुई हैं। साल 2017 में कुल 5,955 किसानों और 4,700 कृषि श्रमिकों ने अपनी जान दी, जबकि 2016 में 6,270 किसानों और 5,109 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी।

एनसीआरबी के अनुसार, कुल आत्महत्या (1,29,788) में 8.2 प्रतिशत आत्महत्या कृषि क्षेत्र में हुई हैं। 2017 में आत्महत्या करने वाले 5,955 कृषकों में से 5,633 आत्महत्या पुरुषों और 322 आत्महत्या महिलाओं ने की हैं। वहीं दूसरी तरफ 4,700 कृषि श्रमिकों में से जान आत्महत्या करने वाले पुरुषों की संख्या 4,219 है और महिलाओं की संख्या 480 है। आत्महत्या करने वाला एक कृषि श्रमिक ट्रांसजेंडर है।

एनसीआरबी के अनुसार साल 2017 में कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कृषि क्षेत्र में शून्य आत्महत्या हुई है। इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन व दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुद्दुचेरी शामिल हैं।

जिन राज्यों में सर्वाधिक आत्महत्या की गई उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र में 2017 में 34.7 प्रतिशत, कर्नाटक में 20.3 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9 प्रतिशत, तेलंगाना में 8 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 7.7 प्रतिशत किसानों/कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की है। उल्लेखनीय है कि 2016 में किसानों की कुल आत्महत्या में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 32.2 प्रतिशत थी। इसके बाद कर्नाटक (18.3 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (11.3 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (7.1 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (6 प्रतिशत) सर्वाधिक आत्महत्या वाले राज्यों में शामिल थे।  

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