किसान बेमौसम बारिश से हलकान, अगेती गेहूं और सरसों को खतरा
हरियाणा के कई जिलों में भारी बारिश के कारण फिर से किसान परेशान हैं। मंडियों में खुले में पड़ी बाजरे व धान की फसल भीग रही है और कई जगह खड़ी फसल खराब हो रही है
On: Wednesday 27 November 2019


पश्चिमी विक्षोभ के अचानक सक्रिय हो जाने से हरियाणा के किसान हैरान-परेशान हैं। पिछले दो दिनों से प्रदेश के कई जिलों में बारिश का क्रम बना हुआ है। ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है। बारिश की वजह से प्रांत की कई मंडियों में खुले में पड़ी बाजरे और धान की फसल भीग गई है, वहीं खेतों में लहलहाते सरसों एवं गेहूं की फसलों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो अभी खेतों में लगी फसलों को नमी की जरूरत थी। बारिश से यह जरूरत पूरी हो गई है। मगर बरसात का यह सिलसिला अगले चौबीस घंटे तक जारी रहा तो सर्वाधिक नुक्सान सरसों को हो सकता है। बारिश की वजह से फूलों के झडऩे के साथ रोग फैल पकडऩे की खतरा है।
हरियाणा के कई जिलों में बुधवार की सुबह से ही बारिश का क्रम बना हुआ है। इससे ठंड बढ़ गई है। इसकी वजह हरियाणा के उत्तरी व पश्चिमी जिलों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होना बताया जा रहा है। मंगलवार को भी हरियाणा के कई हिस्से में बारिश हुई थी। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ ने ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत का रूख कर लिया है।
इस वजह से हिमाचल प्रदेश के कई हिस्से में बुधवार को भारी बर्फबारी हुई, जबकि हरियाणा में बुधवार की सुबह से दोपहर तक रोहतक, हिसार,भिवानी सहित कई जिलों में बारिश की खबर है। इससे तापमान में गिरावट आ गई है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ से आज रात गरज के साथ बारिश हो कसती है। इसकी वजह से रात्रि का तापमान भी गिरेगा। आने वाले दिनों में सर्दी बढ़ सकती है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते पंजाब तथा राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि संभव है। हरियाणा में ओलावृष्टि की आशंका से मौसम विभाग ने इनकार किया है। एचएयू के विभागाध्यक्ष डा मदन खिचड़ का कहना है कि 28 नवंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश से मैदानी इलाकों की ओर बढ़ जाएगी।
मौसम वैज्ञानिकों की इस भविष्यवाणी से कृषकों के माथे पर बल पड़ा हुआ है। अभी खेतों में अगेती गेहूं और सरसों की फसल लहलहा रही है। किसानों का कहना है कि अभी बारिश से फसलों को लाभ पहुंच रहा है, पर बारिश का यह सिलसिला थम नहीं तो लाभ हानि में बदल जाएगा। नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका में प्याज प्रचूर मात्रा में होता है। अभी यह पकने को तैयार है। पश्चिमी विक्षोभ का रूख राजस्थान की ओर होने से प्याज की फसल को नुक्सान हो सकता है। झिरका राजस्थान की बिल्कुल सीमा पर है।