संसद में आज: पीएम-किसान योजना के तहत 2.80 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए

संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में कुत्ते के काटने के 75,67,811 मामले थे लेकिन अक्टूबर 2023 तक ये 24,77,936 हुए

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Tuesday 05 December 2023
 

मनरेगा के तहत सक्रिय श्रमिक

आज, संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन संसद में उठाए गए के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि वर्तमान में, महात्मा गांधी नरेगा के तहत कुल 14.37 करोड़ सक्रिय लाभार्थी हैं। महात्मा गांधी नरेगा एक मांग आधारित योजना है। सिंह ने कहा, 30.11.2023 तक कुल 221.60 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान उत्पन्न यानी 208.74 करोड़ मानव दिवस 30.11.2022 तक से अधिक है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की धनराशि किसानों के खातों में

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में आज सदन में सवाल पूछा गया तो केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अब तक 11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों (किसानों) को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से विभिन्न किस्तों में 2.80 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इस योजना के तहत हर साल 6000 रुपए का वित्तीय लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में तीन समान चार-मासिक किश्तों में स्थानांतरित किया जाता है।

चालू वर्ष में लम्पी त्वचा रोग

जानवरों में लम्पी त्वचा रोग को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में बताया कि साल 2023 यानी जनवरी से अब तक देश में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के मामलों की कुल संख्या 73390 है। हालांकि, सक्रिय मामले केवल 16302 हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में कुत्तों के हमलों की खबरें आ रही हैं, इसी को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र) के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बताया कि वर्ष 2018 की तुलना में कुत्तों के हमलों की संख्या में कमी आई है। संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में कुत्ते के काटने के 75,67,811 मामले थे लेकिन अक्टूबर 2023 तक ये 24,77,936 हो गए हैं।

2030 तक स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने आज, राज्यसभा में बताया की जलवायु परिवर्तन के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन में प्रस्तुत अपडेट राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के अनुसार, भारत सरकार 2030 तक 50 फीसदी गैर-जीवाश्म आधारित बिजली क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक, गैर-जीवाश्म से कुल 186.46 गीगावॉट क्षमता 31.10.2023 तक देश में ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधन स्थापित किए जा चुके हैं, जिसमें 178.98 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा और 7.48 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा शामिल है। इसके अलावा, 114.08 गीगावॉट क्षमता कार्यान्वयनाधीन है और 55.13 गीगावॉट क्षमता निविदा के अधीन है। भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों की हिस्सेदारी 31 अक्टूबर 2023 तक 43.82 फीसदी तक पहुंच गई।

निपाह वायरस का खतरा

निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए आज सदन में पूछे गए एक पश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि, भारत में, निपाह का प्रकोप पश्चिम बंगाल (2001 और 2007 में) और केरल (2018, 2019, 2021 और 2023 में) में दर्ज किया गया था। निपाह वायरस संक्रमण एक जूनोटिक रोग है जो चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है इसके कारण तीव्र रक्तस्रावी बुखार होता है। इसका प्राकृतिक भंडार बड़े फल वाले चमगादड़ हैं और संचरण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों, जानवरों के संपर्क और दूषित खजूर के रस, जूस या ताड़ी के सेवन, दूषित गिरे हुए फलों के उपयोग करने से होता है।

सिकल सेल एनीमिया (एससीए) का उन्मूलन

प्रश्नों का सिलसिला जारी रखते हुए सदन में सिकल सेल एनीमिया (एससीए) के उन्मूलन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में, मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा कि सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त रोग है जो रोगी के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए, प्रधान मंत्री द्वारा एक जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश से सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया गया था।

बघेल ने बताया कि मिशन के उद्देश्य सभी सिकल सेल रोगग्रस्त रोगियों के लिए सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण देखभाल का प्रावधान, जागरूकता सृजन के माध्यम से सिकल सेल रोग की व्यापकता में कमी, वर्ष 2025-26 तक 0 आयु वर्ग के 7 करोड़ लोगों की लक्षित स्क्रीनिंग है। आदिवासी क्षेत्रों के प्रभावित 278 जिलों में 40 वर्ष और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श इसमें शामिल है।

राज्यों द्वारा स्क्रीनिंग का लक्ष्य वर्ष 2022-23 के लिए एक करोड़ था और अब वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग का लक्ष्य 17 भारी  प्रसार वाले राज्यों के 278 जिलों में दो करोड़ आबादी है।

स्वास्थ्य पर वार्षिक व्यय

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में, मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने बताया कि, भारत के लिए उपलब्ध राष्ट्रीय स्वास्थ्य खातों के अनुमान के अनुसार, कुल स्वास्थ्य व्यय (टीएचई) के प्रतिशत के रूप में जेब से खर्च 64.2 फीसदी (2013 और 14) से घटाकर 47.1 फीसदी (2019-20) कर दिया गया है।

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