एसओई इन फिगर्स 2023 : दुनिया में 300 करोड़ लोग पौष्टिक खाने से वंचित

पूरे विश्व में 3,000 मिलियन (300 करोड़) लोग पौष्टिक खाने का खर्च वहन नहीं कर पाते। इनमें से 31.7 फीसदी या 970 मिलियन (97 करोड़) से ज्यादा लोग भारत में हैं।

By Anil Ashwani Sharma

On: Sunday 04 June 2023
 

विश्वभर में तीन सौ करोड़ (तीन हजार मिलियन) लोग पौष्टिक खाने का खर्च वहन नहीं कर पा रहे हैं। इसे यदि फीसदी में आंके तो यह 42 प्रतिशत बैठता है। विश्व में पौष्टिक खाना वहन नहीं कर पाने वालों में अकेले भारत से 97 करोड़ (970 मिलियन) से ज्यादा लोग हैं। भारत की कुल आबादी का 70.5 फीसदी लोग पौष्टिक खाने पर खर्च करने की स्थिति में नहीं होते।

ध्यान रहे कि वैश्विक स्तर पर 2017 से 2020 के मध्य पौष्टिक खाने के खर्च में औसतन 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। जबकि निम्न मध्य आय वाले देशों में 2017 से 2020 के बीच पौष्टिक खाने के औसत खर्च में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं यदि भारत में पौष्टिक खाने के औसत खर्च को देखा जाए तो इसमें 5.2 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 

यह बात दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा जारी स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट रिपोर्ट (एसओई इन फिगर्स 2023) में कही गई है। 

यहां ध्यान देने की बात है कि 2020 के बीच में विश्वभर के हर कोने में वैश्विक उपभोक्ता खाद्य मूल्यों में तेज वृद्धि देखी गई थी। इसी वृद्धि ने वैश्विक स्तर पर पौष्टिक खाने के औसत मूल्य में वृद्धि कराई। 2020 में विश्वभर में लगभग 3.1 बिलियन (110 करोड़) लोग पौष्टिक भोजन का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे। यह आंकड़े 2019 की तुलना में 11.2 करोड़ अधिक है। इस मतलब है कि पौष्टिक खाने की महंगाई अधिक होने से लोग इससे दूर हो रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा तय किए गए मातृत्व, शिशु और छोटे बच्चों के पोषण से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर भारत अग्रसर है। बाकि बचे लक्ष्यों में भारत की स्थिति या तो खराब हो रही है या उसमें किसी प्रकार की प्रगति नहीं दिख रही है। मोटेतौर पर देखा जाए तो वैश्विक स्तर पर भारत सहित ज्यादातर देश मोटापा, खून की कमी, मधुमेह और सोडियम सेवन जैसी समस्याओं से पार पाने के लिए पूरी शिद्दत से जूझ रहे हैं।  

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