शिमला की विकास योजना को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण

एनजीटी के नवंबर 2017 फैसले में शिमला प्लानिंग एरिया में भवनों की दो मंजिल और एटिक फ्लोर से अधिक ऊंचाई पर निर्माण को रोक लगाया गया था।

By Vivek Mishra

On: Thursday 11 January 2024
 

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी, 2024 को शिमला के विवादित डेवलपमेंट प्लान, 2041 को हरी झंडी दिखा दी है। शिमला की इस विकास योजना पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने  प्रश्नचिन्ह लगाते हुए रोक लगा दी थी और इस योजना को गैरकानूनी करार दिया था। 

शिमला के निवासियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से शिमला में भवनों की दो मंजिल और एटिक फ्लोर से अधिक ऊंचाई के निर्माण पर लगी एनजीटी की रोक और 17 ग्रीन बेल्ट व कोर एरिया में निर्माण पाबंदियों पर लगी रोक भी हट जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी, 2024 को अपने फैसले में कहा कि 23 जून, 2023 को राज्य सरकार के द्वारा अधिसूचित की गई शिमला विकास योजना, 2041 संतुलित दिखाई देती है। ट्रिब्यूनल किसी राज्य सरकार को किसी निश्चित फ्रेम में योजना बनाने के लिए नहीं कह सकती है।

हिमाचल प्रदेश की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी के 2017 के फैसले के विरुद्ध याचिका दायर की थी, जिसमें एनजीटी के नवंबर 2017 फैसले द्वारा शिमला प्लानिंग एरिया में भवनों की दो मंजिल और एटिक फ्लोर से अधिक ऊंचाई पर निर्माण को रोक लगाया गया था।

28 जुलाई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारडीवाला ने इसी मामले में अपनी टिप्पणी में कहा था " विकास और पर्यावरण के बीच एक संतुलन होना चाहिए।" वहीं, 12 दिसंबर को इस मामले पर पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में प्रतिवादी व पर्यावरण कार्यकर्ता योगेंद्र मोहन सेनगुप्ता ने डाउन टू अर्थ से बातचीत में बताया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें न्यायिक जीत की उम्मीद थी। शिमला पहले ही विनाश झेल रहा है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला और भी परेशानी पैदा करेगा।

इससे पहले हिमाचल प्रदेश की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा तैयार इस ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान, 2041 के मसौदे को पर्यावरण कार्यकर्ता योगेंद्र मोहन सेनगुप्ता ने 20 अप्रैल, 2022 को एनजीटी में चुनौती दी थी। उन्होंने अपनी दलील में कहा था कि था कि ऐसी योजना सतत विकास सिद्धांत के विपरीत है और पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए विनाशकारी है।

याचिका पर गौर करने और लंबी सुनवाई के बाद इस विकास योजना के मसौदे पर 14 अक्तूबर, 2022 को एनजीटी में तत्कालीन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की पीठ द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि "ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करने या अनदेखा करने का राज्य के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की विकास योजना का मसौदा अवैध है।"

पीठ ने कहा था इस योजना में एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अधिक मंजिलों के निर्माण, कोर एरिया में नए निर्माण, ग्रीन एरिया में निर्माण, सिंकिंग और स्लाइडिंग जैसे क्षेत्रों में विकास की अनुमति दी गई है। ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि, “यदि राज्य इस तरह से आगे बढ़ता है, तो इससे न केवल कानून व्यवस्था को नुकसान होगा, साथ ही इसके पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े विनाशकारी परिणाम भी सामने आ सकते हैं।“

क्या था 2041 के लिए जारी शिमला विकास योजना का मसौदा

शिमला के विकास से जुड़े इस ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान, शिमला प्लानिंग एरिया 2041 को फरवरी 2022 में प्रकाशित किया गया था। इसमें कहा गया है कि शिमला को विकास योजना की तत्काल आवश्यकता है,  जिससे एक अच्छी तरह से विनियमित और नियोजित शिमला और इसके उपनगरीय क्षेत्रों के लिए विकास सम्बन्धी नियमों को पुनर्जीवित किया जा सके। साथ ही इसका मकसद शहर एवं उसके किनारे बसे क्षेत्रों को बेहतर रूप देना है।

इस विकास योजना को हिमाचल प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा भारत सरकार की अमृत उप-योजना के तहत तैयार किया गया है। देखा जाए तो शिमला प्लानिंग एरिया के विकास की यह योजना जीआईएस आधारित है। जिसमें हिमाचल प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट, 1977 के प्रावधानों के तहत शिमला नगर निगम और उसके आसपास के क्षेत्रों को शामिल किया गया है, इनमें कुफरी, शोघी और घनाहट्टी विशेष क्षेत्र और कुछ अतिरिक्त गांव शामिल हैं।

विकास की इस ड्राफ्ट योजना में कहा गया है कि “नगर नियोजन एनजीटी के दायरे में नहीं आता है।“साथ ही ड्राफ्ट का यह भी कहना है कि, “एनजीटी द्वारा शिमला प्लानिंग एरिया में भवनों की ऊंचाई पर रोक को लेकर जारी आदेश भविष्य में शहरीकरण की चुनौतियां से निपटने में सेंध लगाते हैं।“

Subscribe to our daily hindi newsletter