कोरोना राहत पैकेज: किसानों और मजदूरों को क्या मिला?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी

By Raju Sajwan

On: Thursday 14 May 2020
 
Photo: PIB

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए की राहत राशि का ब्यौरा देने के लिए 14 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर पत्रकारों के बीच आईं। सबसे पहले उन्होंने किसानों, मजदूरों और श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

किसान

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह पैसा पीएम किसान लाभार्थियों को दिया जाएगा। इसमें पशु पालन और मछली पालक किसानों को भी लाभ दिया जाएगा।

इसके अलावा सरकार ने नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपए इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड का प्रावधान किया गया है। इससे तीन करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को फायदा होगा। यह 30,000 करोड़ रुपए नाबार्ड द्वारा दिए जाने वाले 90,000 करोड़ रुपए से अलग होगा। यह पैसा ग्रामीण बैंकों तक पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 1 मार्च से लेकर अब तक 3 करोड़ किसानों को कृषि ऋण 4.22 लाख करोड़ रुपए दिया गया है, जिसमें तीन माह का ब्याज माफ है।

इसके अलावा 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिसकी लिमिट 25 हजार करोड़ रुपए है। साथ ही, 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच 86600 करोड़ रुपए के 63 लाख लोन अप्रूव किए गए हैं। 

नाबार्ड ने 29,500 करोड़ रुपए कॉपरेटिव बैंक और ग्रामीण बैंकों को लोन के लिए फाइनेंस किया है।

प्रवासी 

प्रवासियों के लिए राज्य आपदा रिस्पांस फंड के माध्यम से राहत कैंप लगाए गए। केंद्र ने अपने हिस्से का 11,002 करोड़ रुपया राज्यों को एडवांस दिया। कैंप में तीन बार खाना दिया गया। तीन करोड़ मास्क, 1.20 लाख लीटर सेनिटाइजर, शहरी गरीबों के लिए 7,200 नए स्वयं सहायता समूह बनाए गए।

प्रवासियों को दो माह के लिए मुफ्त अनाज दिया गया। इसमें पांच किलो अन्न और एक किलो चना प्रति माह दो माह के लिए दिया गया। इससे लगभग 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा मिलेगा। इस प्रक्रिया में लगभग 3,500 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह सारी राशि केंद्र सरकार ने वहन की है। इसको लागू करने की जिम्मेवारी राज्य सरकारों की है।

अगस्त 2020 तक 23 राज्यों को एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना से जोड़ा जाएगा। इससे 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। इससे अब कोई प्रवासी कहीं भी होगा, इस कार्ड के माध्यम से राशन ले सकता है।

मनरेगा 
13 मई तक 14.62 करोड़ मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए। कल 1.87 लाख ग्राम पंचायतों के माध्यम से 2.33 करोड़ मजदूरों को काम ऑफर किया गया। इसमें से 40 से 50 प्रतिशत एनरॉल कराने का बढ़ा है। 

इसके साथ ही, मनरेगा की दैनिक मजदूरी 182 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी बढ़ा कर 202 रुपए की गई।

सस्ते किराये के घर

प्रवासी मजदूर और शहरी गरीब के लिए जहां वो काम करते हैं, कम किराये के लिए घर मिले, इसके लिए सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये घर बनाए जाएंगे। इसमें सरकारी एजेंसियों, राज्य सरकार की एजेंसियों के अलावा अगर कोई उद्योगपति किराये के लिए घर बनाना चाहता है तो उन्हें प्रेरित किया जाएगा। 

रेहड़ी-पटरी 

वित्त मंत्री ने बताया कि रेहड़ी पटरी वालों के लिए 5,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह पैसा लगभग 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों को ऋण के तौर पर दिया जाएगा। ये लोग 10,000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं।

मिडिल क्लास 

मिडिल क्लास को घर के लिए होम लोन पर सब्सिडी देने वाली क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की अंतिम अवधि को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इससे लगभग 70,000 करोड़ का निवेश आएगा। इस स्कीम के तहत घर लेने पर होम लोन के ब्याज पर लगभग 2.66 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है।

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