चीनी बच्चों में निमोनिया की रहस्यमय लहर के पीछे वजह क्या है?

वैज्ञानिकों को श्वसन रोग में वृद्धि की उम्मीद थी, लेकिन चीन में जो हो रहा है, वह असामान्य है।

By Anil Ashwani Sharma

On: Thursday 30 November 2023
 
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चीनी बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारियों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे कोई नई बीमारी न हो कर यह एक सामान्य शीतकालीन संक्रमण है। ध्यान रहे कि 2020 में महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार चीन में किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। यही कारण है कि विशेषज्ञों ने इस सर्दी में संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई थी। हालांकि 2020 की महामारी के विज्ञानियों का कहना है कि चीन में निमोनिया का उच्च प्रसार अवश्य असामान्य है। वहीं दूसरी ओर जब अन्य देशों में कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील दी गई थी तब इन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण बीमारी में बढ़ोतरी देखी गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों से प्रयोगशाला के परिणामों और श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार के हालिया रुझानों के आंकड़े देने का अनुरोध किया है।

अंतराष्ट्रीय पत्रिका नेचर के अनुसार गत 23 नवंबर के एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अक्टूबर के बाद से अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि के लिए एडेनोवायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस और आरएसवी जैसे ज्ञात रोगजनकों को जिम्मेदार ठहराया है, जो केवल हल्के, सर्दी जैसे लक्षणों का कारण बनते हैं। हालांकि, मई के बाद से, विशेष रूप से बीजिंग जैसे उत्तरी शहरों में अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि मुख्य रूप से माइकोप्लाज्मा निमोनिया के कारण हुई है। यह एक जीवाणु है और यह फेफड़ों को संक्रमित करता है। यह वॉकिंग निमोनिया का एक सामान्य कारण है। यह बीमारी का एक रूप है जो आमतौर पर अपेक्षाकृत हल्का होता है। और इसमें बिस्तर पर आराम करने या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन इस साल यह बच्चों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।

हांगकांग विश्वविद्यालय के महामारी विशेषज्ञ बेंजामिन काउलिंग बीमारी की इस लहर से परेशान नहीं हैं।  उनका कहना है कि वास्तव में यह तीव्र श्वसन संक्रमणों में एक विशिष्ट शीतकालीन उछाल है, हां यह अवश्य कह सकते हैं कि यह इस साल थोड़ा पहले हो रहा है।

यह सर्वविदित है कि महामारी संबंधी उपायों जैसे मास्क पहनना और यात्रा प्रतिबंध आदि में ढील के बाद पहली सर्दियों के दौरान सामान्य श्वसन रोगों में फिर से उछाल आना अन्य देशों में एक जाना पहचाना पैटर्न है। नवंबर 2022 में अमेरिका में फ्लू से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या 2010 के बाद के वर्ष में सबसे अधिक थी।

विश्वविद्यालय के कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञानी फ्रेंकोइस बैलौक्स ने कहा, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और कोविड-19 के प्रसार को धीमा करने के लिए लागू किए गए अन्य उपायों ने मौसमी रोगजनकों को फैलने से रोक दिया, जिससे लोगों को इन सूक्ष्मजीवों के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाने का कम अवसर मिला। बैलौक्स ने कहा कि चूंकि चीन ने विश्व के किसी भी अन्य देश की तुलना में कहीं अधिक लंबे और कठोर लॉकडाउन का अनुभव किया है, इसलिए यह अनुमान लगाया गया था कि लॉकडाउन के खत्म होने के बाद बीमारियों की लहरें चीन में पर्याप्त हो सकती हैं।

हालांकि, बीमारी की जो लहर चीन में देखी गई वह अन्य देशों में देखी गई लहर से भिन्न है। कुछ राष्ट्र अपने पोस्ट-कोविड शीतकालीन उछाल के दौरान फ्लू और आरएसवी संक्रमण से जूझ रहे थे, लेकिन चीन में एम. निमोनिया संक्रमण आम रहा है। काउलिंग कहते हैं कि यह आश्चर्य की बात है क्योंकि जीवाणु संक्रमण अक्सर अवसरवादी होते हैं और वायरल संक्रमण के बाद जोर पकड़ते हैं।

जीवाणु के कारण होने वाले निमोनिया का इलाज आमतौर पर मैक्रोलाइड्स नामक एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है, लेकिन इन दवाओं पर अत्यधिक निर्भरता के कारण रोगजनक में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। अध्ययनों से पता चलता है कि बीजिंग में मैक्रोलाइड्स के प्रति एम. निमोनिया की प्रतिरोध दर 70 प्रतिशत से 90 प्रतिशत के बीच है। काउलिंग का कहना है कि यह प्रतिरोध इस वर्ष एम. निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ा सकता है, क्योंकि यह उपचार में बाधा उत्पन्न कर सकता है और बैक्टीरियल निमोनिया संक्रमण से रिकवरी को धीमा कर सकता है।  

ऑस्ट्रेलिया के यूएनएसडब्ल्यू सिडनी में श्वसन चिकित्सक क्रिस्टीन जेनकिंस का कहना है कि सर्दियों में ठंड में वृद्धि हमेशा एक चुनौती रही है, लेकिन चीन में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां महामारी से पहले की तुलना में अब उन्हें कम करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। वह कहती हैं कि बेहतर राष्ट्रीय रोग-निगरानी प्रणालियां, प्रतिदिन परीक्षण संचरण को रोकने और मौतों को रोकने के उपाय अब मौजूद हैं।

जेनकिंस कहते हैं कि भले ही संक्रमण ज्ञात रोगजनकों के कारण होता है, बीमारी के गंभीर प्रकोप के जोखिम को कम करने के लिए उन्हें बारीकी से ट्रैक करना महत्वपूर्ण है। वह कहती हैं कि हम (कोविड-19 से) बहुत अलग स्थिति में हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम लापरवाह हो सकते हैं। 

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