उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक साथ 52 चमगादड़ की मौत, क्या कहते हैं विशेषज्ञ
चमगादड़ों को इस तरह एक साथ मरना असामान्य घटना है, इसलिए मौतों की जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में तीन सैंपल भेजे गए हैं
On: Wednesday 27 May 2020
यह मामला गोरखपुर के बेलघाट गांव का है। गांव के ही रहने वाले शिवपाल सिंह (38) बताते हैं, ''मंगलवार की सुबह ध्रुव नारायण शाही के बाग में बड़ी संख्या में चमगादड़ जमीन पर गिरे हुए थे। कुछ पेड़ से लटके थे, लेकिन वो भी मर चुके थे। यह बात इलाके में फैल गई और इसके बाद अधिकारी आए और चमगादड़ को जार में भरकर ले गए।''
इस मामले पर गोरखपुर के बेलघाट के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. दर्शन कहते हैं, ''मैं मौके पर गया था। वहां चार आम के पेड़ हैं और आस पास कोई आबादी नहीं है। शायद इससे पहले चमगादड़ कहीं और रहते होंगे और हाल ही में यहां आए होंगे। मेरी समझ से गर्मी इतनी ज्यादा है तो चमगादड़ लूह औॅर गर्मी से भी मर सकते हैं। हालांकि, जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने न आ जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता। मैंने तीन सैंपल बरेली भेज दिया है, देखते हैं क्या रिपोर्ट आती है।''
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत विशेषज्ञों को भी पेरशान कर रही है। आईवीआरआई से जुड़े वर्तमान और पूर्व डॉक्टर पहले कभी ऐसी घटना न देखने की बात करते हैं। आईवीआरआई के डायरेक्टर डॉ. राज कुमार सिंह कहते हैं, ''52 की संख्या में चमगादड़ मरे हैं, इतनी संख्या में चमगादड़ की मौत मैंने पहले नहीं देखी। अभी पोस्टमॉर्टम हो रहा है तो मैं कुछ साफ नहीं कह सकता, रिपोर्ट आ जाए तो स्थिति साफ होगी।''
फिलहाल आईवीआरआई में चमगादड़ों के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया चल रही है। अब देखना है कि रिपोर्ट में क्या सामने आता है। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ तौर पर कहा जा सकता है कि चमगादड़ों की मौत किस वजह से हुई है।