बिना लक्षण वाला व्यक्ति भी फैला सकता है कोरोना संक्रमण: अध्ययन

ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि बिना लक्षण वाले व्यक्ति भी कोरोनावायरस को बड़ी तेजी से फैला सकता है

By Dayanidhi

On: Wednesday 25 March 2020
 

ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि संक्रमण फैलने का समय एक सप्ताह से भी कम का था और 10 फीसदी से अधिक रोगियों को किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा संक्रमित किया गया था, जिसके शरीर में वायरस तो था लेकिन उसमें लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे। 

 

संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, चीन और हांगकांग के वैज्ञानिकों का एक दल इस बात अंदाजा लगाने जा रहा है कि वायरस कितने अंतराल में फैल सकता है। अंतराल को मापने के लिए वैज्ञानिकों ने ऐसे दो लोगों को चुना जिनके शरीर में वायरस है। वैज्ञानिक लक्षण दिखाई देने में लगने वाले समय के बारे में जानना चाहते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, बिना लक्षणों वाला व्यक्ति अनचाहे दूसरे को संक्रमित कर देता है। इसके बाद संक्रमित व्यक्ति दूसरों तक वायरस को पहुंचा देते हैं।

 

शोधकर्ताओं ने पाया कि चीन में कोरोनवायरस के फैलने का औसत अंतराल लगभग चार दिन था। यह अध्ययन इमर्जिंग इन्फेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 

एक महामारी की गति दो चीजों पर निर्भर करती है -प्रत्येक मामले में कितने लोग संक्रमित होते हैं और लोगों के बीच संक्रमण फैलने में कितना समय लगता है। पहली मात्रा को प्रजनन संख्या कहा जाता है तथा दूसरा सामयिक अंतराल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 का प्रकोप छोटे से अंतराल में बहुत जल्दी बढ़ता है, जिसे रोकना मुश्किल हो सकता है। 

 

मेयर्स और उनकी टीम ने चीन के 93 शहरों से 450 से अधिक संक्रमण के मामलों की रिपोर्ट की जांच की और पाया कि बिना लक्षण वाले लोगों ने वायरस को सबसे अधिक फैलाया, जिसे पूर्व-रोगसूचक संचरण (प्रि-सिम्पटोमैटिक ट्रांसमिशन) के रूप में जाना जाता है। अध्ययन के अनुसार, 10 में से 1 या उससे अधिक व्यक्ति संक्रमण के शिकार थे, लेकिन वे बीमार महसूस नहीं कर रहे थे।

 

मेयर्स ने कहा कि इस शोध से पता चलता है कि आइसोलेशन, कोरेंटाइन, स्कूल बंद करने, यात्रा प्रतिबंध करने और सामूहिक समारोहों को रद्द करने जैसे उपायों से इस रोग को फैलने से रोका जाता है। इससे बिना लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा संक्रमण फैलाने से रोका जा सकता है।

 

मेयर्स ने बताया कि दुनिया भर में हर दिन सैकड़ों नए मामले सामने आ रहे हैं, नया आंकड़े समय के साथ एक अलग तस्वीर पेश कर सकता है। संक्रमण के मामले की रिपोर्ट लोगों की यादों पर आधारित होती है कि वे कहां गए थे और उन्होंने किससे संपर्क किया था। यदि स्वास्थ्य अधिकारी रोगियों को अलग करने (आइसोलेट) के लिए जल्दी से कदम उठाते हैं, तो आंकड़ों की भयावह दिखने वाली स्थिति बदल सकती है।

 

मेयर्स ने कहा, हमारे निष्कर्ष खामोशी से फैलते संक्रमण और दुनिया भर के सैकड़ों शहरों में बढ़ते कोविड-19 के मामलों से जुड़े हैं। जो हमें बताता है कि कोविड-19 का प्रकोप बहुत खतरनाक हो सकता है और इसे रोकने के लिए अत्यधिक उपायों की आवश्यकता होती है।

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