मुंबई के बाद अहमदाबाद में सबसे अधिक हैं कोरोना मरीज

अहमदाबाद में कोरोना पॉजीटिव मामलों की संख्या 3000 से अधिक हो चुकी है

On: Friday 01 May 2020
 
Photo: Flickr

कलीम सिद्दीकी

अहमदाबाद गुजरात का वुहान बनता जा रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बाद अहमदाबाद ऐसा शहर है, जहां कोरोना पॉजीटिव के मामले सबसे अधिक हैं। 30 अप्रैल की शाम 10 बजे तक आंकड़े बताते हैं कि अकेले अहमदाबाद में 3011 कोरोना पॉजीटिव सामने आ चुके हैं।

रोजाना जिस तरह मामले सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए अहमदाबाद के नगर निगम कमिश्नर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था।  “ जिस प्रकार से पिछले चार दिनों में कोरोना पॉज़िटिव केस आये हैं यदि इसी दर से पॉज़िटिव केस आते रहे तो अहमदाबाद में 15 मई तक संख्या 50000 और 31 मई को 8 लाख पहुँच जायेगा " साथ ही उन्होंने चेताया "चार दिनों में डब्लिंग रेट अमेरिका और यूरोप का था। अब हमारे सामने यह चुनौती है कैसे हम कोरोना पॉजीटिव केस के रेट को चार के बजाय आठ दिन पर कैसे लाते हैं।" आठ दिन के भी डब्लिंग रेट पर भी आंकडा 15 मई तक 10000 और 31 मई तक 50000 पर होगा।

अहमदाबाद में आंकड़े भले ही समतल नहीं हुए लेकिन डब्लिंग रेट जो चार दिनों का था उसमें गिरावट आई है। अब अहमदाबाद में डब्लिंग रेट 11 दिनों का हो गया है। राज्य में 68 फीसद पॉजीटिव केस अहमदाबाद से हैं।

अहमदाबाद में सबसे पहला केस 17 मार्च अमेरिका से लौटी एक 22 वर्षीय महिला का था। पुष्टि 19 मार्च को हुई थी। 4 अप्रेल को अहमदाबाद में पॉज़िटिव केस 52 पर, 10 अप्रेल को142 संख्या 142, 17 अप्रेल को 508 और चार दिन बाद दुगुने से भी अधिक 1367 पर पहुँच गई। यह संख्या अब 3011 है।

70% कोरोना मामले ओल्ड सिटी के सेंट्रल और मध्य ज़ोन से हैं। जबकि अहमदाबाद का पहला केस न्यू अहमदाबाद की एक पॉश कॉलोनी से था। वरिष्ठ पत्रकार बसंत रावत मानते हैं " ओल्ड अहमदाबाद के मोहल्ले जिन्हें पोल, डेहला, खाँचो इत्यादि कहते हैं इन मोहल्लों की आबादी बहुत घनी है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन मुश्किल है। इस बीमारी की चैन तोड़ने के लिए नियम का पालन ज़रूरी है।"

पर्यावरण मित्र के अध्यक्ष महेश पांड्या का कहना है। " सरकार ने कोरोना से लड़ने को तैयारी देरी से शुरू की और 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम सरकार की बड़ी भूल है। " विकट परिस्थिति के बावजूद राज्य के अन्य हिस्सों के अलावा अहमदाबाद में भी 4 मई से कुछ छूट मिलने की संभावना है। क्योंकि अहमदाबाद नगर निगम ने अहमदाबाद के वार्डों को कोरोना की वर्तमान परिस्थिति के आधार पर रेड और ओरेंज ज़ोन में बांटा है। ओल्ड अहमदाबाद के अधिकतर वार्ड रेड ज़ोन में हैं। 

सरकार फंसे हुए प्रवासियों को उनके गांव जाने की भी व्यवस्था कर रही है। शांतिपूर्ण ट्रेवेलिंग हो सके। लेकिन जानकार विशेष तौर पर अहमदाबाद में अभी किसी प्रकार की छूट के खिलाफ हैं। अर्थ शास्त्री प्रोफेसर हेमंत शाह का कहना है। " प्रवासी मजदूरों को उनके गांव जाने की व्यवस्था सरकार को पहले ही कर देना चाहिए था। सरकार ने यह निर्णय देर से लिया। आवश्यक वस्तुओं में छूट के साथ अहमदाबाद में लॉकडाउन जारी रखना चाहिए।"

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