विदेशों से बिहार लौटने वाले सभी लोगों का होगा कोरोना टेस्ट
बिहार में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ गए हैं और अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है
On: Sunday 29 March 2020
एक हफ्ते में ही बिहार में एक दर्जन से ज्यादा कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज मिलने के बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए सैंपल लेने की शर्तों में बदलाव किया है।
अब तक वैसे ही लोगों का सैंपल लिया जाता है, जो विदेशों से लौटे हों और संक्रमण के लक्षण नजर आते हों। इसके अलावा उन लोगों का भी सैंपल लिया जाता है, जो कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ रहा हो। लेकिन, अब सरकार उन सभी लोगों का टेस्ट कराएगी जो हाल में विदेश से लौटे हैं, भले ही उनमें संक्रमण का लक्षण न दिखता हो।
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि विदेशों से लौटने वाले सभी लोगों के लिए टेस्ट अनिवार्य किया गया है। वे लोग जहां भी होंगे, उन्हें ढूंढ कर जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जनवरी के बाद 16000 से ज्यादा लोग विदेशों से बिहार लौटे हैं। इनमें से लगभग 14000 लोग पिछले एक महीने में आए हैं। लेकिन, इनमें से बहुत सारे लोगों तक सरकार अभी तक नहीं पहुंच सकी है।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इन लोगों को ढूंढना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इनमें से बहुत यात्री ऐसे हैं, जिनकी एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग भी नहीं हुई है। अगर इनमें कोरोनावायरस का संक्रमण होगा, तो वे न जाने कितने और लोगों को संक्रमित करेंगे।
उक्त अधिकारी ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता उन लोगों को ढूंढना है, जो हफ्ते-दस दिनों के भीतर लौटे हैं।”
इधर, बिहार में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 15 पर पहुंच गई है। रविवार को आए टेस्ट रिजल्ट में कोरोनावायरस से संक्रमित 4 नए मरीज मिले हैं। कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा 5 मरीज पटना में मिले हैं। वहीं, रविवार को कोरोनावायरस से संक्रमित एक और मरीज के मरने की खबर है। वह भागलपुर का रहने वाला था। इस तरह बिहार में कोरोना के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2 हो गई है।
इनमें से दो मरीजों की सेहत में सुधार भी हुआ है और इलाज के बाद उनका रिजल्ट नेगेटिव आया है। दोनों फिलहाल नालंदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एनएमसीएच) में भर्ती हैं।
इनका इलाज करने वाले एनएमसीएच के एक डॉक्टर ने बताया, “कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एक सामान्य दिशानिर्देश मिला है। उसे मानते हुए मरीजों को तीन दवाइयां 15 दिनों तक दी गई, जिससे उनमें सुधार हुआ है। इन दोनों मरीजों एक बार और टेस्ट होगा और रिजल्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।”