कोविड-19: दूसरे नंबर पर पहुंचा गुजरात, लेकिन फिर भी नहीं बढ़ी टेस्टिंग
महाराष्ट्र के गुजरात दूसरा राज्य बन गया है, जहां कोरोना मरीजों की संख्या सबसे अधिक है
On: Wednesday 29 April 2020
कलीम सिद्दीकी
कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 29 अप्रैल की सुबह आठ बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 3,744 हो गई है। अहमदाबाद में पिछले कुछ दिनों में तेजी से मामले बढ़े हैं। लेकिन संक्रमित लोगों के टेस्ट को लेकर राज्य सरकार आरोपों के घेरे में है।
4 अप्रैल को गुजरात में केवल 105 पॉजीटिव केस थे। टेस्ट बढ़ाए जाने के साथ पॉजीटिव केसों की संख्या भी बढ़ती गई। लॉकडाउन 2 के पहले आठ दिनों में नए मामले बहुत तेजी से आए। 21 अप्रैल तक गुजरात सरकार दिन प्रतिदिन कितने टेस्ट हो रहे हैं और कितने रोजाना कोरोना पॉजीटिव के मामले आ रहे हैं। 22 अप्रैल के बाद गुजरात सरकार ने टेस्ट कम कर दिये ताकि पॉज़िटिव केस कम दिखाया जा सके सरकार के इस प्रकार से टेस्ट घटाए जाने की निंदा भी हुई। 25 अप्रैल को फिर से बढ़ाया गया। लेकिन अगले दिन टेस्टिंग में फिर से कमी की गई।
21 अप्रैल के बाद से गुजरात सरकार ने पिछले 24 घंटे में हुए टेस्ट की संख्या बताना बंद कर टेस्ट के संपूर्ण आंकड़े बता रही है। जिसके बाद से पॉजीटिव केस में कुछ कमी जरूर आई है। पिछले सप्ताह में सोमवार से बुधवार तक राज्य में 11,429 टेस्ट हुए और पॉज़िटिव केस 752 थे। जबकि गुरुवार से शनिवार के दरमियान 8,894 टेस्ट हुए और पॉज़िटिव केस 664 थे। रविवार और सोमवार को भी टेस्ट के संख्या तीन हजार से कम थी और पॉज़िटिव केस में भी कोई समतलता नहीं आई।
तारीख टेस्ट कुल टेस्ट पॉजीटिव केस कुल पॉजीटिव
20-4-20 4212 33,316 196 1,939
21-4-20 3339 35,543 215 2,066
22-4-20 3878 39,421 341 2,407
23-4-20 2963 42,384 217 2,624
24-4-20 1434 43,821 191 2,815
25-4-20 4494 48,315 256 3,071
26-4-20 2776 51,091 230 3,301
27-4-20 2484 53,575 247 3,548
28-4-20 2526 56,101 226 3,774
कम टेस्ट किए जाने के आरोपों पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने सफाई देते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने हॉटस्पॉट इलाके में कम टेस्ट कर रही है। क्योंकि अब वहाँ अधिक टेस्ट की आवश्यकता नहीं है।
24 मार्च को राज्य एवं केंद्र द्वारा लॉक डाउन की घोषणा की गई गुजरात में 29 मार्च को पॉज़िटिव केस की संख्या 2 से बढ़कर 65 हो गई। 19 मार्च से 19 अप्रेल को 1743 हो गई। 27 अप्रेल तक राज्य में कोरोना पॉज़िटिव की संख्या 3548 पहुंच गई है।
वरिष्ठ वकील के आर कोष्टी कहते हैं कि संवैधानिक तौर पर स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी सरकार की है। फिर भी गुजरात सरकार पीपीपी मॉडल को स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित करती है। यही कारण है कि सरकार आज कोरोना से लड़ने में असफल दिख रही है। राज्य में जनरल ड्यूटी मेडिकल अफसर की 30 से 35 प्रतिशत की कमी है। क्रिटिकल बीमारियों के डॉक्टरों की संख्या भी 60-65 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार से नर्सों की संख्या भी ज़रूरत से 20-25% कम है। हेल्थ वर्कर (महिला, पुरुष दोनों) लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट इत्यादि सभी की कमी है।
गुजरात के 33 जिलों में से 27 जिलों को राज्य स्वास्थ विभाग द्वारा रेड जोन घोषित किया गया है। अमरेली, सुरेंद्र नगर, द्वारका, डांग, जूना गढ़ और नवसारी रेड ज़ोन से बाहर हैं। लगभग 67 प्रतिशत केस अहमदाबाद और 16.6 प्रतिशत केस सूरत से हैं। गुजरात में कोरोना रेकवरी रेट 5.97 % है जबकि राष्ट्रीय रिकवरी रेट 22.4% का है।
बता दें पिछले तीन महीने में लगभग 6000 लोग विदेशों से गुजरात आये। अहमदाबाद में 2 बड़े सरकारी इवेंट हुए। पहला जनवरी के दूसरे सप्ताह में अन्तरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव” और 24 फरवरी को “नमस्ते ट्रंप” हुआ जिसमें हजारों की संख्या में विदेशियों ने भाग लिया। इन लोगों को न तो कोरंटीन किया गया न ही जांच हुई।