बच्चों पर कम असर करता है कोरोनावायरस, लेकिन?
745 शिशुओं और बच्चों पर किये गए इस अध्ययन में केवल 1.3 फीसदी बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिले थे
On: Monday 23 March 2020
अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर मेडिसिन में छपे एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोरोनावायरस संक्रमित बीमारी (कोविड-19) बच्चों के लिए कम घातक है। पर साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि बच्चों से यह संक्रमण आसानी से दूसरों में फैल सकता है। यह शोध उन करोड़ों लोगों की चिंता कुछ कम कर सकता है, जो अपने बच्चों पर मंडराते कोविद-19 के खतरों को लेकर चिंतित हैं| गौरतलब है कि इस वायरस के खतरे को देखते हुए भारत सहित दुनिया के कई देशों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। या फिर उनके द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। शोध के अनुसार बच्चों में इस वायरस का बहुत कम असर देखा गया है, हालांकि अपने स्वस्थ होने के काफी समय के बाद भी वो दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।
केवल 1.3 फीसदी बच्चों में ही पाए गए कोरोना वायरस के लक्षण
यह शोध चीन के ग्वांगझू महिला और बाल चिकित्सा केंद्र की शोधकर्ता ह्युमिन जिया के नेतृत्व में किया गया है। जिसमें उन्होंने 745 शिशुओं और बच्चों का अध्ययन किया है। यह सभी बच्चे 2 महीने से लेकर 15 साल की उम्र के थे। जो किसी न किसी रूप से कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आये थे। अध्ययन में पाया गया कि इनमें से केवल 1.3 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए जबकि बाकि में इस वायरस के कोई लक्षण नहीं देखे । अच्छी बात यह रही कि उन सभी संक्रमित बच्चों में इस बीमारी के कोई गंभीर लक्षण नहीं थे। जबकि उनमें से केवल सात बच्चों में हल्का बुखार देखा गया। हालांकि कुछ बच्चों में खांसी, गले में खराश, जुखाम के लक्षण जरूर देखे गए। आमतौर पर व्यस्क रोगियों में सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी देखने को मिले हैं। पर बच्चों में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया। साथ ही बच्चों की चेस्ट एक्स-रे में भी निमोनिया के कोई लक्षण नहीं पाए गए। लेकिन इन सबके बावजूद इन बच्चों से दूसरे व्यक्तियों, विशेषकर बुजुर्गों में संक्रमण के फैलने का खतरा कहीं अधिक पाया गया। शोधकर्ताओं का मानना है कि बच्चों से इस संक्रमण के फैलने का खतरा लम्बे समय तक बना रहता है। यही वजह है की उन्हें इस वायरस से बचाना अत्यंत जरुरी है।