स्वास्थ्य मानक कमजोर, इसलिए बढ़े ओलंपिक में कोविड के मामले

कड़ाई से लागू किए गए स्वास्थ्य मानकों का सबसे सुरक्षित ओलंपिक खेल गांव में भी लगातार कोविड के मामले बढ़ रहे हैं

By Anil Ashwani Sharma

On: Thursday 29 July 2021
 
Photo: SAI

आखिर जिस बात का डर था वही हुआ। यानी अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के स्वास्थ्य मानक टोक्यो आलंपिक खेलों में काम नहीं आ रहे हैं। यही कारण कि ओलंपिक खेलों के दौरान कोरोना संक्रमित खिलाड़ियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मंगलवार 27 जुलाई के दिन तो रिकार्ड खिलाड़ी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।

हालांकि जापान ओलंपिक समिति इस बात में संतोष कर सकती है कि बुधवार 28 जुलाई को ओलंपिक खेल गांव से कोई भी खिलाड़ी कोविड वायरस से संक्रमित नहीं हुआ। लेकिन इन खेलों से जुड़े अन्य कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए। इस प्रकार के कुल 16 मामले सामने आए हैं, लेकिन यहां ध्यान देने की बात है कि अभी तो ओलंपिक का आधा भी सफर पूरा नहीं हुआ है, तब यह हालात बन चुके हैं।

खेलों के समापन तक तो स्थिति और भयंकर हो सकती है। कहने के लिए तो जापान में आपातकाल लागू है, लेकिन ये तमाम पाबंदी ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे दुनिया भर के 205 देशों के 11 हजार से अधिक खिलाड़ियों को राहत नहीं दे पा रही है।

दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन खेलों के शुरू होने के पहले ही न केवल चेताया था बल्कि इस बात पर बल दिया था कि टोक्यो ओलंपिक के लिए आईओसी की प्लेबुक में बदलाव की जरूरत है। लेकिन इन विशेषज्ञों की बातों को आईओसी ने गंभीरता से नहीं लिया। और नतीजा सामने है कि ओलंपिक खेलों के अभी सात दिन ही पूरे हुए हैं और अब खेलों से जुड़े कोविड मामलों की तादाद बढ़कर 169 हो गई है। 

चार दिन में पहली बार बुधवार को ओलंपिक खेल गांव में कोई मामला नहीं पाया गया है, लेकिन खेलों के बाहर चिंता लगातार बढ़ रही है। ओलंपिक खेल गांव में बुधवार को जो खेलों से जुड़े कर्मचारियों के 16 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 4 खेलों से जुड़े कर्मचारी, 2 मीडियाकर्मी, 9 ठेकेदार और 1 वॉलिंटियर हैं।

यह सब ओलंपिक खेल गांव के हिस्सा नहीं थे। वहीं दूसरी ओर जापान की राजधानी टोक्यो में कोरोना वायरस के 3,177 नए मामले दर्ज किए गए हैं जो ओलंपिक शुरू होने के बाद से अब तक एक दिन में संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं। जब इस प्रकार के मामलों में तेजी से बृद्धि हो रही है, ऐसे में जापान ओलंपिक समिति के सामने यह एक बड़ी चुनौती है कि वह ओलंपिक खेलों में भाग लेने आए दुनिया भर के 11 हजार खिलाडियों व उनके साथ आए लगभग पांच हजार सपोर्ट स्टॉफ को कोरोना वायरस से कैसे बचाए?  

स्वास्थ्य मानकों के कमजोर होने के संबंध में मेट्रो आस्पताल के स्पोट्स साइंस विशेषज्ञ डॉ. दिनेश समुझ कहते हैं कि यह बड़े आश्चर्य और गंभीर बात है कि आईओसी ने दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय को अनसुना किया है। वह कहते हैं कि मैंने ओलंपिक खेलों के दौरान लागू किए गए स्वास्थ्य मानकों का अध्ययन किया है और पाया कि ये मानक ओलंपिक खेलों के दौरान इतने प्रभावी नहीं होंगे। कारण है कि इन मानकों के बारे में आईओसी ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को अवगत नहीं कराया और उनसे सलाह लेना मुनासिब नहीं समझा। 

वह कहते हैं कि उदाहरण के लिए आईओसी की प्लेबुक के अनुसार एथलीट अपने जोखिम पर भाग लेते हैं। जबकि उनके द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिम के विभिन्न स्तरों को वे पहचानने में विफल रहते हैं। तापमान की जांच और चेहरों को ढकने जैसे उपायों की गंभीरता को वे पहचानने में अक्सर विफल रहते हैं। और इसी का नतीजा है कि ओलंपिक खेल अभी अपना सफर का आधा हिस्सा भी पार नहीं कर पाया हैं और खिलाड़ी तेजी से कोरोना वायरस की चपेट में आते जा रहे हैं।  

खेल विशेषज्ञ राकेश थपिलियाल ने इस संबंध में कहते हैं कि आईओसी की प्लेबुक वैज्ञानिक रूप से कड़े मूल्यांकन के बाद नहीं बनी है और वह उन तरीकों पर विचार करने में विफल रहती है जो कारक वास्तव में जोखिम में योगदान को बढ़ाते हैं। वह कहते हैं कि अभी तो शारीरिक रूप से स्वस्थ खिलाड़ियों का यह हाल है इसी शहर में इन खेलों के बाद पैरालंपिक खेलों का भी आयोजन होना है। ऐसे में पैरालंपिक खिलाड़ी उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं। उनके लिए क्या अलग से आईओसी ने स्वास्थ्य मानक बनाए हैं या इसी मानक को वहां भी लागू किया जाएगा।

टोक्यो में 27 जुलाई को कोरोना वायरस  के 2,848 नए मामलों का रिकॉर्ड बना था लेकिन बुधवार को इससे भी ज्यादा नए मामले सामने आए। हालांकि इस दौरान ओलंपिक खेल गांव अछूता रहा लेकिन इससे जुड़े कर्मचारी तो अपने को कोरोना से नहीं बचा पाए। पिछले साल की शुरुआत में महामारी फैलने के बाद जापान की राजधानी में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2,06,745 तक पहुंच गया है। टोक्यो में ओलंपिक की शुरुआत से पहले 12 जुलाई से आपातकाल लागू है। लोगों के विरोध और महामारी फैलने की अशंका से जुड़ी चिंताओं के बीच ओलंपिक खेल गत शुक्रवार को शुरू हुए थे। 

विशेषज्ञों का कहना है कि टोक्यो में संक्रमण के मामले वायरस के डेल्टा वेरिएंट से फैल रहे हैं जो काफी तेजी से फैलता है। इस पर ध्यान देने की सबसे अधिक जरूरत है। पूरे जापान में अकेले 27 जुलाई को 7,630 नए मामले सामने आए और इससे मामलों की संख्या बढ़कर 8,82,823 हो गई है। हालांकि दूसरी ओर जापान सरकार ने इस बात से इंकार किया  है कि टोक्यो में कोरोना वायरस ओलंपिक खेलों के कारण बढ़ रहे हैं। जापान के टीकाकरण मंत्री तारो कोनो ने बुधवार को कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि कोरोना संक्रमण टोक्यो ओलंपिक के खिलाड़ियों से फैल रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ओलंपिक खेलों से जुड़े कोई मामले हैं। हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं।”

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