कुंभ : 31 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी,  कोरोना बचाव से शासन-प्रशासन ने खड़े किए हाथ

स्थानीय लोग इस कुंभ आयोजन से नाराज हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का आयोजन एक बेहद गंभीर हॉटस्पॉट बनने जा रहा है

By Vivek Mishra

On: Monday 12 April 2021
 
कुंभ के पहले शाही स्नान के दिन उत्तराखंड में कुल 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए

उत्तराखंड के हरिद्वार में अपने दोस्तों के साथ कुंभ स्नान के लिए पहुंचे 65 वर्षीय बशीर बादशाह शेख को शाम को रेलवे स्टेशन के नजदीक जिला एचएमजी चिकित्सालय के इमरजेंसी में भर्ती होना पड़ा। उनके दोस्त महादेव संपत काथावाटे भी साथ थे। उन्होंने बताया कि गंगा स्नान के बाद लौटते वक्त धूप अधिक थी और सामान उठाने के कारण इनकी हालत खराब हो गई, एंटीजन टेस्ट में निगेटिव हो जाने के बाद एंबुलेंस इन्हें अस्पताल ले आई। 
 
बुजुर्ग बशीर बादशाह शेख उच्च रक्तचाप के मरीज भी हैं और उनके सीने में दर्द था, उन्हें उल्टियां हो रही थीं। शाम को 5 से 6 बजे के बीच आकस्मिक विभाग में इलाज कर रहे डॉक्टर ने डाउन टू अर्थ से बताया कि इलाज किया जा रहा है। सामान्य रोगों का इलाज अस्पताल में बंद था। 
 
बशीर और उनके मित्र महादेव अकेले नहीं थे। कुंभ के पहले शाही स्नान के दिन उत्तराखंड में कुल 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए। इनमें कई बच्चे और बूढ़े भी शामिल थे। हालांकि, इससे पहले उत्तराखंड मेला अधिकारियों ने दावा किया था कि शाही स्नान में एक करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या जुट सकती है। यदि ऐसा होता तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी। 
 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी एसओपी में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को कुंभ न आने का आग्रह किया था। हालांकि इसका पालन नहीं किया गया। हरिद्वार से हरि की पौड़ी के 3 से 4 किलोमीटर के रास्ते पर ऐसे बजुर्गों और बच्चों की अच्छी-खासी संख्या चलती फिरती नजर आई। इस रास्ते पर जगह-जगह पुलिस की बैरिकेडिंग है। इसमें सीआईएसएफ के जवान, राष्ट्रीय स्वयं संघ के लोग और पुलिस की तैनाती है जो शाही स्नान के दौरान आम लोगों को दिनभर हरि की पौड़ी की तरफ जाने से रोकती रही। लेकिन लोगों का गंगा घाटों की तरफ आना-जाना जारी रहा। 
 
स्थानीय लोग इस कुंभ आयोजन से नाराज हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का आयोजन एक बेहद गंभीर हॉटस्पॉट बनने जा रहा है। 
 
वहीं, पहले शाही स्नान में ही मेला इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) संजय गुंज्याल ने कहा कि भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के कोराना बचाव नियमों संबंधी एसओपी को ऐसी स्थिति में लागू कराना बेहद मुश्किल हो गया है। 
 
इससे पहले आर्टिफिशियल इंटलीजेंस युक्त कैमरों को लगाकर घाटों पर सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों और लोगों की संख्या की पाबंदी का दावा किया गया था। हालांकि, यह कैमरे नहीं लग पाए। और न ही इस तरह की कोई निगरानी घाटों पर बीते तीन दिनों में दिखाई दी। 
 
शाही स्नान के दो दिन पहले से ही हरिद्वार में भीड़ का बढ़ना शुरू हो गया था। डाउन टू अर्थ की टीम 10 अप्रैल को हरि की पौड़ी पर मौजूद थी और इन तीन दिनों के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों की अनदेखी जारी रही है। 
 
कुंभ मेला कंट्रोल रूम ने डाउन टू अर्थ को बताया कि कुल  सुबह 4 बजे से शाम छह बजे तक 31 लाख 30 हजार श्रद्धालु आए। वहीं, 11 अप्रैल को शाम छह बजे तक 95 हजार लोग पहुंच थे। जबकि 10 अप्रैल को यह संख्या 40 हजार के करीब थी।
 
संख्या बढ़ने के साथ ही कोरोना संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोत्तरी जारी है। हरिद्वार सीएमएस एके सेंगर ने डाउन टू अर्थ को बताया कि निश्चित ही कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। हम ज्यादा से ज्यादा एंटीजन टेस्ट ही कर रहे हैं। बाहर से आने वाले लोगों में ही कोरोना संक्रमण ज्यादा मिल रहा है। बॉर्डर इलाकों पर और मेला क्षेत्र में रैंडम टेस्ट किए जा रहे हैं। 11 अप्रैल को 23 हजार से ज्यादा कोरोना जांच की गई। इनमें 70 से 80 फीसदी एंटीजन टेस्ट ही थे।  हालांकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय का आदेश है कि प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा कोरोना जांच होनी चाहिए। 
 
हरिद्वार चिकित्सा विभाग के मुताबिक 11 अप्रैल को हरिद्वार में 372 लोगों में कोराना पॉजिटव होने की पुष्टि हुई। 12 अप्रैल का परिणाम अभी तक आया नहीं है। कुछ अखाड़ों के महंतों को भी कोरोना संक्रमण हुआ है। इनमें जूना अखाड़ा (2 कोरोना पॉजिटव), निरंजनी आखाड़ा (1 कोरोना पॉजिटव ) आदि शामिल हैं। इन सभी को कैंप में होम आइसोलेशन में ही रखा गया है। 
 
सीएमएस एके सेंगर के मुताबिक शाही स्नान के बाद कुछ अखाड़ों में सैंपल एकत्र किए गए हैं। वहीं, अखाड़ों के बाहद तैनात पुलिस वालों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उनके सैंपल लिए गए लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं बताया गया है। 
 
गंगा घाटों पर और हरिद्वार स्टेशन से लेकर हरि की पौड़ी तक लगातार श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। गंगा स्नान के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा शायद न धुल पाए।  
 
अगला शाही स्नान 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को है। बॉर्डर पर बाहर से आने वालों के लिए  काफी सख्ती है। बिना पास और रजिस्ट्रेशन के वाहनों का प्रवेश मना किया जा चुका है। रेलवे स्टेशन पर वापस लौटने वाले श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो चुका है। ऐसे में घरों को वापस जा रहे श्रद्धालु गंगा का आर्शीवाद और कोरोना संक्रमण का भय दोनों अपने साथ लेकर कुंभ से वापस लौट रहे हैं।

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