कोविड-19 के नए सब वैरिएंट जेएन.1 ने भारत में दी दस्तक, जानिए कितना खतरनाक यह नया वैरिएंट

भारत, चीन, अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में कोविड-19 के इस नए सब वैरिएंट के पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है

By Lalit Maurya

On: Monday 18 December 2023
 
समय-समय पर सामने आते कोरोना वायरस के यह नए वैरिएंट इस बात का सबूत हैं कि महामारी का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है; फोटो: आईस्टॉक

भारत में कोरोना वायरस के एक और नए सब वेरिएंट जेएन.1 के पाए जाने के बाद लोगों में चिंताएं बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के इस सब वैरिएंट की चीन, अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। बता दें कि कोरोना के इस नए सब वेरिएंट के सबसे पहला मामला लक्जमबर्ग में सामने आया था।

इसके बाद यूके, आइसलैंड, फ्रांस, चीन, सिंगापुर और अमेरिका सहित कई देशों में इसके मामलों के सामने आने की पुष्टि हुई है। अब भारत में भी इसका एक मामला सामने आया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि केरल की 79 वर्षीय एक महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के लक्षण देखे जाने के बाद, 18 नवंबर 2023 को आरटी-पीसीआर जांच की गई थी, जिसमें वो कोरोना से संक्रमित पाई गई थी। पुष्टि हुई है कि यह महिला कोविड-19 के नए सब वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित थी।

बता दे कि इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री के भी जेएन.1 से संक्रमित होने का पता चला था। वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली का मूल निवासी है और उसने 25 अक्टूबर 2023 को सिंगापुर की यात्रा की थी। हालांकि तिरुचिरापल्ली या तमिलनाडु के अन्य स्थानों पर इस सब वैरिएंट के पाए जाने के बाद मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।

समय-समय पर सामने आते रहे हैं नए वैरिएंट

पिछले तीन वर्षों से भी ज्यादा समय से दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस महामारी का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। हालांकि पिछले एक वर्ष के दौरान इसके मामलों में कमी देखी गई, जिसके चलते इस साल मई 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस 'ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी' की लिस्ट से बाहर जरूर कर दिया, लेकिन इसके संक्रमण का खतरा अब भी पूरी तरह टला नहीं है। यही वजह है कि समय-समय पर इसके नए वेरिएंट सामने आते रहते हैं।

बता दें की पिछले कुछ समय में कई देशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। चीन के अलावा सिंगापुर में भी कोरोना के बढ़ते मामलों की खबरे सामने आई हैं। सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) ने 15 दिसंबर 2023 को जानकारी साझा करते हुए बताया है कि तीन से नौ दिसंबर तक देश में कोरोना के मामले बढ़कर 56,043 पर पहुंच गए हैं। जो पिछले सप्ताह की तुलना में 75 फीसदी अधिक हैं।

पिछले सप्ताह सिंगापुर में कोरोना के 32,035 मामले सामने आए थे। यहां जो ज्यादातर नए मामले सामने आए हैं उनमें से ज्यादा मामले कोरोना के इस नए सब वेरिएंट जेएन.1 के ही सामने आए हैं। ऐसे में भारत सरकार भी इस मामले को गंभीरता से देख रही है।

क्या है जेएन.1?

अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक कोरोना का यह सबवेरिएंट जेएन.1, काफी हद तक ओमिक्रॉन सबवेरिएंट बीए.2.86 से मिलता जुलता है। बीए.2.86 को पिरोला के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, पिरोला में 30 से ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं।

सीडीसी के मुताबिक जेएन.1 और बीए.2.86 के केवल स्पाइक प्रोटीन में ही अंतर है। यह स्पाइक प्रोटीन वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसे दिखते हैं। इन्हीं की वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से होता है। विशेषज्ञों ने इसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताया है। बता दें कि यह उन्‍हें भी संक्रमित कर सकता है जिन्‍हें पहले कोरोना हो चुका है।

क्या दूसरे वैरिएंट से अलग हैं जेएन.1 के लक्षण

सीडीसी के अनुसार कोरोना के इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 के अब तक तक कोई खास अलग लक्षण सामने नहीं आए हैं। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के दूसरे वैरिएंट से अलग हैं या नहीं।

आमतौर पर देखा जाए तो कोविड-19 के लक्षण सभी वैरिएंट में करीब-करीब के जैसे ही होते हैं। हालांकि इसके लक्षण और वो कितने गंभीर होंगें यह किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा और उसके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।

कितना खतरनाक है कोरोना का यह नया सब वेरिएंट

जेएन.1 कितना खतरनाक है इसको लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि सीडीसी के मुताबिक इसके बढ़ते मामलों को देख कर यह कहा जा सकता है कि या तो यह वायरस ज्यादा आक्रामक है या फिर इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है।

सीडीसी का अनुमान है आठ दिसंबर, 2023 तक, अमेरिका में कोरोना के 15 से 29 फीसदी मामले जेएन.1 सब वैरिएंट के हैं। वहीं चीन और सिंगापुर में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

हालांकि साथ ही सीडीसी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि जेएन.1 कोरोना के मौजूदा अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक है या नहीं। ऐसे में यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कितना बड़ा खतरा है इस बारे में कुछ भी पुख्ता तौर पर कह पाना मुश्किल  है।

वहीं सीडीसी के शुरूआती आंकड़ों से पता चला है कि कोविड-19 टीके इस सब-वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर हैं।

भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी 18 दिसंबर 2023 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी भी कोरोना के 1,828 मामले सक्रिय हैं। इनमें से 1,634 मामले केरल में हैं। गौरतलब है कि देश में अब तक कोरोना के साढ़े चार करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं यह महामारी अब तक 533,317 जिंदगियों को लील चुकी है।

वहीं यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो यह महामारी अब तक दुनिया भर में 77.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है। इसकी वजह से हम अब तक 69,87,222 जिंदगियों को खो चुके हैं।  

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