कोरोना संक्रमण का सेंटर बनता जा रहा आईटी हब नोएडा

जिला गौतमबुद्ध नगर में 28 मार्च को पांच नए मामले सामने आए हैं। इस तरह यहां अब कोविड-19 मरीजों की संख्या 22 पहुंच गई है

By Bishan Papola

On: Friday 27 March 2020
 

उत्तर-प्रदेश का आईटी हब नोएडा अब कोरोना संक्रमण का हब बनता जा रहा है। यहां की आधुनिक चिकित्सा सुविधा भी कोरोना संक्रमण के मामलों को कम करने में सफल नहीं हो पा रही है। स्थिति यह है कि लॉकडॉउन के बाद भी यहां लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गौतमबुद्ध नगर में शामिल नोएडा में 28 मार्च को 5 नए मरीजों की पहचान हुई। यहां अब 22 लोग कोराना पॉजीटिव हो चुके हैं।

नोएडा उत्तर-प्रदेश का शो-विंडो है। नोएडा की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी। वैसे तो औद्योगिक दृष्टिकोण से इस शहर को बनाया गया, लेकिन धीरे-धीरे इसकी पहचान आईटी हब के रूप में बन गई। दिल्ली-एनसीआर में जहां गुड़गांव की पहचान बीपीओ के लिए होती है, उसी प्रकार नोएडा की पहचान आईटी के लिए होती है। आईटी के अलावा गारमेंट् उद्योग भी यहां बहुत हैं। यही वजह है कि यहां से विदेशों में कारोबार होता है। और विदेशी लोगों का यहां आना जाना तो लगा ही रहता है, बल्कि यहां के लोग भी विदेश जाते रहते हैं। चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका सहित दुनिया के 13 ऐसे देश हैं, जिनसे नोएडा के कारोबारी रिश्ते हैं। कोरोना को लेकर जब से भारत में स्क्रीनिंग शुरू हुई है, तक से लेकर अब तक नोएडा में विदेश से 1105 लोग आए हैं, जिनमें से प्रशासन ने 1052 लोगों की पुष्टि कर ली है। इनमें से 297 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 221 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अन्य लोगों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। 

10 हजार लोगों पर है निगरानी

28 मार्च तक नोएडा में जिन 17 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया है, उन्हें ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान-जिम्स में बनाए गए आईसोलेशन वॉर्ड में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा 120 लोगों को जिले के क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है, जिनमें सबसे अधिक 81 लोगों को नोएडा के सेक्टर-39 स्थित नए जिला अस्पताल में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कराया गया है। 36 लोगों को ग्रेटर नोएडा के अंबेडकर छात्रावास में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर व 3 लोगों को नोएडा चाइल्ड पीजीआई के क्वारंटीन वॉर्ड में भर्ती कराया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनुराग भार्गव ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम 10 हजार लोगों पर निगरानी रख रही है। ये सभी उन सोसायटीज के लोग हैं, जिनमें कोरोना पॉजिटिव व संदिग्ध मरीज मिले हैं। 

नोएडा में पांच, ग्रेटर नोएडा में दो सोसाइटी सील

 नोएडा-ग्रेटर नोएडा की जिन सोसायटीज में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, उन सोसायटीज को 31 मार्च तक के लिए सीज किया गया है। इनमें सेक्टर-100 स्थित लोट्स स्पेशिया, सेक्टर-78 की हाइड पार्क, सेक्टर-74 की सुपरटैक कैपटाउन, नोएडा एक्सटेंशन स्थित निराल ग्रीन शायर व सेक्टर-135 स्थित लॉजिक्स ब्लासम सोसाइटी शामिल हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के अल्फा-वन में संक्रमित मरीज मिलने से सभी ब्लॉकों को सीज कर दिया है। ग्रेटर नोएडा की ही जीटा-वन की एटीएस डोल्से हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाला युवक भी कोरोना की संक्रमण की चपेट में है। इस सोसायटी को भी सीज कर दिया गया है। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि जब तक सीज सोसायटीज में रहने वाले सभी लोगों की मेडिकल जांच पूरी नहीं की जाएगी और इन इलाकों को पूरी तरह सैनेटाइज नहीं किया जाएगा, तक तब हर किसी के बाहर व अंदर आने जाने पर रोक लगा दी गई है। लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने में पुलिस-प्रशासन की टीम मदद कर रही है। सोसायटीज के लोग भी खुद एहतियात बरत रहे हैं। सेक्टर-74 हाइड पार्क सोयायटी एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना के दहशत को देखते हुए लोगों के बाहर से आने पर भी रोक लगाई गई है और अंदर से भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।

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