तीन मई तक देश में बढ़ा लॉकडाउन, सरकार ने तैयार की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 15 अप्रैल को गाइडलाइंस जारी की जाएगी और 20 अप्रैल से कुछ इलाकों में तय शर्तों के मुताबिक छूट दी जाएंगी

By DTE Staff

On: Tuesday 14 April 2020
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हुए। फोटो: पीआईबी

कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में किए गए लॉकडाउन की अवधि को 15 अप्रैल से बढ़ा कर 3 मई कर दिया गया है। यह जानकारी 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी।

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों और विशेषज्ञों से आए सुझावों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, "20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।" लेकिन ये अनुमति सशर्त होगी, बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में 15 अप्रैल को सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल से चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान, गरीब लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं।

उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइंस में गरीब मजदूरों के अलावा किसानों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर, प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।

 

प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि देश में दवा से लेकर राशन तक का पर्याप्त भंडार है, सप्लाई चेन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही हैं। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है।

विश्व का अनुभव ये कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर पंद्र सौ-सोलह सौ बेड की जरूरत होती है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

 

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