तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल हो रहा है 105,38,234 करोड़ रुपए का नुकसान

केवल 38 देशों में तंबाकू पर पर्याप्त कर लगाए गए हैं, जोकि वैश्विक आबादी के केवल 14 फीसदी हिस्से को कवर करते हैं

By Lalit Maurya

On: Wednesday 14 April 2021
 

दुनिया भर में तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल करीब 105,38,234 करोड़ रुपए (140,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो रहा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जारी नए तंबाकू टैक्स मैन्युअल से पता चला है कि यह नुकसान तम्बाकू के कारण स्वास्थ्य पर किए जा रहे खर्च और उत्पादकता में आ रही गिरावट के कारण हो रहा है|

डब्लूएचओ के अनुसार जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में तंबाकू पर लगाए जा रहे कर और उनसे जुड़ी नीतियों में सुधार एक बेहतर कल के निर्माण में मदद कर सकते हैं| यह ऐसा समय है जब देशों को अपनी स्वास्थ प्रणाली मजबूत करने की जरुरत है, जिसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होगी|

डब्लूएचओ के स्वास्थ्य संवर्धन विभाग में राजकोषीय नीतियों के यूनिट प्रमुख जेरेमियास एन पॉल जूनियर के अनुसार, "हमने यह जो नया मैन्युअल जारी किया है, इसकी मदद से देशों में मजबूत कराधान सम्बन्धी नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में मदद मिलेगी| यह मैन्युअल नीति निर्माताओं, वित्त अधिकारियों, कर अधिकारियों, सीमा शुल्क अधिकारियों और तंबाकू कर सम्बन्धी नीति निर्माण में शामिल अन्य लोगों को स्पष्ट, नवीनतम और व्यवहारिक मार्गदर्शन प्रदान करेगा| 

उनके अनुसार “हमें उम्मीद है कि यह दस्तावेज, तंबाकू कराधान बढ़ाने के महत्वपूर्ण लाभों पर प्रकाश डालता है। इसमें उपलब्ध आंकड़े और जानकारियां दुनिया भर के नीति निर्माताओं को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर देंगी।“ मैन्युअल में दी जानकारी पर अमल, न केवल पैसे की बचत करेगा साथ ही इससे लाखों लोगों की जिंदगियां बचाने में भी मदद मिलेगी|

केवल 38 देशों में तंबाकू पर लगाए गए थे पर्याप्त कर

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार तंबाकू हर साल औसतन 80 लाख लोगों की जान लेती है| उनमें से 70 लाख मौतें तो प्रत्यक्ष रूप से तंबाकू के उपयोग का परिणाम हैं, जबकि 12 लाख लोग ऐसे होते हैं जो इसका सेवन नहीं करते, बस वो धूम्रपान के समय उससे उत्पन्न होने वाले धुएं के संपर्क में आते हैं।

दुनिया भर में तम्बाकू का उपयोग और सेवन करने वाले 130 करोड़ लोगों में से 80 फीसदी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। यदि 2018 में जारी आंकड़ों को देखें तो केवल 38 देशों में तम्बाकू पर पर्याप्त कर लगाए गए थे, जोकि वैश्विक आबादी के केवल 14 फीसदी हिस्से को कवर करते हैं| जिसका मतलब है कि उन देशों में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उनकी कीमत का करीब 75 फीसदी हिस्सा कर के रूप में था|

इन करों और इनसे जुड़ी नीतियों की मदद से न केवल देश को लाभ पहुंचेगा| साथ ही इन उत्पादों के उपयोग में भी कमी आएगी, जिससे लोगों का भी जीवन बचेगा| इससे संसाधनों को जुटाने में मदद मिलेगी, स्वास्थ्य सम्बन्धी असमानताएं दूर होंगी, स्वास्थ्य प्रणाली पर बढ़ते बोझ और लागतों को कम करने में मदद मिलेगी और सतत विकास के लक्ष्यों को भी हासिल करना संभव हो सकेगा|

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