गंभीर रूप से झुलसे लोगों के लिए वरदान है नया 3डी स्किन प्रिंटर

वैज्ञानिकों द्वारा बनाया यह 3डी स्किन प्रिंटर ने केवल जलने के घावों को तेजी से भर सकता है। बल्कि उसके निशान तक को कम कर सकता है

By Lalit Maurya

On: Thursday 06 February 2020
 
Photo credit: Liz Do / University of Toronto

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे 3 डी स्किन प्रिंटर को विकसित करने में सफलता हासिल की है जो जलने के घावों को तेजी से भर सकता है। यह प्रिंटर पेंट रोलर की तरह काम करता है। जिसमें जमा बायो इंक घावों को भरने में मदद करती है। यह उपकरण यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो इंजीनियरिंग और सनीब्रुक हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है। जिसके बारे में विस्तृत जानकारी जर्नल बायो फेब्रिकेशन में छपी है। यह प्रिंटर बड़े घावों को भरने के लिए उसके ऊपर त्वचा की परतें जमा कर देता है। जोकि बायो मैटेरियल से बनी होती हैं। साथ ही इसकी 'बायो इंक' तेजी से जख्मो को भरने में मदद करती हैं।

गौरतलब है कि रोलर द्वारा फैलाई जाने वाली जैविक स्याही मेसेनकाइमल स्ट्रोमा सेल्स (एमएससी) से बनी होती है। यह स्ट्रोमा सेल्स अपने वातावरण के आधार पर विशेष कोशिकाओं और उनके प्रकारों में अंतर करती हैं। इसी वजह से यह सेल्स त्वचा को दोबारा बनने में सहायक होती है और घाव के निशान को कम देती है। शोधकर्ताओं ने इसका पहला प्रोटोटाइप 2018 में प्रस्तुत किया था। यह अपने आप में ऐसा एकलौता उपकरण है जोकि दो मिनट से भी कम समय में टिश्यूस के निर्माण के साथ-साथ उन्हें सही जगह पर लगा भी सकता है। इस अध्ययन से जुड़े प्रोफेसर एक्सल गुएंथेर ने बताया कि हालांकि हमने पहले ही साबित कर दिया था कि यह प्रिंटर घाव कि जगह पर सेल्स को जमा कर सकता है। पर हमारे पास इस बात के कोई सबूत नहीं थे कि यह घाव को भरने में भी मदद कर सकता है। लेकिन अब हमारे पास इसको प्रमाणित कर सकते हैं। 

जिंदगी बचाने के साथ-साथ इलाज के पूरे तरीके को ही बदल देगा यह प्रिंटर

जलने के घाव को भरने के लिए वर्तमान में ऑटोलॉगस स्किन ग्राफ्टिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता है। जिसमें घाव के स्थान पर शरीर के अन्य हिस्सों से स्वस्थ त्वचा लेकर उसका प्रत्यारोपण किया जाता है। लेकिन बड़े घावों और पूरे शरीर के झुलस जाने पर उसे ठीक करना एक बड़ी चुनौती होता है। गंभीर रूप से झुलसने से त्वचा की बाहरी और सबसे भीतरी दोनों परतें नष्ट हो जाती हैं। जिसके चलते अक्सर शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से भी जल जाते हैं। ऐसे स्थिति में उन घावों को भरने के लिए स्वस्थ त्वचा नहीं होती जिस कारण मरीज की मृत्यु भी हो जाती है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए 2018 के बाद से इस प्रिंटर के डिजाईन में करीब 10 बार बदलाव किये गए हैं।

Photo: pixabay

बैक्टीरिया को रोकने के लिए वर्तमान प्रोटोटाइप में एक बार उपयोग होने वाले माइक्रोफ्लुइडिक प्रिंटहेड को शामिल किया गया है। साथ ही नाजुक जगहों के लिए एक नरम पहिये को भी लगाया गया है जो प्रिंटहेड के ट्रैक का अनुसरण करता है। जिससे बड़े घावों को भरने के लिए बेहतर नियंत्रण मिलता है। शोधकर्ताओं के अनुसार उनकी पूरी कोशिश है कि इससे घावों को जल्दी भरने में मदद मिल सके। साथ ही जितना हो सके उसके निशान को भी दूर किया जा सके। उनका मानना है कि आने वाले पांच सालों में यह प्रिंटर हॉस्पिटल का हिस्सा बन जायेगा। उन्हें पूरा विश्वास है कि यह प्रिंटर अनेकों लोगों की जिंदगी बचाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। आने वाले वक्त में इस तरह के उपकरण ने केवल लोगों की जिंदगियां बचाएंगे बल्कि यह इलाज के पूरे तरीके को ही बदल देंगे।

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