दिल की बीमारियों को देना चाहते हैं मात तो चलने होंगे हर रोज इतने कदम : शोध

हर दिन 1,000 कदम चलने से मृत्यु का खतरा 15 फीसदी तक कम हो सकता है और केवल 500 कदमों की वृद्धि हृदय रोग से होने वाली मृत्यु के खतरे में सात फीसदी की ला सकती है कमी

By Dayanidhi

On: Friday 11 August 2023
 
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, एल्वर्ट बार्न्स

दुनिया भर में 17 विभिन्न शोध परियोजनाओं के 2,26,889 लोगों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जितना अधिक आप चलेंगे, आपकी मृत्यु और हृदय रोग (सीवीडी) का खतरा उतना ही कम होगा। यह शोध यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

प्रति दिन कदमों की अधिकतम संख्या कितनी होनी चाहिए?

एक बिना दौड़ भाग वाली जीवनशैली, जिसमें शारीरिक गतिविधि का भारी अभाव है, जो हममें बीमारियों के विकास और जीवन को कम करने के खतरे के लिए जिम्मेदार हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, जो लोग सक्रिय नहीं हैं, उनमें अपने सक्रिय साथियों की तुलना में मृत्यु का खतरा 20 से 30 फीसदी अधिक होता है।

दुनिया भर में चार में से एक व्यक्ति सुझाई गई गतिविधि को पूरा नहीं करता है। जो व्यक्ति अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए अक्सर पैदल चलने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसे आमतौर पर व्यायाम का एक सुलभ रूप माना जाता है।

लेकिन आपको हर दिन कितने कदम चलने का लक्ष्य रखना चाहिए? वर्तमान दिशानिर्देश के मुताबिक 10,000 सबसे अच्छा है, लेकिन प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मैकीज बानाच के नेतृत्व में किए गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि हर दिन लगभग 4,000 कदम भी आपके मृत्यु के खतरे को कम कर सकते हैं।

शोधकर्ता का कहना है कि, विश्लेषण बताता है कि किसी भी कारण से होने वाली मौतों को कम करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 4,000 कदम चलने की जरूरत है। हृदय रोग से होने वाली मौतों को कम करने के लिए ऐसे कदम उठाने की जरूरत है।

अध्ययन के हवाले से शोधकर्ता  ने कहा कि, अब तक, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कदमों की सही संख्या क्या है, दोनों कट-ऑफ बिंदुओं के संदर्भ में, जिस पर हम स्वास्थ्य को होने वाले फायदे देखना शुरू कर सकते हैं। इसमें ऊपरी सीमा, यदि कोई हो तो लोगों के स्वास्थ्य के प्रति इसकी भूमिका क्या है। शोध टीम ने बताया कि, वे इस बड़े विश्लेषण में, कदमों की संख्या और सीवीडी तथा सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर के बीच संबंध का आकलन करना चाहती थी।

शोधकर्ताओं ने सामान्य आबादी में रोज कदमों की संख्या दर्ज करने वाले अध्ययनों से आंकड़ों के स्रोत के लिए इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस की खोज की। जिसमें सात वर्षों की औसत अवधि के साथ 22,689 प्रतिभागियों को भर्ती करने वाले कुल 17 अध्ययन शामिल किए गए थे।

अध्ययन दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में आयोजित किए गए थे। प्रतिभागियों की उम्र औसतन 64 वर्ष थी, जिसमें 49 प्रतिशत महिलाएं थी।

अधिक पैदल चलना, भले ही यह थोड़ी मात्रा में ही क्यों न हो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है

हर दिन 1000 कदम चलने से मृत्यु का खतरा 15 फीसदी तक कम हो सकता है और केवल 500 कदमों की वृद्धि हृदय रोग से होने वाली मृत्यु के खतरे में सात फीसदी की ला सकती है। प्रति दिन 20,000 कदम तक चलने वाले व्यक्तियों में स्वास्थ्य लाभ में वृद्धि जारी रही, लेकिन चूंकि शोधकर्ताओं के पास 20,000 कदम से अधिक के आंकड़ों तक पहुंच नहीं थी, इसलिए वे पुष्टि नहीं कर सकते कि कदमों की ऊपरी सीमा क्या होगी।

शोधकर्ताओं ने इस बात का भी मूल्यांकन किया कि, क्या चलने के लाभ अलग-अलग उम्र, लिंग या स्थान के प्रतिभागियों में अलग-अलग थे। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रतिभागियों में, प्रति दिन 6,000 से 10,000 कदम चलने वाले व्यक्तियों की मृत्यु के खतरे में 42 फीसदी की कमी देखी गई। इसके विपरीत, 60 वर्ष से कम उम्र के प्रतिभागी, जो प्रतिदिन 7,000 से 13,000 कदम चलते थे, उनमें मृत्यु का जोखिम 49 फीसदी कम हो गई थी।

शोधकर्ता कहते हैं, अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि आप जितना अधिक चलेंगे, उतना बेहतर होगा।अध्ययन में पाया गया कि, यह पुरुषों और महिलाओं दोनों पर लागू होता है, चाहे वे किसी भी उम्र के हों और चाहे आप दुनिया के समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय या उप-ध्रुवीय क्षेत्र में रहते हों, या मिश्रित जलवायु वाले क्षेत्र में रहते हों।

स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करें

शोधकर्ता इस बात पर जोर देते हैं कि ऐसे समाज में जहां बीमारियों के इलाज पर ध्यान दिया जाता है, हमें आहार और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव के प्रभाव पर विचार करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, हमें अभी भी यह जांच करने के लिए अध्ययन की जरूरत है, कि क्या ये लाभ गहन प्रकार के परिश्रम के लिए मौजूद हो सकते हैं, जैसे मैराथन दौड़ और आयरन मैन चुनौतियां,अलग-अलग उम्र की अलग-अलग आबादी में और विभिन्न संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के साथ। हालांकि, ऐसा लगता है कि, दवा के उपचारों की तरह, हमें हमेशा जीवनशैली में बदलाव को वैयक्तिकृत करने के बारे में सोचना चाहिए।

शोध टीम का कहना है कि हालांकि यह अपनी तरह का सबसे बड़ा विश्लेषण है, लेकिन अध्ययन की कुछ सीमाएं हैं। यह प्रकृति में अवलोकनात्मक है, जिसका अर्थ है कि यह कार्य कारण सिद्ध नहीं कर सकता है। जबकि बढ़े हुए कदमों की गिनती मृत्यु और सीवीडी जोखिम के कम खतरे से जुड़ी है, हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि चलना इसका कारण है।

इसके अलावा, अध्ययन में स्वस्थ आबादी के आंकड़ों का उपयोग किया गया है, इसलिए आंकड़े  आवश्यक रूप से स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे व्यक्तियों पर लागू नहीं होते हैं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि, उनके अध्ययन का उपयोग शारीरिक गतिविधि के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

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