व्यवहारिक और मानसिक विकारों के निदान के लिए डब्ल्यूएचओ ने नया मैनुअल किया जारी

मैनुअल को नवीनतम उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य और सर्वोत्तम जांच के तरीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है

By Dayanidhi

On: Friday 08 March 2024
 
फोटो साभार : आईसटॉक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज मानसिक, व्यवहारिक और तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए एक नया, जांच संबंधी मैनुअल या मार्गदर्शिका प्रकाशित की है

रिपोर्ट में कहा गया है कि मैनुअल को नवीनतम उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य और सर्वोत्तम जांच के तरीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है। मैनुअल को नैदानिक​ परिस्थिति में मानसिक, व्यवहारिक और तंत्रिका संबंधी विकारों की पहचान और जांच करने योग्य मानसिक स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है।

रिपोर्ट के हवाले से विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानसिक स्वास्थ्य और पदार्थ उपयोग विभाग के निदेशक डेवोरा केस्टेल ने कहा, एक सटीक जांच अक्सर उचित देखभाल और उपचार हासिल करने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम होता है। मानसिक, व्यवहारिक और तंत्रिका संबंधी विकारों की पहचान और निदान करने के लिए चिकित्सकों का मदद करने वाला, यह नया आईसीडी-11 जांच मैनुअल यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक से अधिक लोग अपनी आवश्यक गुणवत्तापूर्ण देखभाल और उपचार तक पहुंच सकें।

आईसीडी-11 के अपडेट मैनुअल में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:

आईसीडी-11 में जोड़ी गई कई नई जांच के लिए मैनुअल, जिसमें जटिल पोस्ट-ट्रोमैटिक तनाव विकार, गेमिंग विकार और लंबे समय तक दुःख विकार शामिल हैं। यह स्वास्थ्य पेशेवरों को इन विकारों की जांच बेहतर ढंग से  करने के लिए सहायता प्रदान करता है, जिनकी पहले जांच नहीं की गई और जिनका इलाज नहीं किया गया।

मानसिक, व्यवहारिक और तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए जीवनकाल दृष्टिकोण को अपनाना, जिसमें बचपन, किशोरावस्था और बड़े वयस्कों में विकार कैसे उजागर होते हैं, इस पर ध्यान देना शामिल है।

हर एक विकार के लिए संस्कृति-संबंधी मैनुअल का प्रावधान, जिसमें यह भी शामिल है कि सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अनुसार विकार व्यवस्थित रूप से कैसे अलग हो सकती हैं।

आयामी दृष्टिकोणों का समावेश, उदाहरण के लिए व्यक्तित्व संबंधी विकारों में, यह पहचानते हुए कि कई लक्षण और विकार विशिष्ट कार्यप्रणाली के साथ एक निरंतरता में मौजूद होते हैं।

आईसीडी-11 सीडीडीआर का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों और बिना-विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों जैसे प्राथमिक देखभाल चिकित्सक, जो नैदानिक ​​परिस्थिति में इन जांचों को निर्दिष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं, साथ ही जांच और बिना-नैदानिक भूमिकाओं में अन्य स्वास्थ्य पेशेवर, जैसे नर्स, व्यावसायिक चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्हें मानसिक, व्यवहारिक और तंत्रिका संबंधी विकारों की प्रकृति और लक्षणों को समझने की आवश्यकता है।

आईसीडी-11 सीडीडीआर को दुनिया भर के सैकड़ों विशेषज्ञों और हजारों चिकित्सकों को शामिल करते हुए एक कठोर, कई विषयों वाले और भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से विकसित और क्षेत्र के आधार पर इसका परीक्षण किया गया।

आईसीडी-11 को मई 2019 में 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा अपनाया गया था और जनवरी 2022 में स्वास्थ्य को लेकर की जाने वाली रिपोर्टिंग के आधार के रूप में लागू किया गया। सीडीडीआर आईसीडी-11 का एक नैदानिक ​​संस्करण है और इस प्रकार यह स्वास्थ्य की सांख्यिकीय रिपोर्टिंग की प्रणाली को पूरा करने वाला है। 

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