इस कारण ट्रैक नहीं हो पा रहा है प्रचंड चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय'
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि, ओमान से तटीय पाकिस्तान और गुजरात के इलाकों को अगले सप्ताह तूफान से होने वाले प्रभावों के लिए तैयार रहना चाहिए
On: Friday 09 June 2023
प्रचंड चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' का पता लगाना या इसे ट्रैक करना आसान नहीं है, क्योंकि विभिन्न जलवायु मॉडल अलग-अलग पूर्वानुमान लगा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने इसके प्रभाव को लेकर भारत को सतर्क रहने की चेतावनी दी है ।
जहां हवा की गति 129.64 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के साथ, प्रचंड चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय चौथा सबसे खतरनाक चक्रवात है जो जून में अरब सागर में आया था। 2007 में आए गोनू चक्रवात, जब हवा
की गति 145 समुद्री मील तक पहुंच गई थी, इसे सबसे खतरनाक चक्रवात के रूप में माना गया था, इसके बाद 1998 को गुजरात में आया चक्रवात जिसकी गति 105 समुद्री मील थी और 2019 में आया वायु चक्रवात जिसकी गति 100 समुद्री मील थी।
1998 में गुजरात में आए चक्रवात गोनू और वायु, अल नीनो वाले सालों में आए थे। एनओएए ने आठ जून, 2023 को अल नीनो के आगमन की घोषणा की। इससे पहले, मई 2023 में, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने भविष्यवाणी की थी कि मई से जुलाई 2023 के दौरान अल नीनो के आने की 60 प्रतिशत आसार हैं।
क्या कह रहे हैं मॉडल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) ने नौ जून, सुबह 8.30 बजे तक पूर्वानुमान लगाया है कि चक्रवात अगले 48 घंटों में उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर भारत की ओर बढ़ेगा और फिर बाद के तीन दिनों में उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
आठ जून को आईएमडी के पिछले पूर्वानुमान में कहा था कि तूफान उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ईसीएमडब्ल्यूएफ) मॉडल जैसा कि विंडी सॉफ्टवेयर द्वारा कल्पना की गई है, यह दर्शाता है कि तूफान 16 जून को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में टकराएगा।
चक्रवात के लैंडफॉल या टकराने से कुछ घंटे पहले 15 जून को हवा की गति 77 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। एक अन्य मौसम पूर्वानुमान मॉडल, ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस), एक अलग तरह की भविष्यवाणी करता है।
विंडी द्वारा विज़ुअलाइज किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि तूफान 16 जून को बलूचिस्तान प्रांत में टकराएगा। टकराने से पहले 16 जून को हवा की गति 102 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
आठ जून को, जीएफएस मॉडल ने पूर्वानुमान लगाया था कि 14 और 15 जून तक तूफान के ओमान में टकराने की आशंका है।
हसन निकोल्स ने कहा कि, "ओमान से तटीय पाकिस्तान और गुजरात के क्षेत्रों को अगले सप्ताह संभावित प्रभावों के लिए तैयार रहना चाहिए।" निकोल्स, एक्यूवेदर में वरिष्ठ मौसम विज्ञानी और अंतर्राष्ट्रीय पूर्वानुमान के प्रबंधक हैं।
रीडिंग यूनिवर्सिटी के एक शोध वैज्ञानिक अक्षय देवरस बताते हैं कि मॉडल आमतौर पर भिन्नता दिखाते हैं, लेकिन इस बार विविधताएं काफी आश्चर्यजनक हैं।
उन्होंने कहा इसके दो कारण हैं, पहला यह है कि हवा का व्यवहार एक जैसा नहीं है, “विंड शीयर काफी ऊंची है। उदाहरण के लिए, आपके पास शीर्ष पर एक दिशा में तेज हवाएं चल रही हैं और नीचे की ओर दूसरी दिशा से कमजोर हवाएं चल रही हैं, यह एक झुकाव है, जो उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के हक में नहीं जाता है।
दूसरी प्रतिकूल स्थिति पाकिस्तान और मध्य पूर्व में शुष्क हवा है, जो उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए जहर है। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे चक्रवात आगे बढ़ेंगे, वे विभिन्न क्षेत्रों से शुष्क हवा को खींचेंगे।" जब समुद्र की सतह का तापमान अधिक होता है, तो यह चक्रवातों के पक्ष में काम करता है।
देवरस के अनुसार नतीजतन, मॉडल, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और उन पर नजर रखना और उसकी सटीक तीव्रता और स्थान का पूर्वानुमान लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
लेकिन अगर यह तीव्रता बनाए रख सकता है, तो यह अधिक बारिश करवा सकता है। उन्होंने कहा, "अगर यह पाकिस्तान या उत्तरी गुजरात की ओर आता है, तो यह बारिश को कम कर देगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कोई तूफान लाएगा।"