बंगाल की खाड़ी में बनने वाला चक्रवाती तूफान 'रेमल' मॉनसून पर डाल सकता है असर

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा चक्रवाती प्रसार कोलकाता शहर को और अधिक प्रभावित कर सकता है, तूफान और भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है, निवासियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।

By Dayanidhi

On: Wednesday 22 May 2024
 
। मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ना जारी रखेगा और उसके बाद और अधिक तीव्र हो जाएगा। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी पर चक्रवाती प्रसार के कारण उत्तरी तमिलनाडु-दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों से सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, इससे संबंधित चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से औसतन 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।

इसके उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और 24 मई, 2024 की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक दबाव में तब्दील होने के बहुत अधिक आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ना जारी रखेगा और उसके बाद और अधिक तीव्र हो जाएगा। अगर यह चक्रवाती तूफान बनता है तो इसका नाम 'रेमल' होगा।

उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधि के चलते मौसम विभाग ने कोलकाता में तूफानी हवाएं और बिजली गिरने के खतरे को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पूरे सप्ताह भारी बारिश होने की भी आशंका जताई गई है

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा चक्रवाती प्रसार शहर को और अधिक प्रभावित कर सकता है, तूफान और भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है, निवासियों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।

वहीं, 25 मई को उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिलों और ओडिशा के बालासोर जिले के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इन हिस्सों में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।

25 मई को मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, यहां भी 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक हो सकती है बारिश।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात के 23 मई से 27 मई के बीच ओडिशा के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात पर भी प्रभाव पड़ने के आसार हैं। इसलिए, मौसम विभाग ने 28 मई, 2024 के आसपास गुजरात और मुंबई में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है।

मॉनसून और वर्षा पर प्रभाव
चक्रवात का मार्ग भारत में मॉनसून के आगमन पर बड़ा असर डाल सकता है। यदि रेमल भारतीय तट की ओर बढ़ता है, तो यह वास्तव में मॉनसून की शुरुआत में सहायता कर सकता है। इसके विपरीत, म्यांमार की ओर उत्तर की ओर बढ़ने से मॉनसून के आगमन में देरी हो सकती है। अब तक, मौसम विभाग ने 31 मई के आसपास केरल में मॉनसून शुरू होने का अनुमान लगाया है।

तूफानी गतिविधि को देखते हुए, मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक आज, कर्नाटक, केरल और श्रीलंका के तटों, लक्षद्वीप, मालदीव के इलाकों, कोमोरिन के इलाकों, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण और आसपास के मध्य बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान में 40 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, दक्षिण केरल, श्रीलंका के तटों, कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, सोमालिया तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

आज, सोमालिया तट और उसके आसपास 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

वहीं, तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 23 मई से मध्य और निकटवर्ती दक्षिण बंगाल की खाड़ी में और 24 मई से उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाएं। समुद्र में गए मछुआरों को 23 मई से पहले तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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