भूस्खलन ने दुनिया के शहरी गरीबों के लिए बढ़ाया सबसे अधिक खतरा

शोध के मुताबिक दुनिया भर में भूस्खलन से हर साल औसतन 4500 लोग मारे जाते हैं

By Dayanidhi

On: Friday 12 August 2022
 

पिछले पचास वर्षों में, भूस्खलन और बाढ़ के कारण होने वाली आपदाएं दस गुना बढ़ गई हैं। इसके बावजूद कि वैश्विक डेटाबेस में भूस्खलन को काफी कम दर्ज किया गया है। दुनिया भर में, पहले से ही भूस्खलन से हर साल औसतन 4500 लोग मारे जाते हैं।

भविष्य में दो बढ़ते रुझानों-जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के कारण भूस्खलन का खतरा और भी बढ़ना तय है। 80 फीसदी से अधिक घातक भूस्खलन उष्णकटिबंधीय इलाकों में होते हैं, जो मुख्य रूप से चक्रवात और मॉनसून के दौरान भारी वर्षा से उत्पन्न होते हैं।

कई उष्णकटिबंधीय देशों, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में शहरीकरण की बढ़ती गति, अधिक लोगों को भूस्खलन के रास्ते में धकेल देगी। सिविल इंजीनियर और पांडुलिपि के प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ. उगुर जतुर्क कहते हैं कि पहाड़ों में लोगों द्वारा किए जा रहे बदलावों के कारण उनके कमजोर होने के आसार बढ़ जाते हैं।

घरों के लिए जगह बनाने के लिए पहाड़ों को काटे जाने से पहाड़ अधिक अस्थिर हो जाते है। जंगलों को साफ करने और खराब जल निकासी या लीक पाइप के माध्यम से पानी फैलने से भी भूस्खलन की आशंका अधिक होती है। तो क्या खनन और बुनियादी ढांचे जैसे सड़कों का निर्माण से भी भूस्खलन होता है।

ऐतिहासिक आंकड़ों में पाए गए सहसंबंधों के आधार पर वर्तमान भूस्खलन के खतरों के मूल्यांकन पुरे नहीं हैं जहां भूस्खलन के रिकॉर्ड सही नहीं हैं या गायब हैं। जैसा कि कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में आम है। रिमोट सेंसिंग, आंकड़े एकत्र करने और मॉडलिंग में प्रगति के कारण प्राकृतिक पर्यावरण, बदलते वर्षा पैटर्न और अनौपचारिक शहरीकरण के बीच परस्पर प्रभाव को बढ़ाना संभव है।

अध्ययन में शहरी भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन दोनों के आंकड़ों को मॉडल में डाला गया। मॉडल के माध्यम से उष्णकटिबंधीय इलाकों के पांच शहरों में भविष्य में होने वाले भूस्खलन के खतरों के हॉटस्पॉट की पहचान की और उन्हें जोड़ा गया। इनमें सिएरा लियोन में फ़्रीटाउन, फिलीपींस में एंटीपोलो और बागुओ, हैती में पोर्ट औ प्रिंस, और बुकावु में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य शामिल हैं।

सह-अध्ययनकर्ता प्रो. थॉर्स्टन वैगनर कहते हैं कि शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन सबसे गरीब लोगों को नुकसान में धकेलते हैं। वर्तमान में हमारे पास इस जोखिम के बढ़ने से पहले कार्य करने का अवसर है।

वैगनर ने कहा हम जिस मार्ग का सुझाव दे रहे हैं वह शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं को भूस्खलन को समझने में बनाता है। साथ ही भूस्खलन के जानकारों को एक साथ लाने, तेजी से उन जगहों की पहचान करने के लिए नीतियां बनाई जाए, ताकि सबसे खराब स्थिति को रोका जा सके। यह शोध नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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