दिल्ली-एनसीआर सहित 20 शहरों प्रदूषण से दमघोंटू हालात, बर्नीहाट में जानलेवा बना हुआ है प्रदूषण

वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 16 April 2024
 

भारत में दिल्ली-एनसीआर सहित 20 शहरों में प्रदूषण से हालत दमघोंटू हैं। इन शहरों में अगरतला (215), आसनसोल (223), बल्लभगढ़ (226), बारीपदा (207), बिलीपाड़ा (235), ब्यासनगर (212), छपरा (256), दिल्ली (227), दुर्गापुर (213), फरीदाबाद (249), ग्रेटर नोएडा (290), गुरूग्राम (247), गुवाहाटी (210), हाजीपुर (251), मंडी गोबिंदगढ़ (211), मुजफ्फरनगर (235), मुजफ्फरपुर (254), नोएडा (205), पटना (211)और सिंगरौली (212) शामिल हैं।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि प्रदूषण के मामले में अभी भी बर्नीहाट अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि कल वहां एक्यूआई 308 दर्ज किया गया था। वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के छोटे-बड़े 20 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। कल के मुकाबले देखें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 17.6 फीसदी का इजाफा हुआ है, कल इन शहरों का आंकड़ा 17 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में दौसा, दावनगेरे, देवास, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया आदि शहर शामिल हैं। बता दें कि कल इन संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 112 दर्ज की गई थी। मतलब की इन शहरों की संख्या में कल के मुकाबले करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड़, इंदौर, जलगांव, कैथल, कल्याण, कानपुर आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो इस आंकड़े में 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था।

94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 20 शहरों अगरतला, आसनसोल, बल्लभगढ़, बारीपदा, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, छपरा, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटना, सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 23 अंक बढ़कर 227 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 249, गाजियाबाद में 183, गुरुग्राम में 247, नोएडा में 205, ग्रेटर नोएडा में 290 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 136 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 126, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 140, हैदराबाद में 90, जयपुर में 96 और पटना में 211 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 48, अरियालूर 48, बागलकोट 46, भीलवाड़ा 38, चामराजनगर 44, चिक्कामगलुरु 49, कोयंबटूर 43, एलूर 43, मदिकेरी 43, ऊटी 34, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 39, रामनगर 40, रामनाथपुरम 29, सतना 44, सूरत 42, तुमकुरु 42, वाराणसी 35, विजयपुरा 42 और विरुधुनगर 47 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, देवास, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कारवार, कटनी, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, पाली, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, वापी, वातवा , वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter